ईडी ने पश्चिम बंगाल में चल रहे फर्जी कॉल सेंटर घोटाले का पर्दाफाश, परिवार के सदस्यों, कंपनियों और सहयोगियों की 67.23 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति कुर्क
ईडी ने पश्चिम बंगाल में चल रहे फर्जी कॉल सेंटर घोटाले का पर्दाफाश, परिवार के सदस्यों, कंपनियों और सहयोगियों की 67.23 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति कुर्क
सिलीगुड़ी: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पश्चिम बंगाल में चल रहे फर्जी कॉल सेंटर घोटाले का पर्दाफाश किया है। ईडी की ओर से कहा गया की उसने कोलकाता की मेट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड और अन्य द्वारा कॉल सेंटर धोखाधड़ी के मामले में कुणाल गुप्ता, उसके परिवार के सदस्यों, कंपनियों और सहयोगियों की 67.23 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति कुर्क की है। ईडी ने कोलकाता पुलिस द्वारा दर्ज एक एफआईआर के आधार पर एक जांच शुरू की, जिसमें मेट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड और उसके सहयोगियों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश सहित गंभीर अपराध का आरोप लगाया गया। जांच में कंपनी द्वारा साल्ट लेक, कोलकाता में चलाए जा रहे एक अवैध कॉल सेंटर का पता चला, जो घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धोखाधड़ी की गतिविधियों में लिप्त था।बता दें ईडी ने कुणाल गुप्ता, उसके प्रमुख कर्मचारियों और उसकी कंपनियों के आवासीय और वाणिज्यिक परिसरों पर पीएमएलए, 2002 के तहत तलाशी अभियान भी चलाया था।
ईडी की जांच में पता चला कि कंपनी के प्रतिनिधियों ने अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया में भोले-भाले निवासियों को निशाना बनाया। बाद में इस कॉल सेंटर को कोलकाता पुलिस ने सील कर दिया। वैध व्यवसायों के प्रतिनिधियों के रूप में आरोपियों ने फर्जी टेक सपोर्ट, भ्रामक वेबसाइट बिक्री और नकली मोबाइल ऐप्स के माध्यम से नकली लोन ऑफर के माध्यम से लोगों को धोखा दिया। उन्होंने पीड़ितों को पर्याप्त भुगतान करने के लिए मजबूर किया और 126 करोड़ रुपये की अपराध आय अर्जित की। रिपोर्ट की मानें तो कुणाल गुप्ता अपनी कंपनी के ऑफिस परिसर में फर्जी कॉल सेंटर के पीछे का मास्टरमाइंड था। गुप्ता अवैध सट्टेबाजी और ऑनलाइन जुआ गतिविधियों में भी शामिल था। जांच के बाद पता चला है कि गुप्ता ने अपने इस अवैध धन को सफेद करने की कोशिश में परिवार के सदस्यों और कंपनी के कर्मचारियों को भी शामिल किया। बता दें होटल, क्लब और कैफे सहित गेस्ट क्षेत्र के माध्यम से अपराध की आय का उपयोग किया गया और बेदाग के रूप में पेश किया गया। रिपोर्ट अशोक झा