बंगाल में रामनवमी से पहले ही पूजा पंडाल में आग, सनातनियों का गुस्सा सातवे आसमान पर
सड़क पर उतर कर रहे विरोध, राज्यपाल के निर्देशों का भी नहीं ही रहा पालन

अशोक झा, कोलकाता: बंगाल में रामनवमी शोभायात्रा की तैयारियों के बीच उत्तर 24 परगना के गोबरडांगा थाना क्षेत्र में तनाव का माहौल हो गया है। लोगों का आरोप है कि बदमाशों ने पूजा के पंडाल और मूर्तियों में आग लगा दी लोगों ने कहा, हम रात 2 बजे तक देखते रहे, फिर सुबह 4 बजे देखा कि पंडाल में किसी ने आग लगा दी। घटना गोबरडांगा थाना क्षेत्र के बरगुम कचहरी बारी इलाके की है। यहां अग्रदूत संघ क्लब चालीस साल से बसंती पूजा का आयोजन करता आ रहा है। सुबह-सुबह क्लब के सदस्यों और पड़ोसियों ने देखा कि पंडाल के पीछे से आग लगाई गई है। मूर्ति का एक हिस्सा जला हुआ था और मूर्ति पड़ी हुई थी।सुबह खबर फैलते ही इलाके में तनाव का माहौल बन गया।इसकी जानकारी मिलते ही एसडीपीओ हाबरा और गोबरडांगा थाने की कार्यवाहक ओसी पिंकी घोष मौके पर पहुंचीं। इस घटना के विरोध में स्थानीय लोगों ने हाबरा गोबरडांगा रोड के कचहरी बारी चौराहे इलाके में सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। गोबरडांगा थाना पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि रात के अंधेरे में ऐसी नापाक हरकत किसने की। उधर, रामनवमी शोभा यात्रा को लेकर हावड़ा के जीटी रोड संलग्न और अस्थाई दुकानों को पुलिस ने हटाने का निर्देश दिया है।शोभायात्रा को लेकर पुलिस-प्रशासन मुस्तैद: रविवार को रामनवमी की शोभायात्रा निकाली जाएगी. हावड़ा के जीटी रोड इलाके से शोभायात्रा निकालने की अनुमति उच्च न्यायालय से मिलने के बाद पुलिस प्रशासन की ओर से कड़ी सुरक्षा की व्यवस्था की जा रही है. एहतियात के तौर पर ड्रोन कैमरे से ऊंची इमारतों पर नजर रखी जा रही है. रास्ते की साफ सफाई का काम जोरों से चल रहा है. लोगों का कहना है कि रामनवमी शोभायात्रा शांतिपूर्ण तरीके से निकले, इसे लेकर प्रशासन की ओर से निर्देश दिए गए हैं।इस वजह से हम लोगों ने दुकान हटाने का काम शुरू किया है। रामनवमी शोभा यात्रा संपन्न होने के बाद फिर से दुकान लगाएंगे।रामनवमी पर आज नादिया राणाघाट में होने वाली रैली से पहले पोस्टरों को लेकर राजनीतिक तनाव भी देखने को मिला है। ‘शुवेंदु वापस जाओ’ राणाघाट में लगे इस पोस्टर से राणाघाट में हलचल मच गई है. सूत्रों के मुताबिक, शनिवार सुबह स्थानीय लोगों ने राणाघाट के विश्वास पारा इलाके में भाजपा पार्टी कार्यालय के पास ‘शुवेंदु वापस जाओ’ शब्दों वाला एक पोस्टर देखा. इसके बाद इलाके में हलचल मच गई. खबर मिलने के बाद राणाघाट पुलिस मौके पर पहुंची और पोस्टर हटाया।दुर्गापुर में दिखा सद्भावना का रंग: दुर्गापुर औद्योगिक क्षेत्र में भी महोत्सव शुरू हो गया है. रामनवमी और हनुमान जयंती के अवसर पर आज सुबह दुर्गापुर के बिजन इलाके से पुरुषों, महिलाओं और बच्चों का रंगारंग जुलूस निकला. जुलूस सिजोन इलाके से शुरू होकर सोनार तारी इलाके में समाप्त हुआ. इलाके के मुस्लिम समुदाय के लोगों ने गर्मी में जुलूस में शामिल लोगों को शरबत और ठंडा पानी पिलाया. मोहम्मद आसिफ ने बताया कि हम चार-पांच साल से सद्भाव की इस शोभायात्रा में सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, कुछ दिन पहले हमारा ईद का त्योहार वहां मनाया गया था, जहां हमारे हिंदू भाई कंधे से कंधा मिलाकर हमारे साथ थे, त्योहार में शामिल हुए. इसलिए इस बार हम भी दिल से रामनवमी जुलूस में शामिल हुए. हम पश्चिम बंगाल और पूरे भारत में मानवता की यह मिसाल दिखाना चाहते हैं।