अडाणी समूह को गाजियाबाद, नोएडा में बिजली लाइसेंस देने का मामला टल गया

लखनऊ। अदानी ग्रुप द्वारा गाजियाबाद मुंसिपल कारपोरेशन व नोएडा जनपद के लिए मांगी गई समानांतर विद्युत वितरण लाइसेंस की याचिका की स्वीकार्यता लंबे बहस के बाद एक बार फिर टली विद्युत नियामक आयोग ने अदानी ट्रांसमिशन पर दागे अनेकों वित्तीय व तकनीकी सवाल और किया जवाब तलब।

अदानी ग्रुप की याचिका की स्वीकार्यता की पैरवी में जहां सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता संजय सेन के नेतृत्व में लगभग एक दर्जन वकीलों ने संभाला मोर्चा वहीं प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं के तरफ से राज्य सलाहकार समिति के सदस्य व उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने संभाला मोर्चा।

विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन ने भरी सुनवाई में अदानी ट्रांसमिशन लिमिटेड सेपूछा अनेकों वित्तीय व तकनीकी सवाल और मांगा जवाब कहा जवाब आने के बाद फिर स्वीकार्यता पर की जाएगी सुनवाई अंततः एक बार फिर मामला अटका। उपभोक्ता परिषद ने याचिका खारिज करने पर की बहस।

पावर कारपोरेशन व पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम जिसके क्षेत्र में अदानी ने मांगा है वितरण लाइसेंस आज याचिका की स्वीकार्यता की सुनवाई में पावर कारपोरेशन रहा नदारद उसकी चुप्पी पर उठ रहे सवाल उपभोक्ता परिषद ने कोर्ट में पूछा किसके दबाव में पावर कारपोरेशन बना है मूकदर्शक।

