रक्षा मंत्री से मिले तीनों सेना प्रमुख, कहा हम तैयार ग्रीन सिंगनल का इंतजार

केंद्रीय गृहमंत्री ने घटना स्थल जाकर लिया पूरा जायजा

 

अशोक झा, नई दिल्ली: पहगाम आतंकी हमले के बाद से सीमांत इलाके में सतर्कता बढ़ा दी गई है। गृहमंत्री अमित शाह घटनास्थल पर जाकर पूरी घटना की जानकारी ली।उससे पहले वे घायलों के परिजनों से मिले थे। दिल्ली में शाम 6 बजे CCS की बैठक हो रही है। इस बीच आतंकी हमले से बदले हालात के बीच तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने भी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से कहा कि वे हर परिस्थति के लिए तैयार हैं। सूत्रों का कहना है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में दिल्ली में हुई हाई लेवल मीटिंग में जम्मू कश्मीर की समग्र स्थिति की समीक्षा की गई। इस बैठक में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष सीडीएस जनरल अनिल चौहान, तीनों सेनाओं (थल, नभ और जल) के प्रमुख और रक्षा सचिव ने हिस्सा लिया। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल भी शामिल हुए। रक्षा मंत्रालय में 2.5 घंटे चली बैठक: इस हाई लेवल मीटिंग में जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति से जुड़े सभी मुद्दों पर चर्चा की गई. मीटिंग में तीनों सेनाओं के प्रमुख ने अपनी-अपनी तयारियों को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उनकी तीनों सेनाएं हर परिस्थिति के लिए तैयार है। यह बैठक करीब 2.5 घंटे तक चली। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों को अपनी युद्ध तत्परता बढ़ाने और आतंकवाद विरोधी अभियानों की में तेजी लाने का निर्देश दिया। आज शाम 6 बजे होने वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक में इस मुद्दे पर और विस्तार से चर्चा होने की उम्मीद है. सीसीएस की मीटिंग को दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी पीएम मोदी को जानकारी देंगे
पहलगाम हमले का बदला लेने की तैयारी: इस बीच हमले को लेकर सुरक्षा एजेंसियों ने अपनी जांच शुरू कर दी है। पहलगाम हमले का बदला लेने की तैयारी चल रही है। फिलहाल सुरक्षाबलों ने कई संदिग्ध हिरासत में लिया है. पहलगाम के जंगलों में सुरक्षाबलों और जम्मू-कश्मीर पुलिस सर्च ऑपरेशन चला रही है।
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘पहलगाम के आतंकी हमले में अपनों को खोने का दर्द हर भारतीय को है। दुःख को शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता. मैं अपने इन सभी परिवारों और पूरे देश को इस बात का विश्वास दिलाता हूं कि बेगुनाह लोगों को मारने वाले इन आतंकियों को बिल्कुल बख्शा नहीं जाएगा। राजनाथ सिंह ने भी आतंकी हमले पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया, ‘पहलगाम में आतंकवादी हमले की खबर से बहुत दुख हुआ। निर्दोष नागरिकों पर यह नृशंस हमला कायरतापूर्ण और बहुत ही निंदनीय कृत्य है। पीड़ितों के परिजनों के प्रति संवेदना जताता हूं।
यह जंग की आहट, जनरल बक्शी ने चीन और बांग्लादेश से भी अलर्ट रहने को किया आगाह
जनरल बक्शी ने कहा कि ये जंग की आहट है और भारतीय सेना को इसके लिए तैयार हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हालात को समझो, ये जंग की आहट है। जवानों को तैयार करो उन्हें लड़ने दो और आतंकियों के सिर कलम करने दो। जनरल जीडी बक्शी ने कहा कि जो करना है करो, लेकिन छोड़ो नहीं. अपने जगुआर, राफेल, फिफ्थ जेनरेशन फाइटर जेट और एयरक्राफ्ट निकालो। सिर्फ 300 नहीं 1300 की जरूरत है। जनरल बक्शी ने चीन और बांग्लादेश से भी अलर्ट रहने को कहा है। उन्होंने गलवन घाटी और चिकेन नेक पर दोनों देशों की गतिविधियों को देखते हुए यह अपील की है। 2020 में गलवन घाटी पर चीनी सेना के हमले के बाद से LAC पर तनाव की स्थिति है। उधर, पश्चिम बंगाल के चिकेन नेक एरिया के पास बांग्लादेशी सीमा पर आईएसआई और पाकिस्तानी सेना के अधिकारी दौरा कर चुके हैं। शेख हसीना के सत्ता से बाहर होने के बाद भारत और बांग्लादेश के बीच थोड़ी दूरी आ गई है और LOC पर पहले ही हालात ठीक नहीं हैं। जनरल बक्शी ने कहा कि ये जानबूझकर उकसाने और अपमान करने के लिए की गई सोची-समझी साजिश है, जिसका भारत को जवाब देने की जरूरत है। जनरल जीडी बक्शी ने कहा कि हमले से वह बहुत गुस्से में हैं। उन्होंने हमलावरों को कहा कि ये कसाई मासूम बच्चों और महिलाओं पर हमले करते हैं, पर्यटकों की जान लेते हैं और फिर पीएम को चुनौती देते हैं। उन्होंने कहा कि ये स्वीकार नहीं किया जा सकता और पाकिस्तान क्या सोचता है कि वो इससे बचकर निकल जाएगा। उन्होंने कहा कि क्या किसी पाकिस्तानी में इन बेगुनाह लोगों की मौत पर जरा सा भी दुख है। हमले से 6 दिन पहले ही कश्मीर पर बोले थे पाक आर्मी चीफ: 16 अप्रैल को पाक आर्मी चीफ आसिम मुनीर ने कश्मीर और भारत को लेकर भाषण दिया था। उन्होंने कहा था, ‘कश्मीर हमारे गर्दन की नस है, था और रहेगा। हम अपने कश्मीरी भाईयों को नहीं छोड़ेंगे।’ उन्होंने विदेश में रह रहे पाकिस्तानियों से कहा था कि उन्हें ये नहीं भूलना चाहिए कि वे श्रेष्ठ संस्कृति और विचारधारा से जुड़े हैं। आसिम मुनीर ने ये भी कहा कि पाकिस्तानियों को अपने बच्चों को बताना चाहिए कि पाकिस्तान क्यों बना. देश की नींव रखने वाले हमारे नेताओं को लगता था कि हम हिंदुओं से हर तरह से अलग हैं। हमारा धर्म, हमारे रीति-रिवाज, परंपरा, विचार और महत्वकांक्षाएं सब उनसे अलग हैं. इस वजह से टू-नेशन थ्योरी आई और यही 1947 के बंटवारे का आधार बनी।

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