राजभवन में राज्यपाल ओम प्रकाश माथुर की उपस्थिति में मनाया गया राजस्थान स्थापना दिवस

राजभवन में राज्यपाल ओम प्रकाश माथुर की उपस्थिति में मनाया गया राजस्थान स्थापना दिवस
– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘एक भारत- श्रेष्ठ भारत’ की संकल्पना से राष्ट्र की एकता और अखंडता को मजबूती प्राप्त हुई है: राज्यपाल ओम प्रकाश माथुर
अशोक झा, नई दिल्ली: राजभवन सिक्किम में आज राज्यपाल श्री ओम प्रकाश माथुर की उपस्थिति में राजस्थान राज्य के 76 वें स्थापना दिवस को भव्यता से मनाया गया। राज्यपाल ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ संकल्पना राष्ट्र की एकता-अखंडता को ज्यादा मजबूत प्राप्त रही है। उन्होंने कहा कि 30 मार्च 1949 को भारत में शामिल हुआ राजस्थान राज्य देश का सबसे समृद्ध राज्य है।
माननीय राज्यपाल ने इस अवसर पर उपस्थित सभी राजस्थानी बंधुओं को अपनी हार्दिक शुभकामनाएँ देते हुए आग्रह किया कि राजस्थान दिवस के अवसर पर संकल्प लें कि मातृभूमि के साथ अपनी कर्मभूमि को भी गौरान्वित करना हर राजस्थानी का कर्तव्य हो , उन्होंने कहा कि मुझे गर्व है आप लोंगो पर की आप आज से 100-150 वर्ष पूर्व विषम परिस्थितियों और साधनों के अभाव में यहाँ आकर बसे और कालान्तर में आपने यहाँ की संस्कृति और भाषा में आत्मसात होते हुए यहां के स्थानीय लोंगो में विश्वास जमाया । उन्होंने स्थानीय मारवाड़ी लोंगो से आग्रह किया कि प्रदेश की स्थापना के मई माह में 50 वर्ष पूरे हो रहे हैं, माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने अपनी गरिमामय उपस्थिति की स्वीकृति दी है और इस अवसर पर सिक्किम में बसे राजस्थानी समाज कोई ऐसा नवाचार् करे जिसे हम बता सकें की ये नया कार्य राजस्थानी बंधुओं ने किया है।”कार्यक्रम की शुरुआत आयुक्त-सह-सचिव,माननीय राज्यपाल श्री जितेंद्र सिंह राजे के स्वागत संबोधन से हुई, जिसमें उन्होंने कहा कि हमारे माननीय राज्यपाल महोदय का राजस्थान स्थापना दिवस के अवसर पर स्वागत करना हमारे लिए गर्व की बात है। राजस्थान, जो अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और परंपराओं के लिए जाना जाता है, के माननीय राज्यपाल इस विरासत के सच्चे प्रतीक हैं। उन्होंने माननीय राज्यपाल और उपस्थित विशिष्ट जनों को अपनी हार्दिक शुभकामनाएँ दीं। अपने संबोधन में उन्होंने राज्य स्थापना दिवस के उद्देश्य को बताते हुए कहा कि यह कार्यक्रम सभी राजभवनों में गृह मंत्रालय की “एक भारत श्रेष्ठ भारत” की परिकल्पना के अंतर्गत आयोजित किया जाता है। उन्होंने कहा कि आज का उत्सव न केवल राजस्थान के राज्य स्थापना दिवस को समर्पित है बल्कि हमारी “विविधता में एकता” की साझा भावना का प्रतिबिंब भी है।सत्रहवीं माउंटेन डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल एम.एस. राठौड़ ने भी सभा को संबोधित करते हुए सभी को अपनी हार्दिक शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने राजस्थान के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की सराहना करते हुए आग्रह किया कि वे राज्य के समृद्ध इतिहास और विरासत को निरंतर इसी तरह प्रदर्शित करते रहें। भारतीय सेना में अपने व्यक्तिगत अनुभवों को साझा करते हुए, मेजर जनरल राठौड़ ने बताया कि राजस्थान की शौर्य और वीरता की कहानियों को अक्सर सेना में अनुकरणीय साहस और देशभक्ति के किस्सों के रूप में उद्धृत किया जाता है।इस दौरान मारवाड़ी समुदाय से श्री एस के सारडा ने भी सिक्किम में मारवाड़ी समाज के योगदान को प्रस्तुत किया , जिसमें उन्होंने सिक्किम में राजस्थानी लोगों के समृद्ध इतिहास पर प्रकाश डाला। आज के कार्यक्रम में मारवाड़ी समुदाय द्वारा पारंपरिक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए जिसमें राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाया गया।
इसके अलावा,भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) द्वारा देशभक्ति और राष्ट्रीय गौरव की थीम पर आधारित मधुर प्रस्तुतियाँ भी दी गईं।इस अवसर पर राजस्थान के माननीय राज्यपाल हरिभाउ बागड़े द्वारा दिए गए संदेश को भी पढ़ा गया साथ ही एक राजस्थान पर आधारित एक फिल्म भी महानुभावों ने देखी। कार्यक्रम में जनरल ऑफिसर कमांडिंग ,17 माउंटेन डिविजन मेजर जनरल एम.एस. राठौर,एसएसबी के अधिकारी,सिक्किम में बसा राजस्थान का मारवाड़ी समुदाय , राजभवन के अधिकारियों, कर्माचारियों की उपस्थिति रही।