सपा कार्यालय पर जिलाध्यक्ष व पूर्व विधानसभा प्रत्याशी भिड़े

सपा कार्यालय पर जिलाध्यक्ष व पूर्व विधानसभा प्रत्याशी भिड़े

उप्र संतकबीरनगर समाजवादी के जिला कार्यालय पर सोमवार को आयोजित निकाय चुनाव में जीते अध्यक्षों के स्वागत कार्यक्रम के दौरान जिलाध्यक्ष अब्दुल कलाम और मेंहदावल विधान क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी जयराम पांडेय के बीच जमकर नोकझोंक हुई। स्वागत कार्यक्रम हंगामेदार हो गया। इस दौरान बैठक में मौजूद पूर्व सरद विधायक दिग्विजय नारायण चतुर्वेदी ने दोनों लोगों को शांत कराते हुए मामले का रुख बदला। इसके बाद नाराज पूर्व विधान सभा प्रत्याशी बैठक से बाहर निकल गए। उन्होंने राष्ट्रीय नेतृत्व तक प्रकरण को पहुंचाने की बात कही। हालांकि बाद में जिलाध्यक्ष द्वारा जारी लिस्ट में मेंहदावल विधान सभा क्षेत्र के नेताओं को भी पदाधिकारी बना दिया गया।
सोमवार को सुबह 11 बजे पार्टी कार्यालय पर जिलाध्यक्ष अब्दुल कलाम की अध्यक्षता में बैठक शुरू हुई। बैठक में सभी निकाय चुनाव में बेहतर प्रदर्शन से गदगद थे। इसके बाद स्वागत का क्रम शुरू हुआ। नगर पालिका अध्यक्ष पद पर जीते जगत जायसवाल का सभी नेताओं ने माला पहनाकर स्वागत किया। इसके अलावा मेंहदावल से चुनाव जीतने वाली प्रत्याशी का भी स्वागत किया। मेंहदावल का स्वागत शुरू हुआ तो वरिष्ठ नेता सुनील सिंह ने मेंहदावल से टिकट कटने के बाद पार्टी प्रत्याशी के साथ लगकर चुनाव प्रचार में लगे एक नेता के स्वागत के लिए पूर्व विधायक दिग्विजय नारायण चतुर्वेदी और पूर्व विधान सभा प्रत्याशी जयराम पांडेय को बुलाया। इस पर पूर्व विधान सभा प्रत्याशी जयराम पांडेय ने विरोध जताते हुए कहा कि मैं स्वागत नहीं करुंगा, टिकट कटने के बाद उक्त नेता गाली देने का काम कर रहे थे।
इस पर विरोध करने के बाद जयराम पांडेय ने जिलाध्यक्ष की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करते हुए मेंहदावल विधान सभा क्षेत्र के उपेक्षा का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जिला कार्यकारिणी में मेंहदावल क्षेत्र की उपेक्षा की गई है। एक बार भी उनसे पूछा भी नहीं गया, मेंहदावल क्षेत्र के किसी भी नेता को उपाध्यक्ष नहीं बनाया गया है। उन्होंने कहा कि क्या मेंहदावल के लोग पार्टी के लिए काम नहीं करते हैं। इस पर अब्दुल कलाम ने कहा किसे बना दिया जाए। जवाब में जयराम पांडेय ने एक नेता का नाम जैसे ही लिया जिलाध्यक्ष नाराज हो गए। दोनों लोगों में आरोप प्रत्यारोप शुरू हो गया। बीच में बैठे पूर्व विधाक दिग्विजय नारायण चतुर्वेदी ने दोनों को शांत कराया। हालांकि बाद में जिलाध्यक्ष ने सूची में संशोधन करते हुए मेंहदावल विधान सभा क्षेत्र के नेताओं को भी पदाधिकारी बनाया

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