राजभवन के बाहर अपना शांतिपूर्ण आंदोलन जारी रखेंगे, जबतक राज्यपाल नहीं मिलते: अभिषेक बनर्जी

कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता केंद्र सरकार के खिलाफ कई दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच कार्यकर्ताओं ने कोलकाता में आज गुरुवार को मनरेगा व राज्य के अन्य मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ राजभवन तक रैली निकाली है। इस रैली में TMC के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी सहित तृणमूल कांग्रेस के कई नेता मौजूद हैं। TMC ने इस रैली को ‘राजभवन चलो अभियान’ नाम दिया है।गुरुवार को पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ टीएमसी ने मनरेगा के बकाए को लेकर केंद्र के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है। इस दौरान कई कार्यकर्ताओं ने कोलकाता में राजभवन तक मार्च रैली निकाली। गौरतलब है कि टीएमसी ने केंद्र से धन जारी करने की मांग को लेकर 3 और 4 अक्टूबर को दिल्ली में विरोध प्रदर्शन भी किया था।केंद्र के खिलाफ अभिषेक बनर्जी की विरोध रैली
टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी ने कोलकाता में कहा, बंगाल के राज्यपाल से दो स्पष्टीकरण चाहते हैं। बंगाल के 20 लाख मजदूरों ने मनरेगा के तहत काम किया या नहीं। यदि हां तो पिछले दो वर्षों से उनका वेतन रोकने के लिए किस कानून का इस्तेमाल किया गया है। राजभवन के बाहर अपना शांतिपूर्ण आंदोलन जारी रखेंगे। मैं तब तक यहीं रहूंगा जब तक राज्यपाल हमारे प्रतिनिधिमंडल से नहीं मिलेंगे और इन दो सवालों का जवाब नहीं देंगे।
TMC ने बीजेपी पर साधा निशाना: राजभवन चलो अभियान’ रैली पर TMC विधायक बाबुल सुप्रियो ने मीडिया में बड़ा बयान दिया है। सुप्रियो ने कहा कि इस रैली में सिर्फ TMC के कार्यकर्ता ही नहीं, बल्कि आम जनता भी शामिल है। उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक रैली नहीं है। यह आम जनता की रैली है। केंद्र सरकार ने आम जनता को लगभग एक साल से मनरेगा के पैसे, 100 दिनों के रोजगार व अन्य से वंचित रखा है। उन्होंने कहा कि कितनी सारी पर्यवेक्षक टीमें पश्चिम बंगाल में आए, अगर उन्हें जांच में कोई गड़बड़ी दिखी हो, तो जांच कराएं। उन्होंने कहा कि बंगाल भाजपा के विधायक और सांसद सीना तान कर कह रहे हैं कि इन लोगों को एक भी पैसा न दिया जाए। उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी 2024 के लोकसभा चुनाव में बंगाल में नहीं जीत पाएगी। उन्होंने बीजेपी नेता और गिरिराज सिंह के आरोपों का पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा के पास कोई पुख्ता सबूत होता तो वे हमारा सामना करे। वे सच्चाई से भाग रहे हैं, जिसका जवाब उन्हें 2024 में जनता देगी।
राज्यपाल से मिलेंगे टीएमसी नेता
बीते दिनों दिल्ली में केंद्र सरकार के खिलाफ हुई टीएमसी कार्यकर्ताओं की रैली को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री शशि पांजा ने मीडिया से बातचीत में कहा टीएमसी का दिल्ली में प्रदर्शन करने का दो मकसद था। पहला मनरेगा की बकाया राशि की मांग सहित कृषि मंत्री से मुलाकात करना। दूसरा मकसद जंतर मंतर पर प्रदर्शन करना था। उन्होंने कहा कि हमने दिल्ली में प्रदर्शन तो किया, लेकिन हमारी मंत्री से मुलाकात नहीं हुई। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस ने इस दौरान हमारे नेता, सांसदों के साथ धक्का-मुक्की की। इन सबके बाद हमने तय किया हम आज पश्चिम बंगाल के राज्यपाल से मुलाकात करेंगे, लेकिन उनसे भी हमारी मुलाकात नहीं हुई। उन्होंने कहा कि जनता के कई सारे सवाल हैं, जिनका जवाब हम केंद्र सरकार से मांग रहे हैं। इसलिए पार्टी के लोग सड़क पर उतरे हैं।
