बंगाल में कर्मचारी भर्ती ‘घोटालों’ से जुड़े धन शोधन मामले की जांच के तहत 609 करोड़ की संपति कुर्क
बंगाल के घोटाले को लेकर एक्शन में एजेंसियां, सरकार परेशान

अशोक झा, कोलकाता: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बताया कि उसने पश्चिम बंगाल में तीन अलग-अलग शिक्षक और कर्मचारी भर्ती ‘घोटालों’ से जुड़े धन शोधन मामले की जांच के तहत 609 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की है। संघीय एजेंसी ने कहा कि स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) द्वारा समूह ‘सी’ और ‘डी’ कर्मचारियों की भर्ती से संबंधित मामले में 56.50 करोड़ रुपये मूल्य की भूमि, वाणिज्यिक स्थल, फ्लैट और विला कुर्क करने के लिए नया आदेश जारी किया गया है।ईडी ने एक बयान में कहा कि ये संपत्तियां कथित ‘मुख्य बिचौलिए’ प्रसन्न कुमार रॉय और उनके सहयोगियों की कंपनियों और एलएलपी (सीमित देयता भागीदारी) के नाम पर हैं। इन संपत्तियों की कीमत 56.50 करोड़ रुपये है। उच्चतम न्यायालय द्वारा 2016 की भर्ती प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं पाए जाने और तीन अप्रैल को पूरी भर्ती को रद्द किये जाने के बाद राज्य संचालित और सहायता प्राप्त विद्यालयों के कुल 25,753 शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा।उच्चतम न्यायालय ने हालांकि 17 अप्रैल को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा निर्दोष पाए गए बर्खास्त शिक्षकों की सेवाएं 31 दिसंबर तक बढ़ा दी।बयान के मुताबिक ईडी ने पहले इस मामले में रॉय और उनके ‘मुख्य एजेंट’ चंदन मंडल के नाम पर दर्ज 163.66 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी। एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद दोनों फिलहाल न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं।ईडी ने बताया कि पश्चिम बंगाल का दूसरा भर्ती ‘घोटाला’ मामला नौवीं से 12वीं कक्षाओं में पढ़ाने के लिए सहायक शिक्षकों की भर्ती से जुड़ी है। उसने बताया कि इस मामले में कुल 238.78 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई है।
एजेंसी ने बताया कि तीसरा मामला प्राथमिक शिक्षक भर्ती का है जिसमें 151 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई है। बयान में कहा गया है, ”इस प्रकार, भर्ती घोटाला मामलों में ईडी की कोलकाता कार्यालय ने कुल 609.9 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है।