सांसद हरीश द्विवेदी और उनके भाईयो के खिलाफ तलबी आदेश निरस्त
सांसद हरीश द्विवेदी और उनके भाईयो के खिलाफ तलबी आदेश निरस्त
उप्र बस्ती जिले में मारपीट के मामले में सांसद हरीश द्विवेदी व उनके भाई बागीश चंद्र दुबे और सुभाष चंद्र दुबे के तलबी आदेश को अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय की अदालत ने निरस्त कर दिया। मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश मीनू शर्मा ने कहा कि अपर न्यायिक मजिस्ट्रेट एमपी एमएलए कोर्ट के आदेश को निरस्त किया जाता है। उल्लेखनीय है कि अपर न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने 22 अप्रैल 2022 को सांसद व उनके दो भाईयों को वारंट जारी कर तलब किया था। मामला 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान लोक गठबंधन पार्टी के प्रत्याशी पंकज दुबे से पोलिंग बूथ के पास मारपीट का है। इस मामले को लेकर नगर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ। विवेचक संतोष सिंह ने सांसद व उनके दो भाईयों के विरुद्ध कोई साक्ष्य न पाने के कारण न्यायालय में अंतिम रिपोर्ट दाखिल किया। अंतिम रिपोर्ट के विरुद्ध पंकज दूबे ने 28 जनवरी 2020 को एसीजेएम प्रथम की अदालत में आपत्ति दाखिल किया। आपत्ति का अवलोकन कर न्यायाधीश अर्पिता यादव ने 22 अप्रैल को विवेचक द्वारा दाखिल अंतिम रिपोर्ट को निरस्त करते हुए सांसद व उनके दो भाईयों को तलब कर लिया। एसीजेएम के आदेश को चुनौती देते हुए सांसद ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश/एमपी-एमएलए कोर्ट में निगरानी दाखिल किया। अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय की अदालत ने मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि केस डायरी व विवेचक के रिपोर्ट और पंकज दुबे के चोटों की डॉक्टरी परीक्षण का अवलोकन करते हुए कहा कि रिपोर्ट में कहीं भी धारदार औजार से चोट नहीं पाई गई है। चिकित्सा परीक्षा में डॉक्टर ने इस मामले को लेकर कोई टिप्पणी भी नहीं किया है। जबकि एसीजेएम प्रथम की अदालत ने धारदार हथियार से चोट पहुंचाने के मामले में सांसद व उनके दोनों भाईयों को तलब किया था। ऐसी दशा में एसीजेएम प्रथम के 22 अप्रैल 2022 के आदेश को निरस्त किया जाता है। अदालत को आदेश दिया जाता है कि मामले में नए सिरे से सुनवाई शुरु करे।