देश की नामचीन चित्रकार चित्रा सिंह की एकल चित्रकारी की प्रदर्शनी
नई दिल्ली। देश की नामचीन चित्रकार चित्रा सिंह की एकल चित्रकारी की प्रदर्शनी का आयोजन ललित कला अकादमी में किया गया। चित्रकला में चित्रा के चित्र सब भगवान बुद्ध पर केंद्रित रहें। विषय था
Revisiting the Buddha , बुद्ध का पुर्नलोकन-
अगर हम बौद्ध इतिहास को देखें तो गौतम बुद्ध के आसपास की कहानियों, चित्रों, मठों और स्तूपों को बनाने का उद्देश्य, बौद्ध धर्म एवं भगवान गौतम बुद्ध की शिक्षाओं को बढ़ावा देने के लिए और उन्हें जन साधारण तक पहुँचाने के लिए था। गौतम बुद्ध पर चित्र- श्रृंखला को चित्रित करने की प्रेरणा मुझे भी उनके जीवन से ही मिली है। गौतम बुद्ध पर मेरी चित्र-श्रृंखला का उद्देश्य किसी धर्म या धर्म के भौतिक प्रतिनिधित्व से नहीं हैं, अपितु मेरा उद्देश्य दर्शकों को गौतम बुद्ध के जीवन- मूल्यों से प्रेरित करने से है। गौतम बुद्ध ने दया, करुणा, क्षमा, सद्भावना और मानवता का जो भाव अपने समय समाज में प्रेषित किया एवं जो प्रेम उन्होंने मानवता के प्रति दिखाया था, उसे मैं आज अपने चित्रों के माध्यम से दर्शकों तक, समाज तक ले कर जाना चाहती हूँ। आज समाज मे अवसाद, उदासीनता, क्रोध और तनाव व्याप्त है। जैसा कि हम देखते हैं कि इस सदी के तीसरे दशक में लोगों की भावनाओं में असंतुलन बढ़ रहा है, इस कारण आशावाद और सकारात्मकता उनके व्यवहार में गिरावट पर है और वे मानसिक और शारीरिक बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। ऐसे समय में भगवान बुद्ध के संदेश हमें मानसिक उत्थान और जीवन की वास्तविकताओं पर ध्यान केंद्रित करके खुद को सही मार्ग का अनुकरण करने के लिए प्रेरित करते हैं।
आज बौद्ध धर्म, धर्म से परे एक संस्कृति और दर्शन में बदल गया है और विश्व में फैल गया है, जिसके कारण इसके समय और स्थान के अनुरूप अलग-अलग अर्थ हो सकते हैं। किन्तु मुख्य रूप से वास्तव में, बुद्ध एक धर्म- प्रतिनिधित्व या केवल एक नाम नहीं है, बल्कि एक शीर्षक है, इतना शांत और गहन है कि अगर हम केवल कुछ क्षणों के लिए इस पर ध्यान देते हैं तो हमारे मन, हृदय और आत्मा को एक लौकिक आंतरिक शांति प्रदान होती है। भगवान बुद्ध की छवि हमें जीवन-दर्शन को समझने की दिशा में हमारा मार्गदर्शन करती है। बौद्ध दर्शन के माध्यम से हम भय, लालच, ईर्ष्या और नकारात्मकता से हमारी आत्मा को शुद्ध करने और पवित्रता, शांति और निर्भयता की ओर बढ़ने के लिए प्रोत्साहित होते हैं।
मैने अपनी इस चित्र – श्रृंखला में गौतम बुद्ध के बोधिसत्व से बुद्धतत्व प्राप्ति के बारे में प्रचलित कहानियों का चित्रण के माध्यम से अनुवाद किया है। जिसके दर्शक उनकी शांति, विशालता, सरलता और क्षमाशीलता के भावों को स्पष्ट रूप से महसूस कर सकतें है। मैंने चित्रों में उन संदेशों को प्रतिबिंबित किया है जो गौतम बुद्ध ने अपने विचारों और आध्यात्मिकता के माध्यम से व्यक्त किए थे। इन्हें दर्शक स्वयं आत्मसात कर अपने आसपास के समाज को प्रेषित कर सकते हैं।
भगवान बुद्ध पर मेरे द्वारा बनाए गए चित्रों में रंगों के ठंडे और गर्म प्रभाव, विभिन्न योग मुद्राओं और भावनाओं को गहराइयों के साथ महसूस किया जा सकता है।मेरे चित्र कभी भी मात्र कुछ अभ्यास लिये या अभिव्यक्ति की पुनरावृत्ति के लिए चित्रित नहीं हुए हैं। वास्तव में, वे भगवान बुद्ध के संदेशो का, मेरे लिए चित्रण के रूप में और समाज के लिए दर्शक के रूप में आत्मसात करने का एक माध्यम रहे हैं। इसके अतिरिक्त, मेरा मानना है कि इस तरह की श्रृंखला आज के समाज के लिए एक आवश्यकता है, आज असहनीयता और उदासीनता की भावनाएं मानव जीवन में घुल गई हैं, लेकिन भगवान बुद्ध की कई शिक्षाओं:- मध्य मार्ग, क्षमा, सहानुभूति और प्रेम के प्रेषित करने के लिए, मेरे इस रचनात्मक चित्रण से समाज को अवश्य लाभ होगा।