क्या बोले थे गिरिराज सिंह: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने एक प्रेस वार्ता में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर मनरेगा के नाम पर करोड़ों रुपये के घोटाला करने का आरोप लगाया था। इस दौरान सिंह ने बनर्जी को “शहरी नक्सली” बता दिया था। उन्होंने ने कहा था कि ममता उन लोगों को “मार” डालती हैं, जो उनके खिलाफ बोलते हैं। इतना ही नहीं, गिरिराज सिंह ने आगे कहा था कि बंगाल में लगभग 25 लाख मनरेगा जॉब कार्ड फर्जी, डुप्लिकेट या मृत लोगों के नाम पर पाए गए हैं। उन्होंने कहा यह जानकारी आधार सीडिंग कराने के बाद सामने आई। सिंह के इसी बयान का टीएमसी विधायक ने पलटवार किया है। बनर्जी ने आरोप लगाया है कि समय देने के बावजूद मंत्री ने उनसे मुलाकात नहीं की. इसके बाद ग्रामीण विकास राज्य मंत्री ने बुधवार (04 अक्टूबर) को आरोपों का खंडन किया और कहा कि वह देर तक अपने कार्यालय में थी।टीएमसी के आरोपों को नकारते हुए उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, ”मैं कल (मंगलवार) को अपने निर्वाचन क्षेत्र में थी। जैसे ही मुझे जानकारी मिली कि टीएमसी सांसद मुझसे मिलना चाहते हैं, मैं सब कुछ छोड़कर दिल्ली चली आई। मैंने उन्हें शाम साढ़े छह बजे मिलने के लिए समय दिया था। उन्होंने कहा, “मैं शाम 6 बजकर 30 मिनट पर अपने कार्यालय में बैठी थी. मेरे पर्सनल सेक्रेटरी को पहले बताया गया कि पांच लोग मुझसे मिलेंगे. फिर, टीएमसी प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि बैठक में 10 लोग होंगे।” इसके अलावा, ज्योति ने कहा कि टीएमसी नेता प्रतिनिधिमंडल के साथ आए समर्थकों से भी मिलने पर जोर दे रहे थे। ‘टीएमसी प्रतिनिधिमंडल के सामने रखना था डेटा
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “मैंने उनसे कहा कि वे अपना एजेंडा टेबल पर रखें, उसके बाद उनसे चर्चा होगी। टीएमसी का आरोप है कि मोदी सरकार पश्चिम बंगाल का फंड रोक रही है। मैं टीएमसी प्रतिनिधिमंडल के सामने डेटा रखना चाहती थी। यूपीए शासन के दौरान, पश्चिम बंगाल को केवल 14,000 करोड़ रुपये मिले थे, जबकि पिछले 9 वर्षों में राज्य को 54,000 करोड़ रुपये दिए गए। पीएम आवास योजना में बंगाल को यूपीए शासनकाल में 4,400 करोड़ रुपये मिले, जबकि हमने 30,000 करोड़ रुपये दिए।
‘ढाई घंटे किया इंतजार’
साध्वी निरंजन ने कहा, “अगर वे वास्तव में बात करना चाहते, तो वे मुझसे मिलते. टीएमसी सांसद आरोप लगा रहे हैं कि मैं उनसे नहीं मिली. मैंने ढाई घंटे तक इंतजार किया और फिर एक ट्वीट पोस्ट करने के बाद मुझे वहां से निकलना पड़ा।
साध्वी निरंजन के बचाव में उतरे गिरिराज सिंह
इस बीच कैबिनेट मंत्री गिरिराज सिंह ने साध्वी निरंजन का समर्थन करते हुए कहा, ”राज्यमंत्री साध्वी निरंजन कृषि मंत्रालय में रात साढ़े 8 बजे तक इंतजार करती रहीं, लेकिन कोई भी सांसद या मंत्री उनसे मिलने नहीं आया. हमने पश्चिम बंगाल को 2 लाख करोड़ से अधिक दिए
उन्होंने राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के साथ दुर्व्यवहार किया और अब वे उन्हें अपने वश में करने की कोशिश कर रहे हैं। कृषि भवन में धरना केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के कार्यालय कृषि भवन में धरना दे रहे अभिषेक बनर्जी और टीएमसी सांसदों को जबरन हटाए जाने के बाद मंगलवार (3 अक्टूबर) को राजधानी में जोरदार ड्रामा हुआ।।अभिषेक बनर्जी ने मंगलवार (3 अक्टूबर) को आरोप लगाते हुए कहा था कि साध्वी निरंजन बीजेपी नेताओं से मिलीं और हमें इंतजार कराया और फिर वह रात साढ़े आठ बजे पिछले दरवाजे से चली गईं. इसके बाद पुलिस ने टीएमसी सांसदों को कुछ देर के लिए हिरासत में ले लिया था। @रिपोर्ट अशोक झा

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