लालू यादव फिर करेंगे दही-चूड़ा का सियासी खेल,मकर संक्रांति में राबड़ी आवास पर हो रहा महाजुटान

पटना: राबड़ी आवास पर मकर संक्रांति के मौके पर दही-चूड़ा भोज का आयोजन किया जाएगा। यह कार्यकर्म भले ही बिहार में हो रहा हो परंतु चर्चा बंगाल में है। चर्चा है की राजनीति के पिच पर तेजस्वी के लिए बैटिंग के लिए बंगाल में पूरा प्लान तैयार हो रहा है। इसका कारण है कि यहां खूबसूरत वादियों के साथ अन्य परकार की सारी सुविधाएं उपलब्ध है।
इसलिए तो अब बिहार के लोग शादी ब्याह के लिए भी बंगाल को पहली प्राथमिकता देते है। सालों बाद एक बार फिर राबड़ी आवास पर दही-चूड़ा भोज का आयोजन किया जा रहा है। चारा घोटाले में सजायाफ्ता लालू यादव के जेल जाने और बीमारी की वजह से राबड़ी आवास पर मकर संक्रांति का भोज नहीं हो रहा था।।लेकिन इस बार मकर संक्रांति को दही-चूड़ा भोज का आयोजन राबड़ी आवास पर किया जा रहा है। इसके लिए लालू यादव की तरफ से महागठबंधन के सभी दलों को इसके लिए आमंत्रित किया गया है।तिलकुट और मसालेदार शब्जी का इंतजाम:लालू प्रसाद के चूड़ा दही भोज में गुड़ से बने भूरा और तिलकुट का भी इंतजाम किया गया है. इसके साथ ही चूड़ा दही के साथ खाने के लिए खास तौर पर आलू-गोभी और मटर की मसालेदार सब्जी भी बनाई जाएगी।महागठबंधन को मजबूत बनाने की कोशिश:भोज में दूसरे दलों के नेताओं को बुलाया गया है या नहीं अभी इस बात की जानकारी सामने नहीं आई है. कहा जा रहा है कि चदही- चूड़ा भोज के बहाने लालू यादव महागठबंधन को मजबूत बनाने की कोशिश कर रहे हैं। बिहार में पिछले कुछ दिनों से नीतीश कुमार के पाला बदलने के चर्चे हैं, तो वहीं सीट बंटवारे को लेकर जेडीयू के साथ ही कांग्रेस और वाम दलों के नेता भी बयानबाजी कर रहे हैं। ऐसे में लालू यादव महागठबंधन को मजबूत बनाने के लिए चूड़ा दही साथ खाने की योजना बना रहे हैं. पिछले कुछ दिनों से नीतीश कुमार राबड़ी आवास नहीं गए हैं. एक जनवरी को राबड़ी देवी के जन्मदिन पर वह बधाई देने भी नहीं पहुंचे। नीतीश कुमार भोज में शामिल होते हैं या नहीं इसपर सबकी नजर है। बता दें कि बिहार की राजनीति में लालू यादव का दही-चूड़ा भोज हमेशा मशहूर रहा है. इस दही-चूड़ा-गुड़ की मिठास ने कई राजनेताओं की कड़वाहट दूर कर दी है। जिस तरह तिल की प्रकृति गर्म होती है, उसी तरह लालू यादव भी तिलकुट खिलाकर बिहार की सियासी गर्मी को बढ़ा देते हैं। ऐसे में मकर संक्रांति पर राजद सुप्रीमो लालू यादव का आवास एक बार फिर दही-चूड़ा भोज से गुलजार होने जा रहा है।इस बार लालू यादव मकर संक्रांति की बड़ी तैयारी में जुटे हुए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, लालू यादव ने 14 15 जनवरी को राबड़ी आवास पर होने वाले दही-चूड़ा भोज की तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है।आपको बता दें कि 2016 में जब लालू यादव ने मकर संक्रांति पर दही-चूड़ा भोज का आयोजन किया था तो इसकी राजनीतिक तौर पर काफी चर्चा हुई थी. नीतीश कुमार के साथ मिलकर साल 2015 में लालू यादव की पार्टी ने बिहार में विधानसभा का चुनाव लड़ा बहुमत के साथ गठबंधन सरकार बनाई. बता दें कि लालू यादव राबड़ी देवी के बाद उनके दोनों बेटे तेजस्वी तेज प्रताप यादव ने इसी दौरान राजनीति में कदम रखा. वहीं 2017 में राबड़ी आवास पर आयोजित दही-चूड़ा भोज के दौरान लालू यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के माथे पर दही का तिलक लगाया था, उस वक्त वह तस्वीर काफी चर्चा में रही थी।बिहार में चर्चित रहा है लालू का ‘दही चूड़ा’ भोज:आपको बता दें कि बिहार में दही-चूड़ा भोज की शुरुआत लालू प्रसाद ने साल 1994-95 में की थी, जब वह बिहार के मुख्यमंत्री थे. लालू प्रसाद यादव ने आम लोगों को अपने साथ जोड़ने के लिए दही-चूड़ा भोज का आयोजन शुरू किया था, जिसके बाद इसकी खूब चर्चा हुई लालू यादव के भोज में शामिल होने के लिए बिहार के कोने-कोने से हजारों लोग आते रहे, इस दौरान कई तरह के राजनीतिक समीकरण भी बनते रहे. इस भोज के बहाने उन नेताओं को जरूर बुलाया गया, जिन्हें लालू अपने साथ जोड़ना चाहते थे. धीरे-धीरे दही-चूड़ा भोज राजद की परंपरा बन गयी. चारा घोटाले में लालू यादव के जेल जाने के बाद भी राजद ने इस परंपरा को कायम रखा। हालांकि, साल 2021 में 26 साल बाद देश में कोरोना महामारी आने पर लालू परिवार के घर दही-चूड़ा खिलाने की परंपरा टूट गई. वहीं 2023 में तेजस्वी यादव एक बार फिर दही-चूड़ा भोज की तैयारी में थे, लेकिन, राजद के वरिष्ठ नेता शरद यादव के निधन के बाद ऐन वक्त पर भोज स्थगित करना पड़ा. अब एक साल बाद 2024 में लालू यादव फिर उसी अंदाज में दही-चूड़ा भोज देने की तैयारी में हैं, जिसके लिए वो जाने जाते हैं।रिपोर्ट अशोक झा

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