मुंसिपल कारपोरेशन गाजियाबाद व गौतम बुध नगर जनपद के लिए अदानी ग्रुप की तरफ से अडाणी एलेक्ट्रिसिटी जेवर लिमिटेड व अदानी ट्रांसमिशन लिमिटेड द्वारा समानांतर विद्युत वितरण लाइसेंस की याचिका कि स्वीकार्यता पर आज विद्युत नियामक आयोग में आयोग चेयरमैन श्री आर पी सिंह सदस्यगण श्री वीके श्रीवास्तव व संजय कुमार सिंह की उपस्थिति में सुबह 11 बजे से सुनवाई लगभग 1 घंटे तक चली जहां अदानी ग्रुप की तरफ से माननीय सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता श्री संजय सेन के नेतृत्व में लगभग एक दर्जन वकीलों ने मोर्चा संभाला वही प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की तरफ से राज्य सलाहकार समिति के सदस्य व उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने मोर्चा संभाला सबसे चौंकाने वाली बात यह रही पश्चिमांचल व पावर कारपोरेशन जिसके वितरण क्षेत्र में अदानी ग्रुप द्वारा लाइसेंस मांगा गया है वह पूरी सुनवाई से गायब दिखे यह कहना उचित होगा की पावर कारपोरेशन इस पूरे मामले पर मूकदर्शक बना हुआ है। फिलहाल अदानी ग्रुप की वितरण लाइसेंस की याचिका की स्वीकार्यता एक बार फिर टल गई है।
अदानी ट्रांसमिशन लिमिटेड की तरफ से माननीय सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता श्री संजय सेन ने मुंसिपल कारपोरेशन गाजियाबाद व गौतम बुद्ध नगर के वितरण लाइसेंस कि याचिका को स्वीकार करने की मांग उठाते हुए कहा अडाणी एलेक्ट्रिसिटी जेवर लिमिटेड व अदानी ट्रांसमिशन लिमिटेड वितरण लाइसेंस की याचिका को पूरी तरह क्वालीफाई करता है इसलिए उसकी याचिका स्वीकार की जाए साथ ही उनके द्वारा अपने तकनीकी व वित्तीय पैरामीटर पर भी बात रखी गई और समानांतर वितरण लाइसेंस कि याचिका को नियमों की परिधि में बताया गया।
विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन श्री आरपी सिंह ने अदानी ट्रांसमिशन लिमिटेड पर तीखे सवाल करते हुए कहा इंडियन अकाउंट्स स्टैंडर्ड के प्रावधानों के अनुसार अदानी ट्रांसमिशन लिमिटेड की देनदारियों ज्यादा है और नेटवर्थ कम है ऐसे में इस पर अदानी ट्रांसमिशन जवाब दें जहां अदानी द्वारा वितरण लाइसेंस मिलने के बाद प्रोजेक्ट पर लगभग 4800 करोड खर्च करने की बात की जा रही है वहीं दूसरी ओर मुंबई में भी वितरण लाइसेंस मांगा गया है ऐसे में यदि मुंबई में लाइसेंस प्राप्त हो जाएगा तो क्या अदानी ट्रांसमिशन लिमिटेड यहां के इन्वेस्टमेंट में कमी करेगा या कोई समझौता करेगा? उस दशा में कैसे प्रोजेक्ट वित्तीय पैरामीटर पर आगे बढेगा आयोग चेयरमैन ने अनेकों तकनीकी पहलुओं पर भी सवाल दागा और वित्तीय पैरामीटर पर अनेकों मुद्दे उठाते हुए अदानी ट्रांसमिशन लिमिटेड को सभी बिंदुओं पर जवाब देने का निर्देश दिया। और कहां अभी याचिका स्वीकार नहीं की गई है जवाब आने के बाद आगे फिर सुनवाई व कार्यवाही को आगे बढ़ाया जाएगा ।
प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की तरफ से विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 87 के तहत गठित ऊर्जा क्षेत्र की सबसे बडी संवैधानिक कमेटी राज्य सलाहकार समिति के सदस्य व उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने विद्युत नियामक आयोग से अनुमति मांगी और याचिका में जनहित में अपनी बात रखने की गुजारिश की जिस पर आयोग द्वारा अनुमति दिए जाने के बाद राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा अदानी ट्रांसमिशन लिमिटेड व अदानी जेवर इलेक्ट्रिसिटी द्वारा समानांतर विद्युत वितरण हेतु दाखिल याचिका भारत सरकार द्वारा जारी 28 नवंबर 2022 के नोटिफिकेशन में दिए गए प्रावधानों के पूरी तरह विपरीत है इसे खारिज किया जाना चाहिए श्री वर्मा ने कहा भारत सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन में परिभाषित किया गया है कि कोई भी किसी नगर निगम में आने वाला संपूर्ण क्षेत्र या तीन निकटवर्ती राजस्व जिले या कोई छोटा क्षेत्र जिसे समुचित सरकार द्वारा अधिसूचित किया गया हो का वितरण लाइसेंस प्राप्त कर सकता है लेकिन अदानी ग्रुप द्वारा गाजियाबाद मुंसिपल कारपोरेशन और साथ ही गौतम बुध नगर जनपद के लिए वितरण लाइसेंस मांगा गया जो भारत सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन का उल्लंघन है इसलिए अदानी ग्रुप की याचिका स्वीकार करने योग्य नहीं है उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने भरी कोर्ट में पावर कारपोरेशन पर भी करारा हमला बोलते हुए कहा यह कितना दुर्भाग्य है कि जो पावर कारपोरेशन कल से इस याचिका में भाग लेने की तैयारी कर रहा था आज वह किसके दबाव में इस याचिका की सुनवाई में भाग नहीं ले रहा है यह भी एक गंभीर मामला है।
उपभोक्ता परिषद ने कोर्ट के अंदर ही जो भी विधिक सवाल उठाए गए थे उस पर एक लिखित आपत्ती भी आयोग को सौंपा। जिस पर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता श्री संजय सेन ने उपभोक्ता परिषद की लिखित आपत्ति की कॉपी मांगी जिस पर उपभोक्ता परिषद ने कहा अदानी ग्रुप की याचिका उपभोक्ता परिषद को जब प्राप्त होगी तब वह अपनी आपत्ति सौंपेंगे

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