अगले साल यानि 2026 में पश्चिम बंगाल में चुनाव होने हैं, इसलिए इस बार की रामनवमी बेहद खास होने वाली है। बीते कुछ वर्षों के अनुभवों को देखते हुए राज्य सरकार से लेकर केंद्रीय एजेंसियां तक पूरी सतर्कता बरत रही हैं। खासतौर पर मालदा के मोथाबाड़ी इलाके में माहौल तनावपूर्ण है, जहां पिछले महीने के अंत में हिंदू समुदाय पर अल्पसंख्यकों ने जमकर हमले किए, आगजनी की और पुलिस पर हिंसा करने वालों के संरक्षण के आरोप लगे हैं। वहीं, राज्य की दो प्रमुख पार्टियां तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने में जुटी हैं।पिछले दशक में बंगाल में रामनवमी का त्यौहार धार्मिक उत्सव के साथ-साथ राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन का जरिया भी बनता रहा है। साथी कई बार राजनीतिक और साम्प्रदायिक टकराव का कारण भी बन चुका है। साल 2017 में पहली बार राज्य में बड़े पैमाने पर रामनवमी रैलियों का आयोजन किया गया। संघ परिवार समर्थित संगठनों ने कोलकाता सहित 175 स्थानों पर आयोजन किए थे। इसके अगले दिन कोलकाता के पोर्ट इलाके में, जहां मुस्लिम आबादी अधिक है, तनाव फैल गया। आरोप है की शोभायात्रा में शामिल लोगों पर अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्र में छतों से हमले किए गए। यहां तक कि पेट्रोल बम भी फेंका गया।वर्ष 2018 में रामनवमी के दौरान आसनसोल में हिंसा भड़क उठी। इसमें एक इमाम के बेटे की जान चली गई थी। उस समय बीजेपी सांसद रहे बाबुल सुप्रियो पर हिंसा भड़काने के आरोप लगे थे। राज्य भर में चार लोगों की मौत हुई थी और हिंदू संगठनों ने जुलूसों पर पथराव के आरोप लगाए थे। बाबुल सुप्रियो फिलहाल तृणमूल कांग्रेस में है और राज्य के मंत्री हैंं। वर्ष 2023 में रामनवमी के दौरान बंगाल के हावड़ा जिले के शिबपुर इलाके में भी भीड़ ने दुकानों और गाड़ियों पर हमला किया था। मीडिया और पुलिसकर्मियों पर भी पथराव किया गया था। उसी साल मुर्शिदाबाद जिले के रेजीनगर में रामनवमी जुलूस पर हमले की खबर आई थी, जहां देसी बम फेंकने और दुकानों में तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आईं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बीजेपी ने एक-दूसरे पर हिंसा भड़काने के आरोप लगाए थे। इसके अलावा हुगली जिले के रिषड़ा, मालदा और नदिया में भी हिंसा का माहौल रहा था। इस दौरान कई गाड़ियां फूंकी गईं और दंगों जैसी स्थिति बन गई थी। दालखोला शहर में भी जुलूस के दौरान हिंसा भड़क गई थी, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे। वहीं 2024 में, मुर्शिदाबाद जिले के शक्तिपुर इलाके में रामनवमी के जुलूस पर पत्थरबाजी और बमबाज़ी की घटनाएं सामने आई थीं। हालात बिगड़ने पर प्रशासन को पूरे इलाके में धारा 144 लागू करनी पड़ी थी। इस बार तनाव के संकेतइस साल भी रामनवमी (6 अप्रैल) से पहले माहौल