इको ग्रीन बिल्डटेक को मिले स्ट्रेस फंड में से ग्रेनो प्राधिकरण को मिले 41 करोड़

इस प्रोजेक्ट के 1000 फ्लैटों के जल्द बनने की उम्मीद बढ़ी

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित रिहायशी प्रोजेक्ट ईको ग्रीन बिल्डटेक को भारत सरकार की तरफ से बने स्वामी फंड (स्पेशल विंडो फॉर अफोर्डेबल एंड मिड इनकम हाउसिंग ) से आर्थिक सहायता की पहली किस्त प्राप्त हो गई है। स्वामी फंड से वित्तीय सहायता पाने वाला ईको ग्रीन ग्रेटर नोएडा का तीसरा प्रोजेक्ट है। इस रकम में से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की बकाया प्रीमियम धनराशि करीब 74 करोड़ रुपये में से पहली किस्त करीब 41 करोड़ रुपये भी प्राप्त हो गए हैं। स्ट्रेस फंड से इस प्रोजेक्ट के 1000 फ्लैट खरीदारों के लिए अपना आशियाना जल्द मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। इससे पहले कैपिटल एथेना व पंचशील ग्रींस टू प्रोजेक्ट को एसबीआई कैप से आर्थिक सहायता प्राप्त हो चुकी है।
दरअसल, फ्लैट खरीदारों को आशियाना दिलाने के लिए केंद्र सरकार ने स्वामी फंड बनाया। अधूरे रिहायशी प्रोजेक्टों को वित्तीय सहायता देने की जिम्मेदारी एसबीआई कैपिटल को दी गई। ग्रेटर नोएडा वेस्ट में अटके प्रोजेक्टों को पूरा करने के लिए स्ट्रेस फंड दिलाने में प्राधिकरण की तरफ से भी हर संभव सहयोग किया जा रहा है। स्वामी फंड से मदद पाने के लिए कई बिल्डरों ने आवेदन किए। स्ट्रेस फंड से मदद पाने वाला कैपिटल एथेना ग्रेटर नोएडा का पहला प्रोजेक्ट बना। इसके बाद ग्रेटर नोएडा वेस्ट के ही पंचशील हाइनिस टू को आर्थिक सहयता मिली। अब सेक्टर 10 स्थित ईको ग्रीन बिल्डटेक के जीएच-02बी प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए वित्तीय सहायता प्राप्त हो गई है। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने और प्राधिकरण का बकाया देने के लिए 207 करोड़ रुपये मंजूर हुए हैं, जिसकी पहली किस्त अब जारी हुई है। कुल बकाया धनराशि 74 करोड़ रुपये में से पहली किस्त के रूप में 41 करोड़ रुपये ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को भी प्राप्त हो गए हैं। बृहस्पतिवार को कंपनी प्रबंधन की तरफ से इस बाबत चेक ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी को सौंपे गए। इस प्रोजेक्ट के बन जाने से 1000 फ्लैट खरीदारों का खुद के आशियाने का सपना पूरा हो सकेगा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी का कहना है कि स्वामी फंड से वित्तीय सहायता प्राप्त होने से ईको ग्रीन प्रोजेक्ट का निर्माण तेजी से हो सकेगा। इस प्रोजेक्ट के खरीदारों को जल्द ही अपना घर मिल सकेगा। साथ ही बकाया किस्त के रूप में प्राप्त धनराशि को प्राधिकरण विकास परियोजनाओं पर खर्च करेगा। सीईओ ने कहा कि एसबीआई कैप से उन परियोजनाओं को ही स्ट्रेस फंड जारी होता है, जो बन पाने की स्थिति में होते हैं। एसबीआई कैप पूरी छानबीन करने के बाद ही फंड जारी करता है। उन्होंने कहा कि स्ट्रेस फंड पाने के लिए और भी बिल्डरों को आगे आना चाहिए। वे इसकी मदद से प्रोजेक्ट को पूरा करने और प्राधिकरण की बकाया रकम चुकाने की पहल करें। प्राधिकरण भी उनका सहयोग करने को तैयार है। सीईओ ने कहा कि फ्लैट खरीदारों को पजेशन दिलाने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण अपने स्तर से प्रयास जारी रखेगा।

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