काशी में दलित महिलाओं ने श्रीराम ध्वजा के साथ निकाला श्रीराम संस्कृति कलश यात्रा

राम की पूजा घर-घर होगी, तभी बचेगा परिवार

वाराणसी, 6 अप्रैल। महिलाओं के सिर पर राम और जानकी की प्रतिमा, कलश, हाथों में गदा और राम ध्वजा के साथ जब श्रीराम आश्रम से श्रीराम संस्कृति कलश यात्रा निकली तो पूरा वातावरण राममय हो गया। रामपंथ की ओर से दलित परिवार, आदिवासी परिवार की ओर से निकाली गयी कलश यात्रा की विशेषता थी कि नेतृत्व रामभक्त हनुमान चालीसा फेम नाज़नीन अंसारी ने किया। रामध्वजा के साथ जय श्रीराम का जयकारा गूंज रहा था। मुंशी प्रेमचन्द का गांव लमही को गोठने यानी परिक्रमा की परम्परा को निभाते हुए यात्रा के माध्यम से गांव के चारों ओर राम नाम की लकीर खींची गई ताकि गांव को बुरी नजर से बचाया जा सके। घर-घर राम की पूजा को अनिवार्य बनाने की पहल की गई।

इस अवसर पर रामपंथ के पंथाचार्य डॉ० राजीव श्रीगुरुजी ने कहा कि रामपंथ रामपरिवार भक्ति आन्दोलन चला रहा है। हर घर में भगवान श्रीराम के परिवार की पूजा होने लगेगी तो श्रीराम के महान आदर्शों को घर-घर में स्थापित किया जा सकेगा। इससे परिवार बचेगा।

रामपंथ के आचार्य डॉ० कवीन्द्र नारायण ने कहा कि दुनियां भगवान राम के ही रास्ते पर चलकर शांति और समृद्धि की ओर जा सकती है।

इस अवसर पर डॉ० अर्चना भारतवंशी, डॉ० नजमा परवीन, डॉ० मृदुला जायसवाल, ज्ञान प्रकाश, नौशाद अहमद दूबे, अब्दुल्ला दूबे, आभा भारतवंशी, पूनम श्रीवास्तव, सुनीता, सरोज देवी, मैना, रीता, बेचना, लालती, राजकुमारी, प्रियंका, गीता, किसुना, प्रभावती, चन्दा, रेखा, खुशी, इली, उजाला, दक्षिता, राधा, शिखा, सत्यम राय, अमित आदि लोग मौजूद रहे।

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