में तल्खी देखी जा रही है। मालदा जिले के मोथाबाड़ी क्षेत्र में एक मस्जिद के पास से जुलूस गुजरने पर साम्प्रदायिक तनाव फैल गया। इसके बाद बीजेपी नेता और विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने मोथाबाड़ी जाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें अनुमति नहीं दी। शुभेंदु अधिकारी ने इसके खिलाफ कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। इसी तरह बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार को भी मोथाबाड़ी जाने की इजाजत नहीं दी गई। पुलिस ने 29 मार्च को बयान जारी कर सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे भड़काऊ संदेशों को नजरअंदाज करने की अपील की थी और चेतावनी दी थी कि उपद्रव करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। ईद के मौके पर भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में मुस्लिम समुदाय से शांति बनाए रखने और भाजपा की विभाजनकारी राजनीति के उकसावे से बचने की अपील की थी। बुधवार को भी मुख्यमंत्री ने सभी समुदायों से शांति बनाए रखने की अपील दोहराई।
विहिप के बड़े आयोजन और चेतावनी: इस बार विश्व हिंदू परिषद ने बंगाल भर में दो हजार से ज्यादा रैलियां, 200 झांकियां और पांच हजार से अधिक स्थानों पर ‘श्रीराम महोत्सव’ आयोजित करने का ऐलान किया है। विहिप को ओर से कहा गया है कि हम इस बार रामनवमी को पहले से कहीं अधिक भव्यता से मनाने की तैयारी कर रहे हैं। पुलिस से बातचीत जारी है, लेकिन हमें लगता है कि पुलिस पर्याप्त सुरक्षा नहीं दे पाएगी। ऐसे में अपनी सुरक्षा का जिम्मा हमें खुद उठाना होगा। यदि हम पर हमला हुआ तो हम भी जवाब देंगे। वहीं, उत्तर बंगाल विहिप सचिव लक्ष्मण बंसल ने कहा कि सिलीगुड़ी में 156 झांकियां निकाली जाएंगी, जिनमें परिवारिक मूल्यों, सामाजिक एकता, महिला सशक्तिकरण और बिरसा मुंडा जैसे प्रेरणास्रोतों को दर्शाया जाएगा। प्रशासन की तैयारियां रामनवमी को शांतिपूर्ण बनाने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने व्यापक सुरक्षा योजना तैयार की है। राज्य के संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था को विशेष रूप से मजबूत किया गया है। राज्य सरकार ने 29 वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को विभिन्न जिलों और पुलिस कमिश्नरेट क्षेत्रों में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात किया है। इन अधिकारियों को दस संवेदनशील क्षेत्रों की जिम्मेदारी दी गई है, जिनमें हावड़ा, बैरकपुर, चंदननगर, मालदा, इस्लामपुर, आसनसोल-दुर्गापुर, सिलीगुड़ी, हावड़ा ग्रामीण, मुर्शिदाबाद और कूचबिहार शामिल हैं। कोलकाता में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए लगभग तीन हजार पुलिसकर्मियों को सड़कों पर तैनात किया जाएगा। शहर के मुख्य चौराहों, जुलूस मार्गों और संवेदनशील इलाकों में पुलिस पिकेटिंग की जा रही है। ड्रोन कैमरों से निगरानी की जाएगी और ऊंची इमारतों से सादी वर्दी में तैनात अधिकारी जुलूसों पर नजर रखेंगे। मुख्य जुलूसों के अलावा छोटे जुलूसों में भी पुलिस एस्कॉर्ट्स को तैनात किया जाएगा, जिनके पास बॉडी कैमरा होगा ताकि हर गतिविधि की रिकॉर्डिंग हो सके।