मुर्शिदाबाद सांप्रदायिक हिंसा में पहले थाना प्रभारी फिर एसपी का किया तबादला

लोग पूछ रहे क्या ऐसा करके सरकार अपने गुनाह से बच सकती है

 

अशोक झा, कोलकाता: मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के खिलाफ भड़की हिंसा में कई लोगों की जान चली गई थी। उग्रवादियों की भीड़ ने हिंदू परिवारों के साथ हिंसा और आगजनी की घटना को अंजाम दिया था। अब पश्चिम बंगाल सरकार ने मुर्शिदाबाद के एसपी का तबादला कर दिया है। मुर्शिदाबाद के एसपी सूर्य प्रताप यादव का तबादला कर उन्हें कूचबिहार चिला राय पुलिस एकादमी का सीओ बनाया गया है। उनकी जगह आईपीएस कुमार सनी राज को मुर्शिदाबाद की जिम्मेदारी दी गई है। जांगीपुर के एसपी को भी हटाया गया है। अब आईपीएस शाव कुमार अमित को जांगीपुर को एसपी बनाया गया है। इसके पहले मुर्शिदाबाद जिले के सुती और समसेरगंज पुलिस थानों के प्रभारियों को बदल दिया गया। ये दोनों इलाके वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे। जिला पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया यह निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि इन दोनों पुलिस स्टेशनों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित थे। हिंसा से संबंधित तीन मौतों में से दो समसेरगंज और एक सुती में हुई। यह निर्णय लिया गया कि दोनों पुलिस स्टेशनों का नेतृत्व ज्यादा अनुभवी और उच्च पदस्थ अधिकारियों द्वारा किया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि इन दोनों पुलिस थानों के पूर्व प्रभारियों के खिलाफ मुख्य शिकायत यह थी कि खुफिया तंत्र इस बात का पहले से अनुमान लगाने में विफल रहा कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन इतना हिंसक रूप ले लेगा।हालांकि, राज्य पुलिस ने यह स्पष्ट नहीं किया था कि दोनों अधिकारियों को हटाया जाना उनके खिलाफ खुफिया विफलता की शिकायतों के कारण था या नहीं, क्योंकि उनके तबादलों को “नियमित” बताया गया है। हालांकि, राज्य पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की है कि खुफिया विफलता की शिकायतों की समीक्षा की जा रही है।राज्य पुलिस ने कहा कि चूंकि दोनों पुलिस स्टेशनों को अपग्रेड किया गया है, इसलिए उनके पिछले प्रभारियों, जो उप-निरीक्षकों के पद पर थे उन्हें बदलना पड़ा। अब सुब्रत घोष को समसेरगंज पुलिस स्टेशन और सुप्रिय रंजन माजी को सुती पुलिस स्टेशन का निरीक्षक नियुक्त किया गया है।बता दें कि मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा को लेकर राज्य सरकार बैकफुट पर है। भाजपा ने इस हिंसा के लिए ममता सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं, इस मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम मालदा और मुर्शिदाबाद का दौरा करने के बाद अपनी रिपोर्ट दी है।महिलाओं को धमकियों और क्रूरता का सामना करना पड़ा। रहाटकर ने पश्चिम बंगाल सरकार से उचित सहयोग न मिलने की शिकायत की और ठोस कार्रवाई की मांग की।पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा ने पूरे देश का ध्यान खींचा है। इस घटना पर राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि मुर्शिदाबाद की घटना बेहद परेशान करने वाली और भयावह थी। जब भी सांप्रदायिक दंगे होते हैं, तो उनका सबसे बुरा असर सबसे पहले महिलाओं और बच्चों पर पड़ता है। मुर्शिदाबाद में भी, स्वाभाविक रूप से इसका असर महिलाओं पर सबसे अधिक पड़ा है। रहाटकर ने इस हिंसा में महिलाओं के खिलाफ हुई क्रूरता और धमकियों की निंदा करते हुए पश्चिम बंगाल सरकार से कार्रवाई की मांग की है। रहाटकर ने बताया कि मुर्शिदाबाद में हिंसा के दौरान न केवल घरों को जलाया और तोड़ा गया, बल्कि महिलाओं को डराने-धमकाने की भयानक घटनाएं भी सामने आई हैं।महिलाओं को डराया-धमकाया गया उन्होंने कहा, महिलाओं को धमकी दी गई कि उन्हें घर छोड़कर भागना होगा। उनके गहने और पैसे छीन लिए गए। सबसे अमानवीय धमकी यह थी कि अगर वे नहीं मानीं, तो उनके और उनके बच्चों के साथ बलात्कार किया जाएगा। महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा किसी भी सभ्य समाज में स्वीकार्य नहीं हो सकती। यह सिर्फ कानून-व्यवस्था का मामला नहीं है, बल्कि यह समाज की संवेदनशीलता और मानवता से जुड़ा मुद्दा है। विजय रहाटकर ने पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से कोई उचित सहयोग नहीं मिलने की बात कही है। उन्होंने कहा, हमने राज्य सरकार से बार-बार आग्रह किया है कि वह कानूनी दायित्वों के साथ-साथ अपने नागरिकों की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करे। यह सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है, जिसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। इस मामले में पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाने की जरूरत है।
वक्फ कानून के खिलाफ मुर्शिदाबाद में हिंसा
इधर, वक्फ कानून के खिलाफ पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा पर असम सरकार में मंत्री पीयूष हजारिका ने ममता बनर्जी की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बंगाल में कानून व्यवस्था बहुत खराब है। सदन में बहुमत के साथ वक्फ कानून पास किया गया। देश में किसी भी जगह पर वक्फ कानून को लेकर हिंसा की खबर नहीं आई, लेकिन हिंसा कहां हुई बंगाल में जहां हिंदुओं पर लगातार अत्याचार किया जा रहा है। बंगाल में हुई में हिंदू लोगों की हत्या हुई। सवाल यह है कि बंगाल में हिंदुओं पर भी हमला क्यों होता रहता है। क्योंकि, बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार सनातनी नहीं है। यह सरकार हिंदुओं को मारने वाली सरकार है। अगर इस सरकार को ज्यादा सहेंगे तो हिंदुओं और सनातनी को कष्ट होगा।

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