सभी सनातनियों को एकजुट होकर विकसित भारत बनाने के लिए आगे आना होगा: बजरंग लाल बांगड़ा

कहा, श्रीराम सबकुछ त्याग पर अपना धनुष नहीं, इसलिए आप सभी भी शास्त्र के साथ शस्त्र का करें धारण

अशोक झा, सिलीगुड़ी: श्रीरामनवमी महोत्सव में भाग लेने पहुंचे विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय महासचिव बजरंग बागड़ा सिलीगुड़ी और नक्सलबाड़ी में कहा कि समय आ गया है सनातनियों को एकजुट होना होगा। उन्होंने कहा कि आज पूरे विश्व में भारत सनातन धर्म का ध्वजवाहक बनकर आगे चल रहा है। उसमें बंगाल का भी साथ चाहिए। भारत के अंदर देश विरोधी शक्तियां भी हैं, जो सनातन को तोड़ने में लगी हुई हैं। सनातन की रक्षा के लिए हिंदुओं को संगठित होना होगा। साथ ही विरोधियों को ईंट का जवाब पत्थर से देना होगा। मौजूद सभी लोगों ने संगठन की मजबूती को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जताई। विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय महामंत्री बजरंग लाल बांगड़ा ने कहा है कि राम का आज जन्मदिन है तो उनकी ही बात करे। पिता के कहने पर उन्होंने अपना राजपाट सबकुछ छोड़ दिया पर वनवास के समय भी कंधे से धनुष वाण नहीं उतारा। वे जानते थे कि उन्हें इसकी जरूरत पड़ेगी। आप सभी राम नहीं बन सकते कम से कम उनके आदर्श तो बने। इतना ही नहीं हिंदुओं को अपने देवों से शिक्षा लेकर हाथों में शस्त्र धारण करना होगा। शस्त्र चलाना भी सीखना चाहिए। आत्मरक्षा का गुण विकसित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि दारूल इस्लाम या ईसाइयों द्वारा सभी को अपने समाज में लाने का दिन-रात षड्यंत्र रचा जा रहा है। सभी घरों में लाठी पहुंचाना हमारा कार्य होना चाहिए। तलवार पूजा के लिए रखें। जो सक्षम हों, उन्हें रिवाल्वर, बंदूक रखना चाहिए। केंद्रीय महामंत्री बजरंगलाल बागड़ा ने जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कहा की हिंदुओं में शादियां देरी से होती है। यह एक सामाजिक और पारिवारिक समस्या है। “यह हिंदुओं के स्वयं द्वारा बनाई गई समस्या है। आज के समय में हिंदुओं ने बच्चों की संख्या 4-5 से घटाकर एक दो कर दी है। इसमें कानून का कोई अर्थ नहीं है। समाज में आवश्यकता है कि 20 से 25 साल की उम्र में हिंदू बच्चे बच्चियों की शादियां करवा देनी चाहिए। कम से कम 2 से 3 बच्चे हर परिवार में होने चाहिए। इस दिशा में हम प्रबोधन कर एक कार्यक्रम बना रहे हैं, नहीं तो हमारे ही देश में हिंदूओ के अल्पसंख्यक होने में देर नहीं लगेगी। जातीय जनगणना पर क्या बोले बजरंगलाल बागड़ा? जातीय जनगणना पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि “हम इसके कभी भी पक्षधर नहीं रहे। विश्व हिंदू परिषद जाति जनगणना का हमेशा से विरोध करता है और करता रहेगा. धार्मिक आधार पर जनगणना की जाती है, जो की सही भी है। “जिस हिंदू मुस्लिम क्रिश्चियन और अन्य धर्म के अनुसार उनकी जनगणना करते हैं, जिसमें कौन कितने हैं. इसकी जानकारी होना भी आवश्यक है, लेकिन जाति जनगणना के उद्देश्य ही एक षड्यंत्र हैं, जो कि हिंदू समाज को तोड़ने और बांटने के लिए भ्रम फैलाता जा रहा है। बागड़ा ने बताई हिंदू समाज की चुनौतियां : देश में हिंदू समाज के लिए प्रमुख चुनौतियों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि मुस्लिम और क्रिश्चियन दोनों तरफ से हैं, लेकिन पिछले कुछ समय से हिंदू समाज का धर्मांतरण मुस्लिम समाज से ज्यादा क्रिश्चियन समाज में किया जा रहा है, क्योंकि मुस्लिम समाज में कोई भी हिंदू धन और प्रलोभन से नहीं जा सकता है। “क्रिश्चियन समाज की ओर से लगातार धर्मांतरण के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। हमारे आदिवासी युवा भाइयों को लालच और प्रलोभन देकर धर्मांतरण करवाया जा रहा है. इसमें राजनीतिक लाभ के चलते राजनेता ऐसे लोगों का सहयोग करते हैं।आदिवासी समाज को लेकर क्या कहा? आदिवासी समाज को लेकर बजरंगलाल बागड़ा ने कहा कि “आदिवासियों को राष्ट्रीय स्तर पर हिंदू धर्म से अलग करने का प्रयास किया जा रहा है।आदिवासी समाज की महिलाएं और बुजुर्ग हालांकि इससे अछूते हैं. उनसे पूछा जाए तो वह आपको बताएंगे कि वह हिंदू धर्म से ही है।”वहीं जनजाति समाज के युवाओं को मिशनरी और षड्यंत्रकारी तत्वों ने धर्मांतरण करने का प्रयास किया जा रहा है. अब राजस्थान में भी जनजाति क्षेत्र में धर्मांतरण का षड्यंत्र तेजी से फैल रहा है।

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