गुप्त नवरात्र आज से, तंत्र साधना के लिए भक्त पहुंच रहे कामाख्या

गुवाहाटी: हिंदू धर्म को मानने वालों में नवरात्रि का विशेष महत्व है। बता दें कि साल में कुल 4 नवरात्रि पड़ती है। जिसमें से 2 गुप्त नवरात्रि होती है। पहली माघ माह में और दूसरी आषाढ़ माह में पड़ती है। जहां शारदीय और चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा की जाती है। गुप्त नवरात्रि के दौरान देवी काली और उनकी 10 महाविद्याओं की पूजा करने का विधान है। असम के कामख्या मंदिर में इन दस महाविद्या की साधना के लिए भक्त पहुंच रहे है। तंत्र- मंत्र की विद्या और साधना के लिए गुप्त नवरात्रि काफी खास मानी जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा यानी 10 फरवरी से गुप्त नवरात्रि का आरंभ हो रहा है, जो 18 फरवरी को समाप्त हो रही है। आइए जानते हैं गुप्त नवरात्रि की तिथियां, कलश स्थापना का मुहूर्त।माघ गुप्त नवरात्रि में कलश स्थापना मुहूर्त: सुबह 8 बजकर 45 मिनट से लेकर 10 बजकर 10 मिनट तक
दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से लेकर 12 बजकर 58 मिनट तक।गुप्त नवरात्रि में इन दस महाविद्याएं की होती है पूजा: गुप्त नवरात्रि के दौरान मां काली सहित इन 10 महाविद्याओं की पूजा करने का विधान है। इनके नाम है काली, तारा, छिन्नमस्ता, षोडशी, भुवनेश्वरी, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला।माघ मास की गुप्त नवरात्रि के पहले दिन माता का कैलाश से धरती पर आगमन होगा। इस बार माघ गुप्त नवरात्रि में मां घोड़े पर सवार होकर धरती पर आएंगी। दिन के हिसाब से ही उनके आगमन का वाहन तय होता है और उसका शुभ और अशुभ प्रभाव धरती वासियों पर पड़ता है। 18 फरवरी रविवार को माघ गुप्त नवरात्रि समाप्त होंगे। धरती से कैलाश प्रस्थान के लिए माता का वाहन भैंसा होगा। माता की सवारी के चलते गुप्त नवरात्रि बेहद शुभ हैं। घोड़े पर होगा माता दुर्गा का आगमन गुप्त नवरात्रि के नाम से ही यह स्पष्ट हो जाता है कि गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं की पूजा बहुत ही गुप्त तरीके से की जाती है। इस साल के गुप्त नवरात्रि का शुभारंभ शनिवार से होने की वजह से इस बार माता रानी का वाहन घोड़ा होगा। जबकि विसर्जन रविवार के दिन होने के कारण भैंसे पर मां दुर्गा प्रस्थान करेंगी।
मां दुर्गा के घोड़े पर आगमन के क्या हैं संकेत इस बार माता दुर्गा का वाहन घोड़ा है। माता रानी के इस वाहन से अशुभ संकेत मिल रहे हैं। देवी दुर्गा को जब भी घोड़े पर सवार होकर आते हुए देखा जाता है तो इसे शुभ संकेत नहीं माना जाता। मां दुर्गा की घोड़े की सवारी देश में आंधी-तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाएं लाने, गृह युद्ध और सत्ता में उथल-पुथल के संकेत भी देती है। वहीं नवरात्रि का समापन 18 फरवरी रविवार के दिन हो रहा है। इस बार माता रानी भैंस पर विदा होंगी तो लोग बीमार होंगे, वे बुखार, जुकाम और अन्य मौसमी बीमारी से प्रभावित हो सकते हैं। घर-परिवार में अशांति बनी रह सकती है। रिपोर्ट अशोक झा

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