यूपी बोर्ड ने बदले नियम नया विद्यालय खोलने वाले को लगा झटका नए सिरे से करनी होगी तैयारी

यूपी बोर्ड ने बदले नियम नया विद्यालय खोलने वाले को लगा झटका नए सिरे से करनी होगी तैयारी

 

मध्यम वर्ग को स्कूल खोलने से रोकने के लिए और मल्टीनेशनल कंपनियों को लाभ पहुंचाने सरकार ने बनाया नया नियम – मारकंडेय सिंह प्रदेश उपाध्यक्ष माध्यमिक शिक्षक संघ

उप्र बोर्ड से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट विद्यालय खोलना अब आसान नहीं होगा। विद्यालय की मान्यता लेने के लिए लोगो को पहले से अधिक संसाधनों का इंतजाम करना होगा। शहर क्षेत्र में विद्यालय खोलने के लिए पहले मानक में जमीन 650 वर्ग मीटर की जरूरत होती थी, मगर अब उसे बढ़ा कर तीन हजार वर्ग मीटर कर दिया गया है। वही ग्रामीण क्षेत्र में अब नया स्कूल खोलने के लिए छह हजार वर्ग मीटर जमीन जरूरी होगी, जो पहले दो हजार वर्ग मीटर थी। इसके अलावा जमानत राशि में कई गुना बढ़ोत्तरी की गई है। नए नियम के बाद स्कूल खोलने की तैयारी कर रहे लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। अब नए नियम के अनुसार उन्हें फिर से आवेदन करना होगा।

नए नियम में जमानत राशि में हाईस्कूल मान्यता के लिए कोष के रूप में पांच लाख रूपये विद्यालय के नाम के साथ अधिकारी के पदनाम में बंधक कराना होगा। पहले यह धनराशि 15 हजार रुपये ही थी। इसके अलावा स्कूल के सुरक्षित कोष के रूप में डेढ़ लाख रुपये जमा होंगे, जबकि पहले मात्र तीन हजार रुपये निर्धारित था। साथ ही स्मार्ट क्लास, कंप्यूटर क्लास , ऑडियो वीडियो प्रोजेक्टर, बड़ी स्क्रीन एलईडी टीवी, कंप्यूटर कक्ष में 25 कंप्यूटर का इंतजाम करना होगा। शहरी क्षेत्र की कुल तीन हजार वर्ग मीटर विद्यालय भूमि में एक हजार वर्ग मीटर और ग्रामीण क्षेत्र की छह हजार वर्ग मीटर भूमि में दो हजार वर्ग मीटर भूमि पर खेल का मैदान होगा। साथ ही एथलेटिक्स, कबड्डी, कुश्ती, खो-खो, वॉलीबॉल, बास्केटबॉल, बैडमिंटन, लॉन टेनिस, ओपेन जिम्नेजियम व अन्य आउटडोर गेम्स के साथ इनडोर गेम्स के लिए पर्याप्त व्यवस्था होगी। पहले मान्यता के लिए ऐसी शर्त नहीं थी। छात्र संख्या के अनुसार एक वर्ग मीटर की दर से प्रत्येक छात्र-छात्राओं के लिए कुर्सी, मेज, डेस्क- बेंच की व्यवस्था करनी होगी। साथ ही विज्ञान प्रयोगशाला के लिए भी व्यवस्था सुनिश्चित करनी पड़ेगी। जो पहले जूनियर कक्षाओं के साथ दो सौ सेट कुर्सी बेंच अनिवार्य था। शिक्षकों, कर्मचारियों की उपस्थिति के लिए बायोमीट्रिक मशीन, वायस रिकॉर्डर युक्त सीसीटीवी कैमरा, डीवीआर, हाईस्पीड इंटरनेट कनेक्शन भी होगा।

वित्तविहीन विद्यालयों को इंटर की मान्यता लेने के लिए हाईस्कूल की शर्त पूरा करने के बाद इंटरमीडिएट के संचालन के लिए कुछ अन्य शर्तें भी पूरी करनी होंगी। इसके तहत दो लाख रुपये सुरक्षित कोष में जमा करने होंगे। साथ ही विद्यालय में कक्षाओं के आधार पर भवनों को बढ़ाना होगा।

उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष मारकंडेय सिंह ने कहा कि सरकार मध्यम वर्ग को स्कूल खोलने से रोकने के लिए नया नियम बनाया है। स्कूल के क्षेत्र में मल्टीनेशनल कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार ने नया नियम बनाया है, जो बेहद चिंताजनक है।

डीआईओएस डीएस यादव ने बताया कि हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की मान्यता के तय नियमों का परीक्षण करके ही कार्रवाई की जाएगी। शासन के निर्देशों का पूरी तरह पालन कराया जाएगा

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