सिक्किम त्रासदी में अब तक 19 लोगों की मौत की पुष्टि, अभी भी 103 लोग लापता
सिलीगुड़ी: बादल फटने और बाढ़ की वजह से तबाही मची हुई है। अब तक 19 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से चार मृतक सेना के जवान बताए जा रहे हैं। अभी भी 103 लोग लापता हैं। यहां चारों तरफ कीचड़ है, ऐसे में बचाव में मुश्किलें आ रही हैं। अधिकारियों ने बताया कि अभी भी बड़ी संख्या में लोग लापता हैं। अचानक में आए पानी में लोग बह गए हैं। मुख्य सचिव वी बी पाठक ने बताया कि बुधवार तड़के उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील के ऊपर बादल फटने से अचानक बाढ़ आ गई थी, जिसके बाद 22 सैन्यकर्मियों समेत 98 लोग लापता हो गए। वहीं, पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल सरकार ने बताया कि 18 शव मिले हैं।।इनमें से चार की पहचान सेना के जवानों के रूप में की गई है। 26 लोगों को चोटें आई हैं। इन्हें सिक्किम के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। उत्तरी सिक्किम के सुदूर चुंगथांग में दर्जनों लोगों के सुरंगों में फंसे होने की आशंका है। वो लोग बिना खाना-पानी के 48 घंटों से फंसे हुए हैं। इस बात की जानकारी नहीं है कि सुरंगों में पानी भर गया या नहीं या वहां फंसे 12-14 लोग जिंदा हैं या नहीं। इस मुश्किल सर्च ऑपरेशन के लिए टीम में लैंड रेस्क्यूर्स और स्कूबा गोताखोर शामिल होंगे. उनके पास हथौड़े, वॉटर गन, रॉक कटर, सैटेलाइट फोन, जनरेटर सेट और लाइफ सेंविंग मेडिकल इक्विपमेंट्स होंगे।इधर मंगन जिले में लाचेन के पास शाको चो झील के इर्द गिर्द बसे लोगों को निकालने का काम शुरू हो गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, ये एक ग्लेशिल यानी ठंडी झील है और फटने की कगार पर है जिसके चलते अधिकारियों को अलर्ट जारी किया है। शाको चो झील थांगु गांव के ऊपर है। गंगटोक जिले के सिंगतम, मंगन जिले के डिक्चू और पाक्योंग जिले के रंगपो IBM क्षेत्र को भी खाली करा दिया गया है।
पर्यटक पूरी तरह सुरक्षित:
सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने एक बुलेटिन में बताया कि अब तक 2,011 लोगों को बचाया गया है।।जबकि आपदा से 22,034 लोग प्रभावित हुए हैं। पाठक ने कहा कि सेना की 27वीं माउंटेन डिवीजन के अधिकारियों ने जानकारी दी है कि उत्तरी सिक्किम के लाचेन, लाचुंग और आसपास के क्षेत्रों में फंसे पर्यटक पूरी तरह सुरक्षित हैं। अनुमान के मुताबिक, विदेशी समेत 3,000 से ज्यादा पर्यटक सिक्किम के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए हैं।
‘हेलिकॉप्टर के जरिए निकाले जा रहे पर्यटक’
पाठक ने बताया कि सेना ने अपनी दूरसंचार सुविधा एक्टिव कर दी और कई पर्यटकों को उनके परिवार के सदस्यों से बात कराई। फंसे हुए पर्यटकों को निकाला जा रहा है। उन्हें मंगन तक हवाई मार्ग से ले जाने का निर्णय लिया गया। जहां से उन्हें सड़क मार्ग से सिक्किम लाया जाएगा। मुख्य सचिव ने कहा, अगर मौसम अच्छा रहा तो लाचेन और लाचुंग में फंसे पर्यटकों को कल से निकाला जाएगा।
‘खराब मौसम के कारण रेस्क्यू में आई समस्या’
उन्होंने कहा, भारतीय वायुसेना और सेना के हेलिकॉप्टर गुरुवार को लाचेन, लाचुंग और चुंगथांग के लिए उड़ान भरने के लिए तैयार थे, लेकिन खराब मौसम के कारण समस्या आई। उत्तरी सिक्किम में स्थानीय लोगों को निकालने के लिए एनडीआरएफ की प्लाटून भी तैयार हैं।’प्रभावित इलाके का सीएम ने किया दौरा’
पाठक ने तीस्ता नदी में उफान से बुरी तरह प्रभावित सिंगताम शहर की स्थिति का जिक्र किया। उन्होंने कहा, पास के औद्योगिक क्षेत्र सिंगताम और आईबीएम में पानी और बिजली के इन्फ्रास्ट्रक्चर की बहाली पूरी हो चुकी है। सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में से एक सिंगताम का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया।’चुनौतियों से निपटने में लगी हैं टीमें’: उन्होंने कहा, हमारी टीमें इस आपदा से आई तात्कालिक चिंताओं और चुनौतियों का समाधान करने के लिए दिन-रात काम कर रही हैं। मैं प्रशासन, स्थानीय अधिकारियों, सभी संगठनों और व्यक्तियों से एकजुटता और सहयोग की भावना का आग्रह करता हूं। हम साथ मिलकर इस आपदा से निपट सकते हैं और प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द राहत दी जा सकती है।’