गंगोत्री धाम से प्यार का कलश लेकर बागेश्वर धाम को निकल पडी बाबा की प्रेम दीवानी मेडिकल छात्रा
बांदा। बागेश्वरधाम के महंत बाबा धीरेंद शास्त्री को प्राणनाथ कहने वाली शिवरंजनी तिवारी गंगोत्री धाम से बांदा होते हुये शुक्रवार की सुबह बागेश्वर धाम के लिये रवाना हो गयी। गंगोत्री धाम से कलश यात्रा शुरु करने वाली शिवरंजनी एमबीबीएस छात्रा है। वह एमपी के शिवनी जिले की रहने वाली है। गुरुवार की रात वह चित्रकूट से बांदा पहुंची। रात्रि विश्राम यहां के संकटमोचन मंदिर मे करने के दौरान उसने मंदिर के पुजारियों और संतो से आशिर्वाद लिया। भजन गाये। जाहिरा तौर पर बाबा धीरेन्द्र शास्त्री से शादी करने की बात तो उन्होने नहीं कही! परन्तु बाबा को प्राणनाथ से संबोधित करके यह साफ कर दिया कि वे बाबा को दिल से अपना परमेश्वर मान चुकी हैं।
शिवरंजनी ने बताया कि यहां से वह अपने काफिले के साथ बागेश्वर धाम 16 जून तक पहुंचेंगी। बाबा धीरेन्द्र शास्त्री के प्रेम मे डूबी शिवरंजनी के पिता और भाई भी उसके साथ चल रहे हैं।
मनोकामना और प्राणनाथ के बारे में जब उनसे बात की गई तो उन्होंने कुछ भी कहने से मना कर दिया। बताया कि बागेश्वर धाम के महंत धीरेन्द्र शास्त्री को प्राणनाथ बोलती हूं । मैं उन्हें अपना भगवान मानती हूं। वो हमारे प्राण नाथ हैं। प्राणनाथ किसे बोला जाता है! आप सब जानते हैं। मुझसे क्यों पूछ रहे हैं। 16 तारीख को बागेश्वर धाम पहुंचूंगी। गर्मी बहुत है। एक-दो दिन आगे-पीछे हो सकते हैं। उसके बाद मेरी मनोकामना क्या है ! सबको पता चल जायेगा। उन्होने कहा कि मनोकामना बताई नहीं जाती। बाबा अंतर्यामी है। वह सब जानते हैं। मेरे नाम की पर्ची उनके पास है। वहां पहुंचने के बाद ही पता चलेगा क्या है मेरे भाग्य में।
यह सवाल करने पर कि आप बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र शास्त्री से शादी को उत्सुक हैं। अगर उन्होने मना कर दिया तो क्या होगा ? शवरंजनी कुछ नहीं बोली। एक भजन सुनाया-
“वे परमेश्वर प्राणनाथ हैं,उनके धाम हम जायेंगे।
न निकला जो उनके श्रीमुख,प्राण पखेरु उड जायेंगे।।”