आर्य समाज का विवाह प्रमाणपत्र शादी की वैधता का सबूत नहीं : इलाहाबाद हाईकोर्ट
परंपरागत समारोह व सप्तपदी हिंदू विवाह की वैधता के लिए जरूरी

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि विवाह पंजीकरण वैध विवाह का सबूत नहीं है। केवल इसे साक्ष्य के रूप में |इस्तेमाल किया जा सकता है।
कोर्ट ने यह भी कहा कि आर्य समाज द्वारा विवाह का वैधानिक प्रभाव नहीं है। शादी परंपरागत दोनों पक्षों की सहमति समारोह में होनी चाहिए। जिसमें सप्तपदी की रश्म पूरी हुई हो। ।
कोर्ट ने कहा कि जब शादी ही वैध नहीं तो हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा नौ के तहत विवाह पुनर्स्थापन की अर्जी परिवार अदालत द्वारा स्वीकार न करना कानूनन सही है। शादी के वैध सबूत के बगैर धारा नौ की अर्जी मंजूर नहीं की जा सकती।