सोमनाथ मंदिर से बड़ा होगा राममंदिर का गर्भगृह

 

अयोध्या। प्रभु श्रीराम का मंदिर बनना स्वयं में एक चमत्कार है और, ठीक 8महीने पूरा विश्व इस चमत्कार को नमस्कार करेगा। सोमनाथ मंदिर से भी बड़ा है राम मंदिर का गर्भगृह.. मूल प्रारूप के अनुसार, इसे #रघुपुरम नाम से जाना जाएगा। राम मंदिर का निर्माण नागर शैली में स्वदेशी तकनीक से किया जा रहा है.. मंदिर के निर्माण में लोहे का इस्तेमाल नहीं हो रहा है..!! इसके अलावा 20 हजार से ज्यादा श्रद्धालु एक साथ एक जगह पर रामलला की आरती देख सकेंगे। भगवान राम का मंदिर अष्टकोणीय मंदिर 128 फीट ऊंचा, 140 फीट चौड़ा और 268.5 फीट लंबा होगा..इस दो मंजिला मंदिर में 212 स्तंभ होंगे। इसकी छत पर एक शिखर होगा, जिसे भव्यता को ध्यान में रखकर बनाया जाएगा।
मंदिर में पांच प्रवेशद्वार #सिंहद्वार, #नृत्यमंडप, #रंगमंडप, #पूजाकक्ष और #गर्भगृह होंगे। मंदिर में कुल 44 दरवाजे होंगे। सभी दरवाजे सागौन की लकड़ी से बनेंगे। सागौन की लकड़ी महाराष्ट्र सरकार प्रदान कर रही है… सीता रसोई को एक बहुत बड़ी पाकशाला के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां पर हजारों लोगों को निःशुल्क प्रसाद का वितरण किया जाएगा। इसके लिए अनाज और सब्जी के भंडारण हेतु भवन बनाया जाएगा। खाना बनाने के लिए भी विशेष व्यवस्थाएं की जाएंगी…
108 की संख्या हिंदू धर्म में विशेष रूप से पवित्र संख्या मानी जाती है इसीलिए पूरा मंदिर परिसर 108 एकड़ का होगा…
श्री राम मंदिर के गर्भगृह का निर्माण विशेष संगमरमर के पत्थरों से किया जाएगा। यह संगमरमर के पत्थर मकराना से लाए जाएंगे। मकराना के संगमरमर के पत्थरों से ही तेजो महालय का भी निर्माण हुआ है…
रामनवमी के विशेष मौके पर सिर्फ एक दिन भगवान श्रीराम का सूर्य तिलक होगा। सूर्य तिलक का अर्थ यह है कि रामनवमी के दिन सूर्य की किरणें गर्भगृह में आकर रिफलेक्टर द्वारा सीधे भगवान राम के ललाट पर आज्ञा चक्र पर जाकर स्पर्श करेंगी। इसे ही सूर्य तिलक कहा जाएगा। इसके लिए आईआईटी और विशेष वैज्ञानिकों की मदद ली जा रही है…
तीर्थ ट्रस्ट का अनुमान है कि मंदिर बन जाने के बाद दर्शन के लिए हर दिन 50,000 से अधिक भक्त दर्शन करने आएंगे। इस तरह हर महीने करीब 15 लाख और साल में करीब दो करोड़ भक्तों के दर्शन हेतु आने की संभावना है। ऐसी स्थिति में भक्तों को आवागमन में कोई दिक्कत ना हो, इसके लिए विशेष प्रबंध किए जाएंगे…
सबसे महत्वपूर्ण बात यह होगी कि 2024 में जब दुनिया का इतना बड़ा तीर्थ भक्तों के लिए खुलेगा, तब दुनिया भर के 200 से ज्यादा देशों के तमाम सारे लोग भारत की इस महान विरासत को, इस महान चमत्कार को देख कर न सिर्फ चमत्कृत रह जाएंगे बल्कि भारत की महान संस्कृति के पूज्य मर्यादा पुरुषोत्तम का बंदन कर सकेंगे.

अयोध्या।राम मंदिर में खंभों व अन्य स्थानों पर लगने वाली देवी देवताओं की मूर्तियां को तराशने का काम कारीगरों ने शुरू कर दिया है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने सोशल मीडिया पर इनकी तस्वीरें व विडियो को जारी किया है। मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने कहा कि ये खूबसूरत मूर्तियां तराशने के मंदिर के खंभों व अन्य प्रमुख हिस्सों में पेस्ट कर दी जाएगी।

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