सांसद ने की राशन घोटाले में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज करने की मांग

सांसद ने की राशन घोटाले में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज करने की मांग
– सांसद ने कहा, 2020 मार्च में प्रधानमंत्री को लिखा था पत्र उत्तर बंगाल में बड़े पैमाने पर राशन वितरण में हुआ है घोटाला
– आज राशन घोटाला को लेकर सिलीगुड़ी में भाजपा की रैली

सिलीगुड़ी: 2011 से 2021 के बीच पश्चिम बंगाल में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) में कई अनियमितताएं सामने आई थीं, और उस समय ज्योतिप्रिय मल्लिक राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री थे। इसके अलावा यह मामला कोरोनावायरस और उससे होने वाले रोग कोविड-19 के चलते लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान किए गए खाद्यान्न वितरण से जुड़ा है। इस घोटाले में ज्योतिप्रिय मल्लिक राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री को ईडी ने गिरफ्तार किया है। ज्योति प्रिय मलिक अपनी पत्नी और सहयोगी बकीबुर रहमान के जरिए शेल कंपनियां चलाकर काले को सफेद बना रहे थे। जिसकी जांच जारी है। इसी बीच उत्तर बंगाल में भी बड़े पैमाने पर राशन घोटाला हुआ है। इस बात की जानकारी विरोधी दल नेता सुभेंदु अधिकारी ने मिडिया में खुलासा किया था। इसको लेकर दार्जिलिंग के सांसद सह भाजयुमो राष्ट्रीय महासचिव राजू बिष्ट ने गरीबों के अन्न पर डाका डालने और राशन घोटाले में शामिल आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज करने और कार्यवाई करने की मांग की है। भाजपा की ओर से सिलीगुडी में राशन वितरण घोटाला को लेकर आज शाम जुलूस निकाला जायेगा। सांसद ने कहा कि जो कोई भी ऐसे बेईमान कृत्यों में शामिल होता है उसे अनुकरणीय दंड मिलता है। सांसद ने कहा कि उन्होंने कहा कि दिनांक 30 मार्च, 2020 उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा जारी, केंद्र सरकार ने “5 किलोग्राम चावल/गेहूं और 1 किलोग्राम दाल के अतिरिक्त आवंटन की घोषणा की है अप्रैल-जून, 2020 से तीन महीने के लिए पीडीएस के तहत सभी लाभार्थियों को भेजा था। हालाँकि, मुझे अपने निर्वाचन क्षेत्र में राशन वितरण में विसंगतियों की कई रिपोर्टें मिली हैं। अधिकांश लाभुकों ने बताया कि उन्हें आवंटित राशि का राशन नहीं दिया गया। इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा आवंटित अतिरिक्त राशन भी अब तक किसी को नहीं मिला है। रिपोर्टों के अनुसार स्टॉक में हेराफेरी, खरीद के किसी भी नियम का पालन नहीं किया जाना, मिलों और गोदामों की क्षमता को बढ़ा-चढ़ाकर बताना – कुछ चावल मिलें केवल कागजों पर मौजूद हैं, कई बैंक खाते हैं और राशन की हेराफेरी आदि के कारण बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। जैसा कि आप जानते हैं, उत्तर बंगाल क्षेत्र देश के सबसे आर्थिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों में से एक है और यहां के लोग कोरोनोवायरस लॉकडाउन के दौरान अत्यधिक कठिनाइयों से गुजर रहे हैं। ऐसे नाजुक समय में गरीबों को उनके बुनियादी अधिकारों से वंचित करना अपराध है और इसकी उचित जांच होनी चाहिए। पश्चिम बंगाल सरकार को केंद्र द्वारा आवंटित राशन अविलंब जारी करने का आदेश दें। यह सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षकों की एक टीम नियुक्त करें कि स्टॉक का भौतिक सत्यापन, मिल और गोदाम क्षमता का भौतिक सत्यापन, लाभार्थियों का भौतिक सत्यापन और खाता विवरण आदि किया जाए। जब यह मामला का पर्दाफांस हुआ है तो ईडी धान खरीद से राशन वितरण तक के सभी मामले को विधिवत जॉच कर उचित कारवाई करे।
पहाड़ पर 23 वर्षों से एक ही परिवार राशन वितरण व्यवस्था पर है कब्जा :
बताया जाता है की 2000 से एक ही परिवार के तीन लोग दार्जिलिंग सदर के 300 एमआर सॉप को राशन सप्लाई का किया उठाए हुए है। आरोप है की यहां राशन पूरा पहुंच ही नहीं पाया।सांसद के पास यह भी शिकायत है की वृजमोहन, रामावतार और धनराज जैसे सप्लायर के खिलाफ राजनीत कारणों से कोई मुंह नहीं खोलता। इतना ही नहीं दार्जिलिंग में उपभोक्ताओं तक मेरी गोल्ड को राशन का गेंहू आटा बनाने के लिए दिया जाता रहा है। अगर इस फ्लावर मिल की जॉच और बिजली खपत की जॉच करा ली जाय तो सच्चाई सामने होगी। अब सवाल उठता है की इस कटमानी ओर सिंडीकेट राज के खिलाफ क्यों नहीं दार्जिलिंग हिल और उत्तर बंगाल के भ्रष्टाचार में लिफ्ट अधिकारियों और इससे जुड़े नेताओं पर सीधी कार्रवाई करती है। रिपोर्ट अशोक झा

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