जज अभिजीत गंगोपध्याय ने पश्चिम बंगाल की CID पर उठाए सवाल, कहा क्या यह इतना गंभीर मामला है?

कोलकाता: बंगाल में जज के पति के साथ सीआईडी का मामला तुल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में जहां सत्ता पक्ष इसे कानूनी मामला बताकर पल्ला झाड़ रही है वही दूसरी ओर कोलकत्ता हाई कोर्ट के जज अभिजीत गंगोपाध्याय ने पश्चिम बंगाल की CID पर सवाल उठाया। जज अभिजीत गंगोपाध्याय ने अपने साथी जज अमृता सिन्हा के पति को मिले समन पर सवाल उठाया। अमृता सिन्हा के पति प्रताप चंद्र डे के खिलाफ एक व्यक्ति और उसकी बेटी ने शिकायत दर्ज कराई है।
जज ने उठाया सवाल: जज अभिजीत गंगोपाध्याय ने सुनवाई के दौरान राज्य सरकार का पक्ष रख रहे महाधिवक्ता किशोर दत्ता से पूछा, ‘क्या यह इतना महत्वपूर्ण मामला है? CID कई महत्वपूर्ण मामलों में सही जांच नहीं कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने सीआईडी ​​और राज्य को जांच के कई निर्देश दिये हैं। क्या सीआईडी ​​सभी मामलों में इतनी सक्रियता से जांच करती है?’ सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने सीआईडी ​​को महिलाओं द्वारा दायर मामले के संबंध में बिना किसी दबाव के अपनी जांच जारी रखने का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को दिसंबर में सुनवाई की अगली तारीख पर सीलबंद लिफाफे में जांच स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का भी निर्देश दिया था। अमृता सिन्हा के पति प्रताप चंद्र डे एक वकील हैं और उनको इस महीने सीआईडी ​​ने दो बार तलब किया है। शनिवार को उनसे 9 घंटे तक पूछताछ की गई। सीआईडी ​​के सूत्रों के मुताबिक प्रताप चंद्र डे को पिछले सोमवार को अपना मोबाइल फोन सरेंडर करने के लिए भी कहा गया था। प्रताप चंद्र डे की पत्नी और कलकत्ता हाई कोर्ट की जज अमृता सिन्हा पश्चिम बंगाल स्कूल नौकरी घोटाले से संबंधित मामलों की सुनवाई कर रही थीं। इसमें तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी का नाम भी शामिल है। प्रताप चंद्र डे ने आरोप लगाया है कि सीआईडी ​​ने उन्हें परेशान किया और अधिवक्ताओं के एक ग्रुप ने सीआईडी ​​की कार्रवाई का विरोध किया है। एक वकील नीलांजन भट्टाचार्य ने कहा, ‘जब जस्टिस अमृता सिन्हा भ्रष्टाचार के कई मामलों में कई महत्वपूर्ण आदेश दे रहे हैं, तो सीआईडी ​​की पूछताछ और प्रताप चंद्र डे का उत्पीड़न स्वाभाविक रूप से पूरे मामले पर सवाल उठाता है।’
सीआईडी ​​ने आरोपों से इनकार किया: दो महिलाओं द्वारा दायर प्रताप चंद्र डे के खिलाफ मामले में आरोप लगाया गया कि उन्होंने उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश के पति के रूप में अपने पद का दुरुपयोग किया। साथ ही उन्होंने महिलाओं और उनके रिश्तेदारों से जुड़े पैतृक संपत्ति से संबंधित दो आपराधिक मामलों की जांच में हस्तक्षेप किया। सीआईडी ​​के अनुसार प्रताप चंद्र डे पैतृक संपत्ति मामलों में महिला विरोधी पक्ष के वकील थे। रिपोर्ट अशोक झा

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