प्रमुख मुख्य संरक्षा अधिकारी,उत्तर पश्चिम रेलवे जीएल गोयल किए बनारस स्टेशन यार्ड का सेफ्टी ऑडिट
वाराणसी; रेलवे प्रशासन द्वारा संरक्षित परिचालन,यात्रियों की सुरक्षा एवं तीव्रगामी रेल यात्रा सुनिश्चित करने के लिये कार्ययोजना के तहत 12 मई,2023 को प्रमुख मुख्य संरक्षा अधिकारी,उत्तर पश्चिम रेलवे जी एल गोयल एवं उनकी टीम द्वारा बनारस स्टेशन यार्ड एवं बनारस- वाराणसी जं रेल खण्ड का अंतर रेलवे सेफ्टी ऑडिट निरीक्षण किया गया । इसके साथ ही साथ बनारस स्टेशन पर दुर्घटना राहत यान एवं चिकित्सा राहत/मेडिकल यान का गहन निरीक्षण किया और उनमें उपलब्ध उपकरणों एवं मेडिसिन की जाँच की साथ ही उक्त यानों के उपकरणों के क्रमिक अनुरक्षण की समीक्षा की गयी ।
इस अवसर पर उत्तर पश्चिम रेलवे मुख्य ट्रैक इंजीनियर श्री जितेन्द्र,मुख्य विद्युत लोको इंजीनियर श्री सुमित,मुख्य रोलिंग स्टाक इंजीनियर श्री मनीष राजवंशी,मुख्य यात्री यातायात प्रबंधक श्री गौरव गौढ़, उप मुख्य संरक्षा अधिकारी श्री मानवेन्द्र सिंह,उप मुख्य सिगनल एवं दूरसंचार इंजीनियर श्री बी के सिंह तथा पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल से अपर मंडल रेल प्रबंधक(इन्फ्रा) श्री राहुल श्रीवास्तव ,वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी श्री आशुतोष शुक्ला,वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर(कैरेज एण्ड वैगन ) श्री अनुभव पाठक, वरिष्ठ मंडल विद्युत इंजीनियर (सामान्य) श्री पंकज केशरवानी, वरिष्ठ मंडल विद्युत इंजीनियर(कर्षण) श्री आर एन सिंह, मंडल परिचालन प्रबंधक श्री रतनदीप गुप्ता एवं वरिष्ठ पर्यवेक्षक उपस्थित थे ।
प्रमुख मुख्य संरक्षा अधिकारी,उत्तर पश्चिम रेलवे श्री जी एल गोयल एवं अंतर रेलवे सेफ्टी ऑडिट टीम ने अपने निरीक्षण के क्रम में बनारस के आर आर आई पैनल,रिले रूम, बैटरी रूम, डीजल लॉबी, गार्ड/लोकोपायलट रनिंग रूम,पॉइंट एण्ड क्रासिंग का गहन निरीक्षण किया और उपकरणों के समयबद्ध अनुरक्षण की जानकारी ली साथ ही बनारस में कार्यरत संरक्षा श्रेणी के कर्मचारियों का संरक्षा के प्रति ज्ञान परखा । संरक्षित यातायात प्रबंधन हेतु इंजीनियरिंग, सिगनल,ऑपरेटिंग विभाग के संरक्षा से जुड़े कर्मचारियों की सक्षमता प्रमाण पत्र एवं पीरियाडिकल मेडिकल परिक्षण रिपोर्ट की जाँच की गयी । इसके साथ ही स्टेशन सेक्शन में संस्थापित बर्थिंग ट्रैकों, पॉइंट मशीनों,सिगनलों,पैदल उपरिगामी पूल की ऊँचाई एवं अप्रोच,प्लेटफार्म लेंथ क्लियरेंस ,फायर एलार्म,स्टेशन वर्किंग रूल, रिले रूम,पॉइन्ट क्रासिंग तथा विभिन्न उपकरणों की फेल सेफ साइड प्रणाली आदि का गहन निरीक्षण करते हुए संरक्षा की समीक्षा की और सम्बंधित को निर्देश दिए ।
इसके साथ ही उन्होंने दुर्घटना राहत यान(ART) एवं दुर्घटना राहत मेडिकल यान (ARME) का गहन निरीक्षण किया तथा उसमें उपलब्ध विभिन्न उपकरणों एवं मेडिसिन की गुड़वत्ता की समीक्षा की । इसके साथ ही दुर्घटना राहत यान के कर्मचारियों को संरक्षा के प्रति सदैव उत्तरदायी रहने की शपथ दिलाई गयी ।
इसके पश्चात अंतर रेलवे सेफ्टी ऑडिट टीम मंडल रेल प्रबंधक करायाली पहुँची और मंडल रेल प्रबंधक एवं मंडलीय अधिकारीयों के साथ संरक्षा के सम्बन्ध में बैठक की जिसमें गाड़ियों की रफ्तार बढ़ाने के लिए रेल ज्वाइन्टस तथा जाग्लड फिश प्लेटों के बोल्ट होल का परीक्षण एवं ल्यूब्रीकेशन कार्य और एल.डब्लू.आर. एवं सी.डब्लू.आर. की डिस्ट्रेसिंग के साथ ही रेल पथ की सारी खामियों को दूर कराने का निर्णय लिया गया । गर्मी के मौसम में हॉट वेदर पेट्रोलिंग हेतु प्रबन्धन की समीक्षा की गयी । रेल के तापमान की नियमित रूप से जाँच कराने तथा इसका रिकार्ड रजिस्टर में भी दर्ज किये जाने का निर्देश दिया गया ।
इसके पश्चात् सेफ्टी टीम वाराणसी जं पर स्थित पूर्वोत्तर रेलवे के डीजल लॉबी के निरीक्षण के दौरान कर्मचारियों के पुनश्चर्या प्रशिक्षण की समीक्षा की गयी । कार्यालय में स्थापित ब्रीथ एनालाईजर एवं साइनिंग ऑन/ऑफ़ कियास्क की जाँच कर कर्मचारियों के आउटपुट की समीक्षा की ।
इसके बाद अंतर रेलवे सेफ्टी ऑडिट टीम ने अपने निरीक्षण के क्रम में बनारस कोचिंग डिपो का निरीक्षण किया और वहाँ पर अनुरक्षित किये जाने वाले रैकों का गहन निरीक्षण किया और गाड़ियों के रैकों के समयबद्ध अनुरक्षण की जानकारी ली साथ ही कोचिंग डिपो में कार्यरत कर्मचारियों का उनका संरक्षा के प्रति ज्ञान परखा । इसके साथ ही उन्होंने कोचिंग डिपो में किये जाने वाले रैकों के अनुरक्षण की गुड़वत्ता की समीक्षा की । इसके साथ ही कोचिंग डिपो में कार्यरत कर्मचारियों को संरक्षा के प्रति सदैव उत्तरदायी रहने की शपथ दिलाई गयी । इस दौरान कर्मचारियों के पुनश्चर्या प्रशिक्षण की समीक्षा की गयी संरक्षा की दृष्टि से कर्मचारियों के ज्ञान पर संतोष व्यक्त किया ।