बीजेपी विधायक ने पूछा गृह मंत्रालय के निर्देशों का चिकन नेक में कहा तक हो रहा पालन

कहा कि बंगाल सरकार की ओर से नहीं उठाए जा रहे कदम, नदियों की जमीन पर बसाए जा रहे लोग

अशोक झा, सिलीगुड़ी : वोटबैंक या तुष्टिकरण के कारण सिलीगुड़ी चिकन नेक के सुरक्षा के साथ कोई खिलवाड़ तो नहीं हो रहा है। स्वार्थ के लिए नदियों की जमीन को बेचकर लोगों को बसाया जा रहा है। वे कौन लोग है इसकी जांच तो प्रशासन को करना चाहिए। कुछ ऐसे ही सवालों के साथ भाजपा नेता सह विधायक शंकर घोष सिलीगुड़ी थाना पहुंचे। उनके साथ नगर निगम के विरोधी दल नेता अमित जैन, पार्षद शालनी डालमिया, मंजू श्री पाल और कई भाजपा नेता मौजूद थे। घोष ने कहा कि
केंद्र सरकार ने भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने का आदेश दे दिया है। भारत सरकार ने 48 घंटे में पाकिस्तानियों को भारत छोड़ने का आदेश दिया और डेट की बात करें तो यह समय सीमा 29 अप्रैल तक कर दिया गया। इसके बाद अब कल यानी 29 अप्रैल को पाकिस्तानी नागरिकों को किसी भी हाल में भारत छोड़ना होगा। कल सरकार के अल्टीमेटम का आखिरी दिन है। ऐसे में बंगाल के इस सीमावर्ती क्षेत्र में इसको लेकर क्या हो रहा है इसकी जानकारी मांगी गई। उन्होंने कहा कि देशभर में इसको लेकर राज्य सरकार की ओर से लगातार कारवाई हो रही है। लेकिन बंगाल में कोई संकेत नहीं मिल रहे है। विधायक ने कहा कि आपको जानकार आश्चर्य होगा कि जिस रुम में 4 लोग रह रहे थे उसमें अभी 10 लोग देखे जा रहे है। कोई पूछने वाला नहीं कि और लोग कहा से आए। पहलगाम की घटना हो या मालदा मुर्शिदाबाद की सभी जगह बाहरी लोगों ने ही कुकृत कार्य किया था। उसके बाद भी अगर राज्य सरकार नहीं चेती तो क्षेत्र का भगवान ही मालिक?
अगर पाकिस्तानी नहीं गए तो क्या होगा? आइए जानते हैं कि अगर तय समय सीमा के बाद भी पाकिस्तानी नागरिक भारत नहीं छोड़ते हैं तो उनका क्या होगा या उनपर क्या कार्रवाई होगी। दरअसल, 29 अप्रैल तक सभी पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ना अनिवार्य है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को देश के सभी मुख्यमंत्रियों से बातचीत कर यह सुनिश्चित करने को कहा कि कोई भी पाकिस्तानी नागरिक तय सीमा के बाद भारत में न रहे। वहीं अगर कोई पाकिस्तानी नागरिक निर्धारित समय के भीतर भारत नहीं छोड़ता है तो उसे गिरफ्तार किया जाएगा और उस पर मुकदमा चलेगा। नियमों के अनुसार, उल्लंघन करने वाले व्यक्ति को तीन साल तक की जेल या तीन लाख रुपये तक के जुर्माने या दोनों का सामना करना पड़ सकता है।गृह मंत्रालय ने साफ किया है कि SAARC वीजा धारकों के लिए भारत छोड़ने की अंतिम तिथि 26 अप्रैल थी, जबकि मेडिकल वीजा धारकों के लिए यह समय सीमा 29 अप्रैल तय की गई है। आगमन पर वीजा, व्यवसाय, फिल्म, पत्रकार, सम्मेलन, पर्वतारोहण, छात्र और तीर्थयात्री वीजा धारकों को भी 26 अप्रैल तक भारत छोड़ने का आदेश दिया गया था। गृह सचिव गोविंद मोहन ने भी राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक कर निर्देश दिया कि जिन पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा रद्द किया गया है। उन्हें हर हाल में समयसीमा के भीतर भारत छोड़ने को सुनिश्चित किया जाए।आव्रजन और विदेशी अधिनियम 2025 के तहत, यदि कोई विदेशी निर्धारित अवधि से अधिक भारत में रहता है, वीजा शर्तों का उल्लंघन करता है या प्रतिबंधित क्षेत्रों में अनधिकृत प्रवेश करता है, तो उसे तीन साल की जेल या तीन लाख रुपए तक के जुर्माने या दोनों से दंडित किया जा सकता है।

Back to top button