मानव के क्रमागत विकास में सूक्ष्म जीवों का महत्वपूर्ण योगदान- प्रोफेसर डॉ चंद्रिमा साहा

वाराणसी। 23 वाँ प्रो एसपी रे चौधरी मेमोरियल लेक्चर बीएचयू के एस एस जोशी हाल में आयोजित किया गया, जिसमे आईआईसी बी कलकत्ता में कार्यरत और प्रतिष्ठित जे सी बोस चेयर प्रोफेसर डॉ चंद्रिमा साहा ने होस्ट पैथोजन इंटरेक्शन परव्याख्यान दिया। उन्होंने बताया की हमारा शरीर एक युद्ध का मैदान है, जिसमे अनवरत हमारा इम्यून सिस्टम विभिन्न प्रकारके रोग कारक सूक्ष्म जीवों से लड़ता रहता है। ये सूक्ष्म जीव समय समय पर म्युटेशन होने के कारण नये नये रुपों (वैरिएंट) में आते रहते है। मानव का एवोल्यूशन भी इन्ही सूक्ष्म जीवों से लड़ते लड़ते हुआ है। जिसको होस्ट-पैथोजन इंटरेक्शनकहते है। मानव की बी कोशिकाएँ इन सूक्ष्म जीवों को शरीर में प्रवेश करने के बाद नष्ट करने का काम करती है, लेकिनकभी कभी ये सूक्ष्म जीव इन कोशिकाओं को चकमा देकर रोग का कारक बनता है।

उन्होंने आगे बताया की संक्रमण होने के बाद संक्रमित कोशिकाओं को अपोप्टॉसिस इंड्यूसिंग फैक्टर पाथवे द्वारा शरीर सेहटा दिया जाता है, लेकिन सूक्ष्म जीव ट्रोजन हॉर्स मैकेनिज्म के द्वारा जिस मानव कोशिका पर प्रभुत्व जमा लेते है, उनकीमृत्यु होने से रोकते हैं। अतः एक प्रभावी उपचार हेतु इस प्रक्रिया को समझना अत्यंत आवश्यक है।

सभा की शुरुआत में, प्रोफ़ राजीव रमन ने प्रो एसपी रे चौधरी के बारे में बताया की जंतु विज्ञान विभाग की स्थापना केसमय ही उन्होंने जंतु विज्ञान विभाग को शोध और शिक्षा दोनों को एक नयी उचाई प्रदान की जिसके कारण इस विभाग कीगणना देश के चुनिंदा जंतु विज्ञान संस्थानों में की जाती है । तत्पश्चात् प्रोफेसर मधु जी तपाड़िया ने डॉ चंद्रिमा शाहा केऐकडेमिक उपलब्धियों को गिनाया।

सभा का संचालन डॉ ऋचा आर्या ने किया। इस अवसर पर विभिन्न विभागों के प्रमुख सहित, विज्ञान संकाय के डायरेक्टरप्रोफेसर अनिल त्रिपाठी और विज्ञान संकाय के छात्र छात्राए मौजूद थी।

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