दंगा प्रभावित क्षेत्र में जाने से भाजपा प्रतिनिधियों को रोका, पुलिस के साथ धक्का मुक्की

रोके जाने के बाद सड़क पर किया विरोध प्रदर्शन , जमकर नारेबाजी

 

अशोक झा, सिलीगुड़ी: उत्तर बंगाल के मालदा जिला मोथाबाड़ी में सांप्रदायिक हिंसा के बाद इलाके में भारी पुलिस बल की तैनात है। 53 लोगों को पकड़ा गया है। वहीं, विपक्षी पार्टी इसे लेकर टीएमसी सरकार पर हमलावर है। इस बीच, केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार की अगुआई में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक डेलिगेशन को रविवार घटनास्थल से करीब तीन किलोमीटर दूर इंग्लिश बाजार में ही पुलिस ने रोक दिया. पुलिस के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि मोथाबाड़ी में हालात अब सामान्य हैं। भाजपा सांसद खगेन मुर्मू सहित प्रतिनिधिमंडल को हिंसा प्रभावित क्षेत्र में जाने की इजाजत नहीं दी गई, जिसके बाद पार्टी नेताओं और समर्थकों ने कुछ देर के लिए सड़क जाम की। भाजपा वर्कर्स सदुल्लापुर इलाके में लगाए गए लोहे के बैरीकेड को पार कर गए और दूसरी जगह पर लगाए गए अवरोधकों के पास रोके जाने के बाद सड़क पर प्रदर्शन करने लगे. एक अफसर ने बताया कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने टायर जलाए और लकड़ी की तख्तियों से बने दूसरे बैरीकेड्स को तोड़ने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछार की।भाजपा की पश्चिम बंगाल यूनिट के अध्यक्ष मजूमदार ने कहा, ‘बंगाल के लोग देख रहे हैं कि यहां क्या हो रहा है. राज्य की पुलिस सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कार्यकर्ताओं के रूप में काम कर रही है.’ उन्होंने कहा, ‘अगर पुलिस ने पिछले बृहस्पतिवार को भी ऐसा ही उत्साह दिखाया होता और अधिक सक्रिय रहती, तो मोथाबाड़ी में दंगे नहीं होते.’मजूमदार ने पुलिस पर लगाए ये आरोप: स्थानीय लोगों के मुताबिक, बुधवार शाम मोथाबाड़ी में एक पूजा स्थल के सामने से एक धार्मिक जुलूस के गुजरने के बाद बृहस्पतिवार को तनाव फैल गया. क्षेत्र में आगजनी, तोड़फोड़ और लोगों पर हमले की घटनाएं हुईं. हिंसक झड़प में शामिल होने के आरोप में पुलिस ने अबतक कुल 63 लोगों को गिरफ्तार किया है. वहीं, मंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रशासन को सूचना दी थी कि वह इलाके में नहीं घूमेंगे और दंगा प्रभावित लोगों से बात करने के लिए थाने के अंदर बैठेंगे, लेकिन उनके अनुरोध को ठुकरा दिया गया. मजूमदार ने आरोप लगाया कि स्थापित प्रक्रियाओं और अदालती नियमों का उल्लंघन करते हुए भाजपा डेलिगेशन को रोकने के लिए नागरिक स्वयंसेवकों को सर्विस में लगाया गया. उन्होंने दावा किया कि इलाके में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए नागरिक पुलिस को तैनात किया गया और राज्य पुलिस ने नियमों का उल्लंघन किया.
भाजपा नेता ने किया ये सवाल: भाजपा नेता ने सवाल किया, ‘पुलिस ग्रामीणों को रामनवमी की पूजा न करने का निर्देश कैसे दे सकती है? पुलिस ऐसा नहीं कर सकती. मैंने लोगों से बिना किसी डर के रामनवमी मनाने को कहा है.’ इससे पहले, ग्रामीणों ने मजूमदार और अन्य भाजपा नेताओं को अपनी समस्याओं से अवगत कराने के लिए मोथाबाड़ी से कम से कम 10 किलोमीटर पहले रोक लिया था. इन ग्रामीणों में ज्यादातर महिलाएं शामिल थीं। इंटरनेट सर्विस बंद: पुलिस के एक सीनियर अफसर ने बताया कि बड़ी तादाद में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है और हिंसा प्रभावित मोथाबाड़ी में स्थिति शांतिपूर्ण है. हालांकि, उन्होंने बताया कि क्षेत्र में इंटरनेट सर्विस बंद हैं. अफसर ने बताया कि दुकानें और बाजार फिर से खुल गए हैं और रविवार सुबह से हालात सामान्य दिखाई दिए। हाईकोर्ट ने दिया ये निर्देश: उत्तर बंगाल के महानिरीक्षक (आईजी) राजेश यादव ने बताया, ‘स्थिति शांतिपूर्ण है. पिछले 48 घंटों में इलाके में कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है. दुकानें व बाजार खुले हैं और नियमित व्यावसायिक गतिविधियां जारी हैं.’ उन्होंने बताया, ‘हमने अपने पुलिसकर्मियों को वहां तैनात किया है. हम इंटरनेट सेवाओं को फिर से शुरू करने या निलंबन के विस्तार पर बाद में फैसला लेंगे.’ वहीं, कलकत्ता हाईकोर्ट ने शुक्रवार को मालदा के डीएम और एसपी को तीन अप्रैल तक हिंसा पर कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।

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