बाढ़ में ढह गए हैं 11 पुल’: अधिकारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को लिखा है और जरूरी मदद मांगी है। बाढ़ की वजह से सिक्किम में 11 पुल ढह गए हैं। सिर्फ मंगन जिले में ही 8 पुल बह गए हैं। नामची में दो और गंगटोक में एक पुल बह गया है. चार प्रभावित जिलों में पानी की पाइपलाइन, सीवेज लाइनें और 277 घर, दोनों कच्चे और कंक्रीट नष्ट हो गए हैं।लापता सैनिकों की निचले इलाके में तलाश’: अधिकारियों ने बताया कि निचले इलाकों में भी लापता सैनिकों की तलाश की जारी है. संभवना है कि तेज बहाव वाली नदी लापता लोगों को उत्तरी पश्चिम बंगाल की ओर निचले इलाकों तक ले जा सकती है। कोलकाता में पश्चिम बंगाल सरकार ने एक बयान में कहा, 18 शव बरामद किए गए हैं। जिनमें से चार जवानों और दो नागरिकों के शव हैं। इन सभी की पहचान कर ली गई है। बाकी की पहचान की कोशिश की जा रही है।’जरूरी सामान की सप्लाई को लेकर सरकार अलर्ट’: उत्तरी सिक्किम में कुछ हेलिकॉप्टरों ने स्थानीय लोगों के लिए चावल, दाल, नमक और दूध जैसे जरूरी सामान के साथ लाचेन के लिए उड़ान भरी। मुख्य सचिव ने लोगों से अचानक बाढ़ से संबंधित अफवाहों पर विश्वास न करने का आग्रह किया। इससे पहले पाठक ने ईंधन समेत जरूरी सामान के बारे में जानकारी लेने के लिए चैंबर ऑफ कॉमर्स, थोक खुदरा विक्रेताओं, फार्मेसी एसोसिएशन, आईओसी प्रतिनिधियों, एलपीजी डीलरों और वितरकों, पेट्रोल पंप मालिकों और टैक्सी ड्राइवर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ कई बैठकों की अध्यक्षता की।खोले जा रहे हैं बंद मार्ग’: मुख्य सचिव ने राष्ट्रीय राजमार्ग एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड को लावा और रेशी चेक पोस्ट के जरिए छोटे और भारी वाहनों के लिए बंद मार्गों को जल्द से जल्द खोलने का निर्देश दिया। एक अधिकारी ने आश्वासन दिया कि शुक्रवार सुबह तक मार्ग साफ हो जाएगा। परिवहन सचिव को रूट क्लियरेंस सुनिश्चित कर छोटे और भारी वाहनों के लिए रूट डायवर्जन का आदेश जारी करने का भी निर्देश दिया गया है।’जमाखोरी और ओवररेटिंग पर रखी जा रही है नजर’: जरूरी सामानों की कीमतों में किसी तरह का बदलाव या ओवररेटिंग ना करने की अपील की गई है. राज्य सरकार ने रंगपो, रेशी और मेली चेक पोस्ट के जरिए ऐसी वस्तुओं को ले जाने वाले निजी वाहनों पर शुल्क नहीं लगाने का निर्णय लिया है। मुख्य सचिव ने सभी से अपील की कि वे जरूरी सामान के दाम ना बढ़ाएं और यह भी सुनिश्चित करें कि सिक्किम में एलपीजी, पेट्रोल और आवश्यक वस्तुओं की कोई जमाखोरी न हो।आपदा में 10 हजार लोग प्रभावित’: बताते चलें कि उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील में बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक आई बाढ़ के कारण भारी मात्रा में पानी जमा हो गया, जो चुंगथांग बांध की ओर मुड़ गया और बिजली के बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया, इससे पहले कि वह उफान में नीचे की ओर बढ़े, शहरों और गांवों में बाढ़ आ गई। मंगन जिले में इस आपदा से करीब 10,000 लोग प्रभावित हुए हैं. जबकि पाकयोंग में 6,895, नामची में 2,579 और गंगटोक में 2,570 लोग प्रभावित हुए हैं।तीस्ता से दूर रहने की सलाह’: SSDMA ने लोगों को तीस्ता से दूर रहने की सलाह दी है. चूंकि ऊपरी इलाकों में लगातार बारिश के कारण जल स्तर बढ़ रहा है। इस बीच, पश्चिम बंगाल सरकार के बयान में कहा गया है कि कलिम्पोंग जिले के सांगसे ग्राम पंचायत के 11 लोग लापता हैं। राज्य के उत्तरी भाग में जलपाईगुड़ी, कालिम्पोंग और कूचबिहार जिलों में एसडीआरएफ की चार टीमें तैनात रहेंगी। बयान में कहा गया है कि फंसे हुए पर्यटकों में से करीब 2,000 पश्चिम बंगाल के थे और उनमें से 450 अभी भी लाचेन और उत्तरी सिक्किम के दूरदराज के स्थानों में फंसे हुए हैं, जिनमें से कई ने लौटना भी शुरू कर दिया है। @ रिपोर्ट अशोक झा