माकपा ने बिजली कर्मचारियों के आंदोलन का किया समर्थन
लखनऊ। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) उत्तर प्रदेश राज्य सचिव मंडल ने बिजली कर्मचारियों की संयुक्त संघर्ष समिति के आंदोलन का समर्थन करते हुए उनकी मांगों पर विचार करने का आग्रह किया।
उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों एवं सहायक अभियंताओं की ओर से पिछले कई दिनों से अनवरत आंदोलन चलाया जा रहा है। वह संविदा कर्मियों के नियमितीकरण, उनके 9, 14 व 19वें वर्ष में टाइम बाउंड प्रमोशन किये जाने, 220, 400 और 765 केवीए के ट्रांसफार्मरों के संचालन व रखरखाव को निजी हाथों में न दिये जाने, उनके ऊपर लगाये गये मुकदमों को वापस लेने तथा समझौते के पालन करने और बिजली बिल 2020 को वापस लेने की मांगों के लिए आंदोलनरत हैं। 29.11.22 से वह अपनी मांगों के समर्थन में कार्य बहिष्कार पर चले गये हैं।
सीपीआईएम राज्य सचिव मण्डल ने अपने बयान में यह भी दोहराया है कि इसमें से ज्यादातर मांगे पुरानी हैं। राज्य सरकार को इन्हें स्वीकार कर लेना चाहिए था किन्तु सरकार की हठधर्मिता एवं निजी मालिकान को लाभ पहुंचाने की गरज से बिजली कर्मचारियों के आंदोलन की मांगों को अनसुना किया जा रहा है।