बौद्धिक सम्पदा अधिकार संरक्षण व तकनीक हस्तांतरण के लिए बीएचयू ने बनाई टास्क फोर्स

 

वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की बौद्धिक सम्पदा अधिकार प्रकोष्ठ अब बौद्धिक सम्पदा अधिकार एवं प्रौद्योगिकी हस्तांतरण प्रकोष्ठ के नाम से जानी जाएगी। कुलपति जी ने इस संबंध में आदेश पारित करते हुए प्रकोष्ठ के लिए एक टास्क फोर्स गठित की है। यह प्रकोष्ठ मुख्य रुप से बौद्धिक सम्पदा अधिकार के संरक्षण तथा सामाजिक कल्याण के लिए तकनीक हस्तांतरण हेतु कार्य करेगी। यह नवोन्मेष के संरक्षण तथा वाणिज्यिक रुप से व्यवहार्य उत्पादों/प्रौद्योगिकियों को उपयुक्त उद्योगों तक पहुॅचाने के लिए एकल खिड़की व्यवस्था की तरह सक्रिय रहेगी। यह प्रकोष्ठ नवोन्मेष, उद्यमशीलता तथा स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने हेतु अनुकूल वातावरण तैयार करने के लिए प्रयास करेगी। साथ ही नवोन्मेष की संभावनाओं वाले शोध कार्यक्रमो को सहयोग देगी। प्रकोष्ठ नवोन्मेष के संरक्षण हेतु आवश्यक जागरुकता व जानकारी के निए कार्यशालाएं व प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करेगी। संकाय सदस्यों के उद्यमशीलता प्रयासों के लिए नीतियां तैयार करने व उनकी समीक्षा करने का कार्य भी प्रकोष्ठ को दिया गया है।
इसके अतिरिक्त बौद्धिक सम्पदा अधिकार व प्रौद्योगिकी हस्तांतरण प्रकोष्ठ पेटेंट व कॉपीराइट के माध्यम से नवसृजित ज्ञान को संरक्षित करने हेतु कार्य करेगी। प्रकोष्ठ द्वारा नवोन्मेषको को पेटेंट फाइल करने, तथा इससे संबंधित गतिविधियों के लिए विधिक सहयोग मुहैया कराया जाएगा। इस प्रकोष्ठ को औद्योगिक साझेदारों को आकर्षित करने, शिक्षा व उद्योग जगत के बीच संवाद व सम्पर्क बढ़ाने की जिम्मेदारी भी दी गई है।
प्रो. बिरंची कुमार शर्मा, माइकोलॉजी और प्लांट पैथोलॉजी विभाग, कृषि विज्ञान संस्थान, टास्क फोर्स के अध्यक्ष होंगे। प्रो. गीता राय, मोलीक्यूलर एवं ह्यूमन जेनेटिक्स विभाग, विज्ञान संस्थान, डॉ. राजेश कुमार सिंह, विधि संकाय, समिति के सदस्य होंगे। संबंधित संकाय प्रमुख अथवा संस्थान के निदेशक विशेष आमंत्रित के रुप में समिति में शामिल रहेंगे। प्रायोजित शोध एवं औद्योगिक परामर्श प्रकोष्ठ के उपकुलसचिव डॉ. वेणुगोपाल सचिव बनाए गए है। आधिकारिक अधिसूचना की प्रति संलग्न की जा रही है।

 

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