भारत बांग्लादेश और नेपाल सीमांत क्षेत्रों में चौकसी चाक चौबंद

 

– रेलवे ब्रिज और यात्रियों की हो रही विशेष निगरानी , चिकन नेक की सुरक्षा को प्राथमिकता

– नेपाल सीमा पर संयुक्त गस्त कर रहे सुरक्षा कर्मी, स्लीपर सेल की तलाश

अशोक झा, नई दिल्ली गृह मंत्रालय ने पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के विभिन्न स्टेशनों और पटरियों पर निगरानी बढ़ाने का आदेश दिया है। आरपीएफ और जीआरपी के साथ-साथ अब बीएसएफ भी रेलवे के साथ समन्वय करके बांग्लादेश सीमा क्षेत्रों में निगरानी करेगी। आरपीएफ ने यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ट्रेनों में जांच अभियान को गति दी है। ट्रेनों की सुरक्षा के लिए रेलवे ट्रैक पर पेट्रोलिंग बढ़ा दी है। ट्रेनों में यात्रियों के सामान की जांच भी की जा रही है। उत्तर बंगाल के जलपाईगुड़ी में आरपीएफ के जवानों द्वारा स्टेशन पर पेट्रोलिंग की गई। इस दौरान कुछ जवान ट्रेन में दाखिल हुए और लोगों से अपील की कि वह यात्रा के दौरान अपने सामान का ख्याल रखें और कुछ भी संदिग्ध मिलने पर तुरंत आरपीएफ को सूचना दें. सुरक्षित रहें और सुरक्षित यात्रा करे। जलपाईगुड़ी में आरपीएफ इंस्पेक्टर बिप्लब दत्ता ने बताया कि हम लोग सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए समय-समय पर पेट्रोलिंग करते हैं। उच्च अधिकारियों से निर्देश मिले हैं इसलिए बांग्लादेश सीमा के करीब रेलवे स्टेशनों और पुलों पर अतिरिक्त गश्त की जा रही है। हम किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए हाई अलर्ट पर हैं उन्होंने बताया कि आरपीएफ बांग्लादेश से सटे उन रेलवे स्टेशनों पर भी पेट्रोलिंग बढ़ा दी है, जो अति संवेदनशील माने जाते हैं। आरपीएफ, पेट्रोलिंग के दौरान खोजी कुत्तों की सहायता भी ले रही है। रेलवे पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि नियमित समय पर रेलवे पुलिस की ओर से रेलवे स्टेशनों पर रूटीन चेकअप किया जाता है लेकिन पहलगाम आतंकी हमले के बाद रेलवे प्रशासन काफी सतर्क है। बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद से भारत ने बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता कर दी गई है। हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना को जवाबी कार्रवाई की खुली छूट दी है। भारतीय वायु सेना, नौसेना और थल सेना सीमा और समुद्र में पूरी तरह तैयार हैं तो देश के अंदर विभिन्न सुरक्षा बल भी अलर्ट मोड में हैं। इसके अलावा सीमा क्षेत्र में ड्रोन से निगरानी की जा रही है। नेपाल भारत से सटे हुए सभी सीमा नाका पर सुरक्षाबलों ने चौबीस घंटे की गश्त को और तेज कर दिया है। सीमा से प्रवेश करने वाले सभी नागरिकों का पहचान पत्र देखकर ही उन्हें नेपाल की सीमा में प्रवेश करने की अनुमति दी जा रही है। नेपाल सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा इस संबंध में निर्देश दिए जाने के बाद भारत से सटी हुई सभी सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त किया गया है। नेपाल भारत के मुख्य प्रवेश द्वार के रूप में रहे बीरगंज में पहचान पत्र दिखाकर ही भारतीय नागरिक को नेपाल में प्रवेश की अनुमति दी जा रही है। बीरगंज के सिटी एसपी गौतम मिश्रा ने बताया कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद अवैध रूप से भारत में रह रहे बांग्लादेशी और पाकिस्तानी नागरिकों का नेपाल में प्रवेश ना हो, इसके लिए सूक्ष्म तरीके से निगरानी की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस तरह की खुफिया सूचना मिली है कि भारत से अवैध बांग्लादेशी और पाकिस्तानी नागरिकों को वहां की सुरक्षा कर्मियों के द्वारा गिरफ्तार कर वापस भेजे जाने की प्रक्रिया शुरू करने के बाद बड़ी संख्या में अवैध बांग्लादेशी और पाकिस्तानी नागरिकों के नेपाल में प्रवेश की संभावना है। बीरगंज के अलावा जनकपुर जटही सीमा, विराटनगर जोगबनी सीमा, सिलीगुड़ी पानीटंकी सीमा, भैरहवा सुनौली सीमा, नेपालगंज बेलहिया सीमा सहित अन्य छोटी सीमाओं पर भी सशस्त्र प्रहरी बल के द्वारा सूक्ष्म तरीके से निगरानी की जा रही है।।दोनों देशों के बीच में खुली सीमा होने के कारण ड्रोन के जरिए भी निगरानी की जा रही है । भारत की सशस्त्र सीमा बल और नेपाल की सशस्त्र प्रहरी बल के बीच समन्वय कर खुली सीमा में ड्रोन से निगरानी की जा रही है ताकि खुली सीमा का फायदा उठाकर कोई भी अवैध बांग्लादेशी या पाकिस्तानी नागरिक नेपाल में प्रवेश ना कर सके।

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