सिलीगुड़ी में सनातनियों ने दिखाया दम, शासन प्रशासन हो रहा बेदम

विहिप के सिलीगुड़ी बंद को मिला भाजपा के साथ अन्य संगठनों का पूर्ण जन समर्थन

 

– कही पुलिस से तो कभी टीएमसी समर्थकों से बंद समर्थकों की नोंकझोंक

अशोक झा/सिलीगुड़ी: माटीगाड़ा तुम्बाजोत में जिहादी मानसिकता वाले एक समूह द्वारा हिंदुओं के घरों में लूटपाट और जानलेवा हमला के खिलाफ विश्व हिन्दू परिषद का 24 घंटे का सिलीगुड़ी बंद अबतक पूरी तरह सफल होता दिख रहा है। बंद के दौरान हर गली मोहल्ले में जय श्रीराम के नारे गूंज रहे है। बंद में जिस प्रकार सनातनियों ने बढ़चढकर हिस्सा लिया उससे शासन प्रशासन के हाथ पांव फूल गए है। कानून व्यवस्था बनी रहे इसके लिए पुलिस प्रशासन अलर्ट नजर आई। बंद का भाजपा ने खुलकर समर्थन किया है। इसके साथ ही इस हमले को जय श्रीराम का विरोध मान ज्यादातर लोग स्वयं ही अपनी प्रतिष्ठान और कारोबार को बंद रखा। सेवक रोड, नया बाजार, रेगुलेटेड मार्केट, चंपासारी, प्रधाननगर, इस्कॉन मंदिर रोड, बर्दमान रोड, बस स्टैंड, विधान मार्केट, हिलकार्ट रोड, एसएफ रोड , मिलनपल्ली, मिलन मोड, माटीगाड़ा, तुम्बाजोत आदि क्षेत्र पूरी तरह बंद है। कई स्थानों पर इक्का दुक्का सरकारी बसों का परिचालन हो रहा है परन्तु उसमें यात्री नगण्य है। ज्यादातर सरकारी कार्यालयों को भी बंद ही रखा गया है। कई स्थानों पर बंद समर्थकों के साथ पुलिस और टीएमसी समर्थकों के साथ तू तू मैं मै होता दिखाई दे रहा है। कई लोगों ने बताया कि यह बंद हमारे कल की सुरक्षा के लिए है। आज उसके साथ हुआ है तो कल मेरे साथ भी हो सकता है। आज योगी जी की बात बंगाल में सौ फीसदी सच हो रही है कि बंटोगे तो कटोगे, एक है तो नेक है। घटना क्या थी? प्रतिबंधित मांस को ले जाया जा रहा था जिसे सनातनियों ने रोका? पुलिस तत्परता दिखाती और वाहन को जप्त कर त्वरित कारवाई करती तो विवाद आगे नहीं बढ़ता। इतना ही नहीं पुलिस निष्पक्ष जांच कर वाहन में आग लगने वाले को पकड़ती तो इस साजिश का पर्दाफाश होता की इस प्रकार के हिंसा के पीछे कौन है? यहां तक कि बजरंग दल के कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के बाद फिर से सैकड़ों की संख्या में जिहादी मानसिकता के लोग थाना पहुंच गए। पुलिस ने उसकी बातें सुनी जिससे उसका मनोबल इतना ऊंचा हो गया कि वह हिंदुओं के घरों में लूटपाट, जानलेवा हमला को अंजाम दिया? यह तो सांसद राजू विष्ट और विधायक आनंदमय बर्मन ही थे जो मौके पर पहुंचे और इस कुकृत करने वालो को सलाखों में पहुंचने पर विवश किया। बंद का आह्वान करने वाली विश्व हिन्दू परिषद की ओर से कहा गया कि हड़ताल जिन मुद्दों पर बुलाई गई है उन मुद्दों को नैतिक समर्थन देने के बावजूद राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस हड़ताल के पक्ष में नहीं है इसलिए राज्य सरकार के ट्रांसपोर्ट यानी नॉर्थ बंगाल स्टेट ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनबीएसटीसी) की बसें सड़कों पर चल रही हैं। हालांकि, इस दौरान सुरक्षा के मद्देनजर एनबीएसटीसी की बसों के ड्राइवर हेलमेट लगाकर बस चला रहे हैं। शहर के आसपास के चाय बागानों में इस हड़ताल का अच्छा असर पड़ा है। शहर व आसपास के स्कूल कॉलेज व अन्य शिक्षण संस्थान पहले से ही कोरोना महामारी के मद्देनजर बंद हैं।विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के प्रवक्ता सुशील रामपुरिया ने कहा,
यह बंद हिंसा और सनातनियों पर दिनदहाड़े किए गए हमले का प्रतिवाद है। यह सीमांत क्षेत्र सभी वर्गों और धर्मों के लोगों को अपने आगोश में समाए हुए है। बांग्लादेशी घुसपैठ, रोहिंग्या के बलबूते पर इस प्रकार की हिंसा की घटना को अंजाम दिया जा रहा है। इतना ही नहीं जिस प्रकार से मुर्शिदाबाद, चोपड़ा, इस्लामपुर, मयनागुड़ी के बाद अब माटीगाड़ा की घटना घटित हुई है यह एक सुनियोजित साजिश है। अबतक बंगाल में वामपंथ का शासन रहा था। सनातनी सोया हुआ था। वर्ष 2011 में 34 साल के सत्ता से कुशासन को उखाड़ फेंकने में सनातनियों ने तृणमूल कांग्रेस को साथ दिया था। लेकिन 10 वर्षों में देखा जा रहा है कि मुस्लिम तुष्टिकरण के कारण अब कट्टरवादी ताकते सनातनी ओर उनसे जुड़े धार्मिक स्थलों पर हमला करना शुरू कर दिया। याद करें”सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार किए बिना ही विपक्ष पूरे देश में इस्लामी जिहादी ताकतों को गुमराह करने और भड़काने की कोशिश किया गया। मुर्शिदाबाद को हिंदुओं का ‘मुर्दास्थल’ बनाने की कोशिश हो रही है और जिहादियों की दीदी ममता बनर्जी पिछले कई दिनों से आराम से चैन की नींद सो रही थी। सनातनियों में गुस्सा तो इस बात को लेकर है कि पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त नहीं कर आज सत्ता पक्ष बंद को विफल करने के लिए जगह जगह दुकानें खुलबाने की कोशिश में लगे रहे। दक्षिण बंगाल के तर्ज पर अब उत्तर बंगाल में भी कानून-व्यवस्था से उनका पूरा कंट्रोल खत्म हो चुका है और बंगाल का प्रशासन अब इस्लामिक जिहादी तत्व संभालेंगे। ऐसा लगता है कि ममता बनर्जी अब उनको और भी खुली छूट देने वाली हैं। विहिप के प्रदेश सचिव लक्ष्मण वंसल ने कहा कि ममता बनर्जी को थोड़ा संभलना चाहिए। बंगाल की जनता अब पूरी तरह से समझ रही है कि उनकी मानसिकता क्या है। मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति में डूबने के बाद उन्हें थोड़ी बहुत हिंदुओं की चिंता करनी चाहिए, ताकि उनके जानमाल की सुरक्षा की जा सके। बंगाल की पावन धरती अब लहूलुहान है और उस पर अंकुश लगाना बहुत जरूरी है।

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