जीजा के प्रेम में पड़ी महिला ने पति की कराई हत्या
जीजा के प्रेम में पड़ी महिला ने पति की कराई हत्या

उप्र बस्ती जिले के वाल्टरगंज थाना क्षेत्र के गनेशपुर निवासी स्वर्ण व्यवसायी विनोद सोनी हत्याकांड का ने शनिवार को पुलिस पर्दाफाश कर दिया है। जिसमें पाया गया कि विनोद सोनी की पत्नी ने ही पति के चचेरे जीजा से मिलकर हत्या की साजिश रची। अपनी प्रेमिका यानी साले की पत्नी के दबाव आकर जीजा ने दो अन्य युवकों को रुपये और आवास दिलाने का लालच देकर साजिश में शामिल किया और 14 नवंबर की रात बेहोश करके अयोध्या पुल से सरयू नदी में फेंक दिया था। चार दिन बाद उसका शव छावनी थानाक्षेत्र के संदलपुर गांव के पास सरयू नदी में मिला था। पुलिस ने मृतक की पत्नी समेत चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
एएसपी दीपेंद्र नाथ चौधरी ने शनिवार को पुलिस कार्यालय में प्रेसवार्ता के दौरान इस सनसनीखेज हत्याकांड के पहलुओं की जानकारी दी। बताया कि थानाध्यक्ष योगेश कुमार सिंह की टीम ने आरोपी पत्नी गुड़िया निवासी गनेशपुर थाना वाल्टरगंज, चचेरे बहनोई जगन्नाथ प्रसाद वर्मा उर्फ राजेश निवासी हटवा शुक्ल थाना कोतवाली और हत्या में पैसा लेकर सहयोग करने वाले विमलेश और राजन निवासी कुसमौर थाना नगर को गिरफ्तार कर लिया। हत्या में प्रयुक्त कार बरामद कर ली गई है। हत्या का खुलासा करने वाली टीम को एसपी ने 25 हजार रुपये का इनाम दिया है।
घटनाक्रम के बारे में एएसपी ने बताया कि वाल्टरगंज थानाक्षेत्र के गनेशपुर निवासी स्वर्ण व्यवसाई विनोद सोनी 14 नवंबर की शाम घर से कहकर निकला कि उसे उसके चचेरे बहनोई जगन्नाथ ने किसी काम से बुलाया है। सुबह तक वह नहीं लौटा तो विनोद के बेटे ने वाल्टरगंज थाने में पिता की गुमशुदगी दर्ज कराई। अगले दिन विनोद की बाइक कचहरी में खड़ी मिली, जहां विनोद का चचेरा बहनोई जगन्नाथ न्यायालय में संविदा पर काम काम करता है।गुमशुदगी के चार दिन बाद यानी 18 नवंबर को विनोद का शव छावनी थानाक्षेत्र में नदी में बरामद किया गया। उसके गले में बाइक का क्लच वायर लिपटा हुआ था। जिसको देखकर स्पष्ट लग रहा था कि उसकी हत्या की गई है। हालांकि पोस्टमार्टम में मौत की वजह पानी में डूबने की रिपोर्ट आई थी। पुलिस ने यहीं से हत्या मानते हुए अपनी जांच का दायरा बढ़ाया तो पहला शक जगन्नाथ पर गया, जिससे मिलने की बात कहकर विनोद सोनी घर से निकला था। चूंकि विनोद की बाइक भी कचहरी से ही बरामद हुई थी, इसलिए जगन्नाथ पर संदेह गहराता गया। उसकी मोबाइल का कॉल डिटेल निकालने पर पता चला कि जगन्नाथ ने एक दिन पहले ही अपनी मोबाइल बंद कर लिया था। साथ ही विनोद की पत्नी के नंबर पर कई बार कॉल करने की बात सामने आई। पुलिस दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ करने लगी तो सारी कहानी खुलकर सामने आ गई।
पूछताछ में जगन्नाथ ने पुलिस को बताया कि वह 14 नवंबर को सुबह ही विमलेश व राजन के घर गया और उनको अपनी कार में बैठाकर बस्ती आया। उसने चौधरी ऑटो मूड़घाट से बाइक का एक क्लच वायर खरीदा। शाम करीब पांच बजे जब विनोद जगन्नाथ से मिलने आया तो उसकी बाइक कचहरी में खड़ी करवा दी। न्यायालय के निकट पकौड़ी चौराहे पर विनोद को अपनी कार में अगली सीट पर बैठा लिया। पुलिस के मुताबिक जगन्नाथ खुद गाड़ी चला रहा था और उसके सहयोगी विमलेश व राजन पिछली सीट पर बैठे थे। मूड़घाट पर शराब खरीदने के बाद छावनी थाने के पवन सिंह आर्मी ढाबा पचवस पहुंचे। यहां पर बिरयानी खाने के साथ शराब पी। विनोद को ज्यादा शराब पिलाई। जब विनोद पूरी तरह से नशे में हो गया तो उसे कार में बैठा कर अयोध्या पुल पर ले गए। किनारे गाड़ी रोककर पहले जगन्नाथ ने विनोद का मुंह दबाया और विमलेश व राजन ने क्लच वायर को उसके गले में लपेटकर कसने लगा। इसी बीच विनोद बेहोश हो गया। फिर जगन्नाथ ने इन दोनों को गला कसने से मना कर दिया। क्योंकि इससे हत्या की पुष्टि हो जाती। इसलिए पानी में डूबाकर मारने की योजना बना ली। गाड़ी से उतार कर बेहोश विनोद को अयोध्या पुल के ऊपर से सरयू नदी में फेंक दिया। मगर वह तार गले में लिपटा रह गया।