पाकिस्तान परस्त आतंकवाद के खिलाफ सिलीगुड़ी में सड़क पर उतरे लोग

विहिप ने किया था हिन्दू हुंकार पदयात्रा का आह्वान, मृतकों की आत्मा के शांति के लिए किया गया पाठ


अशोक झा, सिलीगुड़ी: कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकी हमला को लेकर पूरे देश के साथ सिलीगुड़ी में जबरदस्त आक्रोश है। घटना के बाद से ही जहां लोगों के आंखों में आंसू है वही पाकिस्तान परस्त आतंकवाद के खिलाफ गुस्सा। विहिप के आह्वान पर अब से कुछ देर पहले सिलीगुड़ी हाशमी चौक पर हिन्दू हुंकार पदयात्रा का शुभारंभ हुआ। चौक पर मारे गए पर्यटकों की आत्मा शांति के लिए शांति पाठ और भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस मौके पर संगठन के प्रदेश सचिव लक्ष्मण वंसल, जिला उपाध्यक्ष सह प्रवक्ता सुशील रामपुरिया,
जिला सचिव किशन कुमार अग्रवाल, विभाग प्रमुख राकेश अग्रवाल, प्रदेश संगठन मंत्री अनूप मंडल,सीताराम डालमिया, दिनेश अग्रवाल, दिनेश शाह, रक्षित साहा, मनोज साह, बाबूलाल निमाणी, विनोद अग्रवाल उर्फ बिनु आदि अपने समर्थकों के साथ मौजूद थे। यहां आतंकवाद का पुतला दहन कर आतंकवाद विरोधी नारे लगाए गए। प्रवक्ता सुशील रामपुरिया, लक्ष्मण बंसल, किशन अग्रवाल और सीताराम डालमिया ने कहा कि सबसे पहले हम विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) की ओर से इस हमले की कड़ी निंदा करते है। इसके साथ ही सरकार के मांग की है कि इस हमले का कठोर जवाब देना चाहिए। सिलीगुड़ी में आज हिन्दू हुंकार पदयात्रा इसकी शुरुआत है। इस प्रकार के आंदोलन तबतक जारी रहेगा जबतक आतंकवाद पर लगाम नहीं लग जाता। कहा कि जम्मू कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुई आतंकी घटना की जितनी निंदा की जाय कम है। अब समय आ गया है कि इस्लामिक जिहादी पाकिस्तान व उसके कश्मीरी स्लीपर सेल के विरुद्ध कठोरतम कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। कहा कि ऐसा करने से घाटी में पुनः सिर उठाने का दुस्साहस करने वाले मजहबी आतंकवाद का नाश हो। कहा कि कश्मीर घाटी के पहलगाम में जिस प्रकार यात्रियों के पेंट उतारकर, कलमा पूछ कर और आईडी चेक कर, जब यह सुनिश्चित हो गया कि वे मुस्लिम नहीं है, उनका नरसंहार किया गया, घोर निंदनीय है। इस अमानवीय घटना पर पूरा देश स्तब्ध व आक्रोशित है। यह साफ दिखाई दे रहा है कि 1990 के आतंकवाद के दिनों की वापसी का दुस्साहस हो रहा है। नेताओं ने कहा कि कश्मीर घाटी में आतंकवादियों के स्लीपर सेल आज भी मौजूद हैं जो पाकिस्तान के इशारे पर कभी भी आतंकवाद के इन घृणित घटनाओं को करने के लिए तत्पर रहते हैं। नेताओं ने कहा कि कुछ दिन पहले ही एक सांसद ने कहा था कि कश्मीर में जो यात्री या पर्यटक आ रहे हैं या जमीन खरीद रहे हैं वे यहां सांस्कृतिक अतिक्रमण कर रहे हैं। उसके कुछ दिन के बाद ही, पाकिस्तान के सेना अध्यक्ष ने कहा कि था हमारे सामने कश्मीर को वापस लेना ही एकमात्र एजेंडा रह गया है। अपने उसी एजेंडे की पूर्ति के लिए ही शायद उसने यहां जिहादी आतंकवादी हमला कराया गया है। विहिप नेताओं ने यह भी कहा कि यह कोई सामान्य आतंकवादी घटना नहीं है, बल्कि पाकिस्तान का भारत के खिलाफ युद्ध की घोषणा है। इसका जवाब भारत सरकार को उतनी ही शक्ति से देना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आतंकवाद के दिन दुबारा लौटने का और पाकिस्तान का कोई नेता या सैन्य अधिकारी इस तरह के शब्द बोलने की दुस्साहस ना कर सके।

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