बंगाल राशन घोटाले में टीएमसी नेता शंकर आध्या गिरफ्तार, ममता के पूर्व मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने पूछताछ में बताया था नाम !
कोलकाता: मेडिकल जांच के बाद कोर्ट में पेश करेंगी टीएमसी नेता शंकर आध्या को। गिरफ्तार करने से पहले ईडी की टीम काफी खोजबीन के बाद जांच अधिकारियों को आध्या के ससुराल से साढे आठ लाख रुपये की नकदी मिली। इस दौरान ईडी की एक अलग टीम ने शंकर आध्या के घर पर उनसे पूछताछ की. उसके बाद परिजनों ने दावा किया कि ईडी ने उनसे तमाम व्यावसायिक मामलों पर पूछताछ की. बता दें कि तृणमूल नेता आध्या उनके परिवार के कई व्यवसाय हैं. सूत्रों के मुताबिक, टीएमसी नेता विदेशी मुद्रा विनिमय का कारोबार भी करता है. इससे पहले ईडी ने राशन घोटाले में ज्योतिप्रिय मल्लिक को भी गिरफ्तार किया है. जिनके साथ शंकर आध्या के काफी करीबी संबंध रहे हैं। ईडी अफसरों के साथ केंद्रीय सुरक्षा बल के जवान भी थे लेकिन, जब तक कि टीम कोई कार्रवाई कर पाती 200 लोगों की भीड़ ने उन्हें घेर लिया और उन पर हमला बोल दिया। इसमें कई लोग घायल हो गए। ईडी अफसरों और सुरक्षा बलों की गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की। लोग कहते हैं बेताज बादशाह जिस संदेशखली गांव में यह सबकुछ हुआ, वह तृणमूल कांग्रेस के नेता शेख शाहजहां का गांव है। यह गांव उत्तर 24 परगना जिले के तहत आता है जो बांग्लादेश की सीमा से सटा है। शेख शाहजहां संदेशखली इलाके का प्रभावशाली शख्स है। उसे स्थानीय लोग बेताज बादशाह कहते हैं। वह इस इलाके से जिला परिषद का सदस्य है और कई बड़े नेताओं का नजदीकी है। गरीबी में गुजरा बचपन शाहजहां का जन्म बेहद गरीब परिवार में हुआ। उसका बचपन गरीबी में ही गुजरा लेकिन धीरे-धीरे वह बड़े नेताओं के संपर्क में आकर संदेशखली में एक बड़ी ताकत बन गया। उसका सियासी सफर 2006 में वामपंथी शासन में शुरू हुआ, जब उसने सीपीआई नेता मोस्लेम शेख के करीबी सहयोगी के रूप में करियर की शुरुआत की। शाहजहां शेख के लिए पैसे उगाही करता था। इसके बाद उसने धीरे-धीरे रियल एस्टेट और मछली पालन में पैसे लगाना शुरू कर दिया। ज्योतिप्रियो मल्लिक का खास आदमी 2011 में, जब राज्य में सत्ता परिवर्तन हुआ, तब भी शाहजहाँ वामदलों के साथ ही जुड़ा रहा लेकिन 2013 में, वह तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गया। तब से वह पूर्व मंत्री ज्योतिप्रियो मल्लिक का खास आदमी बना हुआ है। 2019 में जब बीजेपी-टीएमसी झड़प में तीन लोगों की मौत हो गई थी, तब शाहजहां का नाम उस घटना से जोड़ा गया था। हालाँकि, तब उसने कहा था कि उसे बदनाम किया जा रहा है।चुनावी धांधली का उस्ताद स्थानीय निवासियों का कहना है कि शाहजहां 2006 से ही विभिन्न अवैध गतिविधियों में शामिल रहा है लेकिन उसने खुद को हमेशा शक्तिशाली लोगों के करीब रखा है, इसलिए उस पर ना तो कभी कोई बड़ा दोष लग सका और ना ही कभी कोई कार्रवाई हुई। सूत्रों ने आरोप लगाया कि शाहजहां क्षेत्र में चुनावों में धांधली करता रहा है, इसलिए वह सियासत का प्यारा चेहरा बना हुआ है। शाहजहां चूकि पूर्व मंत्री ज्योतिप्रियो मल्लिक का करीबी रहा है, जो राशन घोटाले के मामले में अब ब ईडी की हिरासत में है। इसीलिए ईडी के अधिकारी शाहजहां से राशन घोटाले में पूछताछ करने पहुंचे थे। एजेंसी के सूत्रों ने कहा कि राशन घोटाला एक बड़ा अपराध है और शाहजहाँ इसमें शामिल हो । जांच एजेंसी ने अपने बयान में कहा कि 800-1000 लोगों की हिंसक भीड़ ने मौत के इरादे से CRPF के साथ ED टीम पर हमला किया। इसमें कहा गया है कि हमलावर लाठियां और पत्थर लिए हुए थे। बयान में कहा गया है कि, ‘CRPF कर्मियों की सहायता से अधिकारी संबंधित व्यक्ति से संपर्क करने की कोशिश करके भी दरवाजा खुलवाने की कोशिश कर रहे थे। उस वक्त उसके मोबाइल लोकेशन से पता चला कि वह इसी घर के अंदर था। इसके बाद, ईडी टीम