शव रहकर किया हाईवे जाम पुलिस ने बल प्रयोग कर ग्रामीणों को भगाया

शव रहकर किया हाईवे जाम पुलिस ने बल प्रयोग कर ग्रामीणों को भगाया

उप्र बस्ती जिले में सड़क हादसे में घायल बाइक सवार युवक की 20 दिन बाद शनिवार को लखनऊ स्थित एक प्राइवेट हास्पिटल में इलाज के दौरान मौत हो गई। देर शाम शव गांव पहुंचा तो ग्रामीणों संग परिजनों ने कप्तानगंज में हाइवे पर शव रखकर जाम लगा दिया। काफी समझाने के बाद भी शांति व्यवस्था नहीं बनी तो पुलिस ने बल प्रयोग कर ग्रामीणों को भगाया। शव को कब्जे में लेते हुए मोर्चरी भिजवा दिया। एसएचओ कप्तानगंज सत्येंद्र कुंवर ने बताया कि मौके पर शांति व्यवस्था कायम है। 20 अगस्त की शाम करीब साढ़े चार बजे बहन और भांजी को उनके घर छोड़ने जा रहे कप्तानगंज थाना क्षेत्र के रमवापुर गांव निवासी कमलेश कुमार (19) की बाइक कोतवाली थानांतर्गत डारीडिहा मिश्रौलिया के पास कार की ठोकर से नीचे गिर गई। हादसे में उसके साथ ही बहन सुमन और भांजी घायल हो गई थी। कमलेश को जिला अस्पताल से लखनऊ के लिए रेफर कर दिया गया था। उसी दिन कोतवाली पुलिस ने पिता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया था। शनिवार को इलाज के दौरान कमलेश की लखनऊ में मौत हो गई। देर शाम शव गांव पहुंचा तो दर्जनों ग्रामीणों संग परिजनों ने हाइवे पर रमवापुर चौराहे पर शव रखकर जाम लगाने का प्रयास करने लगे। सूचना पर कप्तानगंज पुलिस मौके पर पहुंची और काफी समझाया-बुझाया। परिजनों‌ का आरोप था कोतवाली पुलिस ने समुचित कार्रवाई नहीं की। कप्तानगंज पुलिस ने उच्चाधिकारियों से बात कर हर सम्भव कार्रवाई कराने का भरोसा दिलाया। लेकिन उग्र ग्रामीणों ने शव‌ को फोरलेन पर रख कर नारेबाजी शुरू कर दी। अंतत: पुलिस ने बल प्रयोग कर शव को कब्जे में लेकर पोस्ट मार्टम हाउस भेज दिया।

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