तस्करी से लाए जा रहे करोड़ों का सोना जब्त, महिला समेत पांच गिरफ्तार

सिलीगुड़ी: पश्चिम बंगाल के पेट्रापोल में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा के माध्यम से कथित तौर पर 1.86 करोड़ रुपये मूल्य के सोने की तस्करी के आरोप में एक महिला सहित बांगलादेश के चार नागरिकों को गिरफ्तार किया गया। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान बिलाल हुसैन (40), मोहम्मद कबीर (48), आजम खान (46) और जुबिदा खानम (33) के रूप में हुई है जिन्हें बीएसएफ ने उस समय गिरफ्तार किया जब वे वैध तरीके से बांग्लादेश से भारत में प्रवेश कर रहे थे। उन्होंने बताया कि जब्त की गई वस्तुओं में सोने के 23 बिस्कुट और चार सोने के कंगन शामिल हैं, जिनका वजन कुल 3.19 किलोग्राम है।गिरफ्तार लोगों में एक महिला शामिल। इनके पास से तीन किलोग्राम से ज्यादा वजन के 23 सोने के बिस्कुट, चार कंगन और एक अंगूठी जब्त की गई। गिरफ्तार लोगों में एक महिला भी शामिल है। बीएसएफ ने शनिवार को एक बयान में बताया कि जब्त सोने की अनुमानित कीमत 1.87 करोड़ रुपये है। अधिकारियों ने बताया कि इनमें महिला को छोड़ बाकी तीनों यात्री अपने मलाशय में तस्करी के सोने के बिस्कुटों को छिपाकर बांग्लादेश से भारत ला रहे थे। सोने की कोलकाता में डिलीवरी की जानी थी। बीएसएफ के जनसंपर्क अधिकारी व डीआइजी ए के आर्य ने बताया कि बांग्लादेश से आने वाले यात्रियों की शुक्रवार को नियमित जांच के दौरान मेटल डिटेक्टर ने अलग-अलग घटनाओं में बेलाल हुसैन, आजोम खान और मोहम्मद कबीर के शरीर के निचले हिस्से में किसी धातु की उपस्थिति का संकेत दिया।

मलाशय में छिपा रखा था सोने का बिस्कुट
पूछताछ करने पर सभी ने अपने मलाशय में सोने के बिस्कुट होने की बात स्वीकार की। बाद में चिकित्सकों की मदद से बेलाल हुसैन व आजोम खान के पास से छह-छह सोने के बिस्कुट जबकि मोहम्मद कबीर के पास से 11 बिस्कुट बरामद किए गए, जो पारदर्शी टेप से लपेटकर उनके मलाशय में छुपाए हुए थे। तीनों बांग्लादेश के कोमिला जिले के रहने वाले हैं। अन्य घटना में उसी दिन ढाका की रहने वाली जुबिदा खानम नाम की यात्री द्वारा पहने गए चार कंगन व एक अंगूठी असामान्य आकार में थे। पूछताछ में वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सकी। इसके बाद सोने के साथ उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
एक गिरोह का हिस्सा हैं चारों आरोपी
प्रारंभिक जांच में पता चला कि ये चारों एक गिरोह का हिस्सा हैं और बड़े तस्कर के निर्देश पर यात्री के वेश में बांग्लादेश से भारत में सोने की तस्करी करते हैं। पूछताछ में खुलासा हुआ कि सोने की सफलतापूर्वक डिलीवरी करने पर प्रत्येक को 10-10 हजार बांग्लादेश टका मिलना था। बीएसएफ ने जब्त सोने के साथ पकड़े गए तस्करों को आगे की कार्रवाई के लिए सीमा शुल्क विभाग, पेट्रापोल को सौंप दिया है। गिरफ्तार लोगों को आगे की कार्रवाई के लिए स्थानीय पुलिस को सौंप दिया गया। दो दिन पहले ही सिलीगुड़ी से 180 किलोमीटर दूर दालकोला में गुप्त सूचना के आधार पर रायगंज कस्टम की टीम ने एक अंतरराष्ट्रीय सोना तस्कर को गिरफ्तार किया है। उसके पास से पांच सोने के एक-एक किलोग्राम के सोने के बार पाए गए है। इसकी कीमत 3 करोड़ रुपए से अधिक आंकी गई है पकड़े गए सोना तस्कर मुन्ना शर्मा है। वह नेपाल के काठमांडू का निवासी है। उसने कस्टम टीम के सामने स्वीकार किया की वह तस्करी के सोना को लेकर बिहार के मोतिहारी जा रहा था। आरोपी को बुधवार को जब आरोपी को रायगंज मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत में लाया गया, तो न्यायाधीश ने 14 दिनों की जेल हिरासत का आदेश दिया। घटना के संबंध में बताया गया की
रायगंज कस्टम कार्यालय को गुप्त सूचना मिली की एक अंतरराष्ट्रीय तस्कर सिलीगुड़ी से 5 किलोग्राम सोना लेकर निजी बस से बिहार की ओर जा रहा है। सूचना के आधार पर मंगलवार की आधी रात को मुन्ना शर्मा एक निजी बस से सिलीगुड़ी से बिहार के मोतिहारी के लिए निकलने की पुख्ता सूचना के आधार पर इसके बाद दालखोला सीमा शुल्क कार्यालय और रायगंज सीमा शुल्क कार्यालय के अधीक्षक के नेतृत्व में चार सदस्यों की एक टीम तैयार की गई। टीम ने उत्तर दिनाजपुर जिले के दालखोला थाने के सूर्यपुर टोल टैक्स पर बस को रूकवाया। जॉच के क्रम में तस्कर को हिरासत में लेकर तलाशी ली। उसके पास से पांच सोने के बार पाए गए। तलाशी के बाद आरोपी बस से उतर गया और संबंधित कार्यालय के कर्मचारियों ने उसे पकड़ लिया। इसके बाद उन्हें रायगंज के कर्णजोरा स्थित सीमा शुल्क कार्यालय लाया गया और पूरे दिन मैराथन पूछताछ जारी की हिरासत में लिए गए व्यक्ति से पूछताछ के बाद कई सनसनीखेज तथ्य सामने आए। उसने कहा कि वह इससे पहले भी सोना को लेकर बिहार सप्लाई कर चुका है। कई ऐसी और जानकारी भी दी है जिसके आधार पर इस पूरे नेट वर्क को खंगालने में लगी है। सवाल यह उठ रहा है की दुर्गा पूजा के दौरान लगातार सुरक्षा के चाक चौबद व्यवस्था है तो सोना तस्कर दालकोला तक आ पाने में कैसे कामयाब रहे। अगर यह सोना तस्कर नही होकर कोई राष्ट्र विरोधी होता तो क्या होता? इसका जनाब कोई अधिकारी नहीं दे पा रहे है। @रिपोर्ट अशोक झा

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