राहुल की भारत जोड़ो यात्रा आज पहुंचेंगी सिलीगुड़ी, जनसभा की अनुमति नहीं

सिलीगुड़ी: कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि रविवार को अलीपुरद्वार के फालाकाटा में गांधी के कार्यक्रम पर भी अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं। सिलीगुड़ी के पुलिस प्रमुख सी सुधाकर ने कहा, ‘पुलिस भर्ती परीक्षा सहित दो परीक्षाएं 28 जनवरी को निर्धारित हैं। लाउडस्पीकर बजाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। ये परीक्षाएं बहुत पहले निर्धारित की गई थीं।’ कांग्रेस की न्याय यात्रा गुरुवार को असम से पश्चिम बंगाल में प्रवेश कर गई। पश्चिम बंगाल में 26 और 27 जनवरी को दो दिनों के लिए रुकी यात्रा रविवार को फिर से शुरू होने वाली है। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने संवाददाताओं से कहा, ‘हमने न्याय यात्रा के कार्यक्रम और रूट चार्ट का विवरण अधिकारियों को बहुत पहले ही सौंप दिया था। यह हमारे लिए बड़ा सवाल है कि आखिर राज्य प्रशासन इस तरह की परेशानियां क्यों पैदा कर रहा है। पश्चिम बंगाल में राज्य प्रशासन से हमें अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है। हमने 28 जनवरी को जन सभा
आयोजित करने की अनुमति मांगी थी। अनुमति नहीं दी गई। कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई ने ममता सरकार पर पार्टी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में बाधाएं पैदा करने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि एक फरवरी को मुर्शिदाबाद जिले के बहरामपुर के एक स्टेडियम में पार्टी नेता राहुल गांधी की सभा की अनुमति नहीं देना राज्य सरकार की एक “साजिश” है। चौधरी ने कहा, “हमने पहले ही बहरामपुर स्टेडियम में सभा के लिए प्रशासन से अनुमति मांगी थी। हालांकि, इतने लंबे समय तक चुप रहने के बाद, प्रशासन ने आखिरी समय में अनुमति देने से इनकार कर दिया। यह स्पष्ट रूप से एक राजनीतिक साजिश की ओर इशारा करता है। हालांकि, स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेता अपूर्ब सरकार ने आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया है कि बहरामपुर स्टेडियम में मुख्यमंत्री का कार्यक्रम काफी पहले निर्धारित था और घटना के पीछे साजिश का कोई सवाल ही नहीं है। कांग्रेस नेतृत्व ने गुरुवार को कूचबिहार जिले के तुफानगंज उपखंड के तहत बॉक्सिरहाट में प्रवेश करने के बाद से पश्चिम बंगाल में न्याय यात्रा रैली में प्रशासनिक बाधाओं की बात कही है।गुरूवार को ही राहुल के स्वागत के लिए बनाए गए मंच को पुलिस की आपत्ति के बाद तोड़कर एक वैकल्पिक स्थान पर खड़ा करना पड़ा था। उसके बाद, सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने 28 जनवरी को सिलीगुड़ी शहर में राहुल की एक सार्वजनिक सभा की अनुमति देने से इनकार कर दिया। राज्य कांग्रेस नेताओं ने कहा कि जिला पुलिस अधिकारियों के आग्रह के बाद जलपाईगुड़ी शहर में न्याय यात्रा के कार्यक्रम को भी कुछ हद तक बदलना होगा।’ टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने मीडियाकर्मियों को बताया, ‘चौधरी बीजेपी द्वारा बोली जाने वाली भाषा में टीएमसी सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला कर रहे हैं। वे यात्रा के राज्य में प्रवेश से पहले मुख्यमंत्री को सूचित करने का शिष्टाचार भी नहीं दिखाते हैं। वह भाजपा के एजेंट की तरह काम कर रहे हैं। उस दिन सिलीगुड़ी में पुलिस की भर्ती परीक्षा है इसलिए इतना बड़ा इंतजाम नहीं किया जा सका। इसीलिए प्रशासन ने अनुमति देने से इनकार कर दिया। इन सब के बीच तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के करीबी सूत्र ने बड़ा दावा किया कि वो, नीतीश कुमार के गठबंधन छोड़ने की खबरों को ‘छुटकारा’ मिलने के रूप में देख रही हैं। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस की ओर से राजभवन में एक मिलन समारोह का आयोजन किया गया था। जिसमें प्रदेश सीएम ममता बनर्जी भी शामिल हुईं थीं। कार्यक्रम में सीपीएम के दिग्गज नेता और वाम मोर्चा के अध्यक्ष बिमान बोस भी पहुंचे थे. इसमें बीजेपी और कांग्रेस पार्टी की तरफ से किसी नेता ने शिरकत नहीं की थी।
बिहार में गठबंधन को होगा सत्ता विरोधी लहर का नुकसान
ममता बनर्जी के करीबी सूत्र ने उनकी ऑफ-द-रिकॉर्ड चर्चा का हवाला देते हुए दावा किया कि दीदी का मानना है कि अगर नीतीश कुमार गठबंधन छोड़ देते हैं तो निश्चित तौर पर उनके छुटकारा मिल जाएगा. उनका यह भी सोचना है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ जो सत्ता विरोधी लहर है, उसका नुकसान गठबंधन को उठाना पड़ सकता है.
महागठबंधन छोड़ने से आरजेडी-कांग्रेस को नुकसान नहीं’
बंगाल सीएम के करीबी सूत्रों ने दावा किया कि अगर नीतीश कुमार ‘बिहार ग्रैंड अलायंस’ से बाहर निकलते हैं तो इससे आरजेडी और कांग्रेस को कोई नुकसान नहीं होने वाला. यह भी आशंका जताई कि अगर ये दोनों जेडीयू के साथ गठबंधन में लोकसभा चुनाव लड़ते तो बिहार की 40 सीटों में से उनको सिर्फ 6 से 7 सीटें ही मिलतीं.
नीतीश कुमार की प्रतिबद्धता पर पहले से रहा संदेह
सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में इस बात का भी दावा किया है कि ममता बनर्जी, शुरुआत से ही नीतीश कुमार की इंडिया गठबंधन प्रतिबद्धता को लेकर संदेह जताती रहीं. जिसके चलते उन्होंने उनके संयोजक बनने पर आपत्ति जताई. बीजेपी, नीतीश कुमार को पहले इंडिया अलायंस का संयोजक नियुक्त करवाना चाहती थी और फिर उनको एनडीए में शामिल करवाने की योजना बनाए बैठी थी. इसके बारे में ममता बनर्जी पहले से ही जानती थीं.
ममता बनर्जी के विरोध के चलते नहीं बने संयोजक
ममता बनर्जी के विरोध करने के बाद नीतीश कुमार को संयोजक नहीं बनाया जा सका. सीएम बनर्जी के इस विरोध को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, शिव सेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे और समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव ने समर्थन किया था। जब ममता बनर्जी से नीतीश कुमार के यू-टर्न लेने से बीजेपी को कितना बड़ा फायदा होने वाला सवाल पूछा गया तो वो इसका सीधा जवाब देने से बचती नजर आईं। हालांकि, उन्होंने यही कहा, ”हालात जो भी हों, वो हमेशा बीजेपी से लड़ती रहेंगी।
कांग्रेस नेता को बंगाल में करेंगी ‘टी’ ऑफर
कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच चल रही तीखी बहस और बयानबाजी को लेकर कहा कि बंगाल में ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के कार्यक्रम को लेकर उनको अंधेरे में रखा गया था. जहां तक उनका राहुल गांधी के आमने सामने होने की बात है तो वो (मजाकिया लहजे में कहा) कांग्रेस नेता को ‘टी’ ऑफर करेंगी। @रिपोर्ट अशोक झा

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