पीएम मोदी ने कोलकोता होटल अग्निकांड पर जताया दुःख

मुआवजे की राशि किया घोषित, घायलों को उचित इलाज का आग्रह

 

अशोक झा, कोलकाता: प्रधानमंत्री कार्यालय ने बुधवार को एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर कर बताया, “कोलकाता में आग लगने की दुर्घटना में लोगों की मौत से दुखी हूं। अपने प्रियजनों को खोने वालों के प्रति संवेदना। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। प्रत्येक मृतक के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपए की अनुग्रह राशि दी जाएगी। इसके अलावा, घायलों को 50 हजार रुपए दिए जाएंगे। पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने भी घटना पर दुख जताया। उन्होंने एक बयान में कहा, “मछुआ बाजार के एक होटल में लगी आग में 14-15 लोगों की मौत हो गई। जिसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। यह महज एक घटना नहीं है बल्कि यह हत्या है, क्योंकि ऐसी घटनाएं बार-बार हो रही हैं। कोलकाता में स्थिति बेहद खराब है। फायर ब्रिगेड मंत्री और मुख्यमंत्री को इस पर ध्यान देना चाहिए, लेकिन मुख्यमंत्री के पास समय ही कहां है। वह सिर्फ जश्न मनाने में व्यस्त हैं।चश्मदीद चंचल गुप्ता ने से बात करते हुए बताया कि होटल में आग मंगलवार देर रात करीब 9 बजे के आसपास लगी थी। आग लगने के बाद दमकल विभाग की टीम को मौके पर पहुंचने में एक घंटा लगा था और करीब ढाई घंटे के बाद आग पर काबू पाया जा सका। सुबह साढ़े चार बजे के आसपास शवों को होटल से बाहर निकाला गया। इस हादसे में करीब 18 से 20 लोगों की मौत हुई है। यह घटना मंगलवार देर रात की है। कोलकाता के बड़ा बाजार के मछुआ फल मंडी स्थित ऋतुराज होटल में अचानक आग लगी थी। यह आग इतनी भीषण थी कि इसने कुछ ही देर में पूरे होटल को अपनी चपेट में ले लिया और होटल के अंदर धुआं भर गया। इस दौरान होटल में मौजूद कुछ लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। हालांकि, धुएं की चपेट में आने से उनकी मौत हो गई।पूरी इमारत गैस चेंबर में तब्दील हो गई। धुएं के चलते दमकलकर्मी भीतर प्रवेश नहीं कर पा रहे थे। अंततः चौथी और पांचवीं मंजिल की खिड़कियां तोड़कर दमकलकर्मी सीढ़ियों की सहायता से अंदर घुसे। होटल में कई लोग फंसे हुए थे, जिनमें से कई की दम घुटने से मौत हो गई। कई लोग खिड़कियों और कार्निश पर चढ़कर जान बचाने की कोशिश करते दिखे। उन्हें दमकल की सीढ़ियों से नीचे उतारा गया। बताया गया है कि होटल में कुल 47 कमरे हैं और लगभग सभी कमरे भरे हुए थे। होटल में पश्चिम बंगाल के अलावा कई दूसरे राज्यों के लोग भी ठहरे हुए थे।

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