सिलीगुड़ी में किन्नरों का महासम्मेलन, आज निकलेगी कलशयात्रा देशभर से आए 3000 से अधिक किन्नर

सिलीगुड़ी:
आज सिलीगुड़ी में देश भर के किन्नरों का महासम्मेलन हो रहा है। आज शहर में कलश यात्रा निकाली जाएगी। इस कलश यात्रा में करोड़ो के जेवरात के साथ किन्नर सड़कों पर निकलेंगे। कलशयात्रा में उनका स्वागत करने के लिए विभिन्न संगठनों की ओर से तैयारी की जा रही है। वहीं इस सम्मेलन में देश भर के किन्नर शामिल हो रहे हैं। बता दें कि सम्मेलन का आयोजन जिला किन्नर समाज द्वारा किया जा रहा है। 23 नवंबर को निकाली जाएगी कलश यात्रा: इस सम्मेलन में देश भर से आये किन्नरों का परिचय सम्मेलन, पूजन-पाठ, नृत्य-गायन और हवन सहित गुरु मां की गुप्त पूजा की जा रही है। वहीं इस आयोजन का खास आकर्षण किन्नरों द्वारा निकाली जाने वाली कलश यात्रा होगी जो प्रमुख मार्गों से होते हुए शहर में भ्रमण करेगी। इस दौरान मार्ग में पड़ने वाले मंदिर, मस्जिदों में घंटे और चादर अर्पण किए जाएंगे। बता दें कि इस दस दिवसीय आयोजन की सिर्फ 23 नवंबर को निकाली जाने वाली इनकी कलश यात्रा ही सार्वजनिक होगी, क्योंकि यात्रा नगर में भ्रमण करेगी। वहीं सभी आयोजन गुप्त हैं। किन्नर लक्ष्मी शुक्ला ने बताया कि
अब समाज में हीनद्रष्टि से नहीं बल्कि सम्मान के साथ देखा जा रहा
किन्नर का कहना है कि भगवान ने हमारे साथ अन्याय नहीं, बल्कि न्याय किया। हमें वरदान दिया है और इतना सबल किया है कि हम समाज की खुशहाली, जनता की भलाई के लिए वरदान और आशीर्वाद देते हैं. हमारी दुआएं काम करती है। किन्नर का कहना है कि भगवान ने हमें जीवन समाज के लिए दिया है। हमे अर्धनारीश्वर का रूप दिया है।ये खुश है कि अब इन्हें समाज मे हीनद्रष्टि से नहीं बल्कि सम्मान और अपनेपन के साथ देखा जा रहा है। किन्नर कहती है कि हमारे समाज की भी कुछ परंपरा है। हमारे समाज में एक यज्ञ का विधान है जो सुहागनें करती है। यही वजह है कि हम अपने मनपसंद ईश्वर से शादी कर उन्हें पति मानते हैं. यही कारण है कि हमें महिलाओं को सदा सुहागन रहो ऐसा आशीर्वाद देने का हक मिलता है। किन्नर बनना भगवान का वरदान
किन्नर बनाने और ईश्वर के अन्याय के सवाल पर कैटरीना किन्नर का कहना है कि भगवान ने हमारे साथ अन्याय नहीं बल्कि न्याय किया। हमे वरदान दिया है और इतना सबल किया है की हम समाज की खुशहाली, जनता की भलाई के लिए वरदान आशीर्वाद देते हैं. हमारी दुआएं काम करती है. इनका मानना है कि भगवान ने हमें जीवन समाज के लिए दिया है। हमें अर्धनारीश्वर का रूप दिया है।
होते हैं कई कार्यक्रम: किन्नर समाज के इस तरह के अखिल भारतीय सम्मेलन में जंहा थर्ड जेंडर के मनोरंजक व धार्मिक आयोजन होते है. वंही मेल मिलाप व रिश्तेदारियां भी होती है। जहां ये ऐसे सम्मेलनों में मिलकर एक दूसरे से मां, बहन, मौसी और बुआ बेटियों जैसे रिश्ते बनाते है। वही अपने शादीशुदा होने और सुहागिन होने की बातें भी स्वीकार करते हैं।आपको जानकर हैरानी होगी किन्नर अपनी दुनियां में मस्त नजर तो आते हैं लेकिन उनके जीवन में धर्म और आध्यात्म का बहुत बड़ा महत्व है। कई अवसरों पर बिना किन्नरों के कुछ तो धार्मिक कार्य पूरे ही नहीं माने जाते हैं। कहते हैं कि इनके नाराज हो जाने से कई बार दिक्कतों का सामना कर पड़ता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं किन्नरों के जीवन में घंटे से जुड़ी एक ऐसी सच्चाई जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। बिना पैसे लिए ये आपके घर से नहीं निकलते।ऐसे में कुछ लोग उन्हें पैसे देने से कतराते हैं तो कुछ लोग खुशी-खुशी उन्हें दक्षिणा दे देते हैं। ऐसे में कहा जाता है कि जब कोई किन्नर आपके घर आए तो ये दो जादुई शब्द बोलने से मां लक्ष्मी आपके घर में बरस जाएंगी। कहने का सीधा सा मतलब यह है कि इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।आइए हम आपको बताते हैं कि वो कौन से दो जादुई शब्द हैं जिन्हें बोलने से पैसों की कमी दूर हो सकती है। जब भी कोई किन्नर दक्षिणा मांगे तो उससे कहें, ‘और मिलेगी’, भले ही ये शब्द आपको मामूली लगें। लेकिन ऐसा करना शुभ माना जाता है। ऐसे में जब आप उन्हें अपने साथ चलने के लिए कहते हैं तो उन्हें भी इस बात का एहसास होता है कि यह उन्हें अच्छे दिल से दिया गया है, किसी मजबूरी में नहीं। जिससे किन्नर खुश और धन्य होकर जाते हैं।किन्नरों की दुआ का बहुत असर होता है। उनके लिए प्रार्थना करने से घर में बरकत आती है। किन्नरों की खतरनाक बद्दुआएं उनकी दुआओं से भी ज्यादा असरदार होती हैं। यही कारण है कि लोग उनसे डरते हैं और उन्हें दक्षिणा देते हैं। क्योंकि किन्नरों के साथ दुर्व्यवहार कोई भी नहीं करना चाहता। तो अगली बार जब भी आप किसी किन्नर को दक्षिणा दें तो उससे ये दो जादुई शब्द कहना न भूलें। इस शोभायात्रा में बेटी पढ़ाओ बेटी बढ़ाओ का नारा देगा। किन्नर समाज जजमानों की खुशी के लिए ईश्वर से दुआ मांगी गई है. इसके साथ ही मंदिरों में घंटा चढ़ाया गया है. उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में उनके समाज के बड़े-बूढ़ों के अंतिम संस्कार के बाद उनके लिए मंगल कामना करते हुए देश की खुशहाली के लिए लिए दुआ मांगी. किन्नरों ने अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति और किन्नर का दोबारा जन्म नहीं मिलने की प्रार्थना करेंगे। उन्होंने बताया कि इस शोभा यात्रा के दौरान प्रशासन ने पूरी तैयारी की थी। @रिपोर्ट अशोक झा

Back to top button