आश्चर्यचकित रह गई कि आधे घंटे के भीतर, लगभग 800-1000 लोगों की भीड़ हाथों में लाठी, पत्थर, ईंट आदि हथियार लेकर उनकी ओर बढ़ी और ईडी अधिकारियों और CRPF कर्मियों को घेर लिया। अचानक, उन्होंने ED अधिकारियों और सीआरपीएफ कर्मियों पर हमला करना शुरू कर दिया और उन पर पत्थर और ईंट फेंकना शुरू कर दिया और अधिकारियों के साथ-साथ CRPF कर्मियों (दो परिसरों में 27) पर पत्थरों/लाठियों/हाथों (शारीरिक बल का उपयोग करके) से हमला किया। इस भीड़ ने ईडी अधिकारियों और केंद्र सरकार के खिलाफ नारे भी लगाए।” ED ने कहा कि हमलावरों ने ईडी के वाहनों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। जांच एजेंसी ने कहा कि भीड़ को TMC नेता शाहजहां शेख और उनके सहयोगियों द्वारा उकसाए जाने का संदेह है। इसने आगे बताया कि भीड़ के हमले में उसके तीन अधिकारी घायल हो गए और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हिंसक भीड़ ने ऑन-ड्यूटी ईडी अधिकारियों को घायल करने के अलावा उनके लैपटॉप, मोबाइल फोन, वॉलेट, नकदी और अन्य सामान भी चुरा लिया। बयान में आगे कहा गया है कि, ‘ED के अधिकारियों पर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते समय भीड़ द्वारा बुरी तरह हमला किया गया। तीन अधिकारियों को गंभीर चोटें आई हैं क्योंकि भीड़ मौत का कारण बनने के इरादे से ED अधिकारियों की ओर बढ़ी है। उन्हें अस्पताल में चिकित्सा सहायता मिल रही है। अन्य अधिकारियों को अपनी जान बचाने के लिए बिना तलाशी लिए घटना स्थल से भागना पड़ा क्योंकि भीड़ बहुत हिंसक हो गई थी और यहां तक कि उन्होंने अधिकारियों का पीछा भी किया, ताकि अधिकारियों को उनकी आधिकारिक ड्यूटी करने से रोका जा सके। भीड़ ने ईडी अधिकारियों के मोबाइल फोन, लैपटॉप, नकदी, वॉलेट आदि जैसे व्यक्तिगत/आधिकारिक सामान भी छीन/लूट/चुरा लिए।” बता दें कि, ईडी अधिकारियों के अलावा, यह बताया गया था कि शुक्रवार को हिंसक भीड़ ने एक पत्रकार पर भी हमला किया था। जैसा कि पहले बताया गया था, न्यूज18 बांग्ला के एक संवाददाता पर भी हमला किया गया था। उनकी कार को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया और पत्रकार दल का कैमरा भी इन गुंडों ने तोड़ दिया. शाहजहां शेख के समर्थकों द्वारा ईडी अधिकारियों पर हमले के कारण टीएमसी नेता पर योजनाबद्ध छापेमारी पूरी नहीं हो सकी थी। भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने दावा किया था कि, ED और CRPF पर हमला करने वालों में अवैध रोहिंग्या भी शामिल थे।बंगाल का राशन घोटाला :- बता दें कि, 26 अक्टूबर को ईडी ने राशन वितरण से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में पश्चिम बंगाल की मंत्री ज्योति प्रिया मल्लिक के कोलकाता स्थित आवास पर छापेमारी की थी। मल्लिक एक वरिष्ठ टीएमसी नेता हैं जो बंगाल के वन मंत्री के रूप में कार्यरत हैं। पहले, उनके पास खाद्य मंत्री का प्रभार था। छापेमारी के जवाब में, सीएम ममता बनर्जी ने केंद्रीय एजेंसी की कड़ी आलोचना की और केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पर 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले “व्यापक रणनीति” के हिस्से के रूप में ऐसी कार्रवाइयों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। दिलचस्प बात यह है कि मल्लिक की बेटी प्रियदर्शनी ने 2016 की नोटबंदी के बाद कथित तौर पर अपने बैंक खाते में 3.37 करोड़ रुपये जमा किए थे। एक स्कूल टीचर होने के नाते, वह 2.48 लाख का वार्षिक वेतन लेती हैं। ईडी की पूछताछ के दौरान, उसने दावा किया कि उसने ट्यूशन फीस के रूप में पैसे कमाए हैं। इसके अलावा, ईडी को मल्लिक की पत्नी मंदीपा के आईडीबीआई बैंक खाते में 4.3 करोड़ रुपये की जमा राशि मिली। ईडी ने शेल कंपनियों का इस्तेमाल कर 95 करोड़ रुपये की लॉन्ड्रिंग करने के आरोप में मलिक को गिरफ्तार किया है। रिपोर्ट अशोक झा