संदेशखाली हिंसा में कोई सांप्रदायिक एंगल या दुराचार का मामला नहीं आया सामने : डीआईजी सुमित कुमार

कोलकाता: उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में हिंसा में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं था। साथ ही पुलिस ने यह भी कहा कि क्षेत्र की किसी भी महिला ने बलात्कार की शिकायत दर्ज नहीं कराई थी। पुलिस का यह बयान केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के इस आरोप के कुछ घंटों बाद आया, जिसमें ईरानी ने कहा था कि संदेशखाली में हिंदू महिलाओं के साथ बलात्कार किया जा रहा है।।मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए उप महानिरीक्षक (बारासात रेंज) सुमित कुमार ने कहा, ‘संदेशखाली में महिलाओं की शिकायतों को देखने के लिए एक डीआइजी रैंक की महिला अधिकारी की अध्यक्षता में 10 सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। टीम संदेशखाली का दौरा करेगी और उन महिलाओं से बात करेगी जो कथित तौर पर स्थानीय टीएमसी नेताओं के अत्याचारों का शिकार थीं।’ डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल सुमित कुमार ने यह भी कहा कि अगर किसी को कोई शिकायत है, तो उन्हें आगे आना चाहिए और स्थानीय पुलिस या पुलिस अधीक्षक कार्यालय में लिखित शिकायत दर्ज करनी चाहिए। ऐसी शिकायतों के आधार पर जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि एसपी रैंक की एक महिला अधिकारी ने इलाके का दौरा किया और महिलाओं को विश्वास में लेने के बाद उनसे बातचीत की। उसके बाद हमें उन महिलाओं से चार लिखित शिकायतें मिलीं, लेकिन उनसे कोई बलात्कार की शिकायत नहीं मिली।’सुमित कुमार ने आगे कहा, ‘हमें जो शिकायतें मिली हैं उनमें कोई सांप्रदायिक एंगल भी नहीं है। राज्य सरकार ने 10 सदस्यीय टीम का गठन किया है, जो कल से काम शुरू कर देगी। टीम इलाकों का दौरा करेगी, महिलाओं से बातचीत करेगी और गहन पूछताछ करेगी। ऐसी शिकायतों को लेकर सरकार गंभीर है। हम ग्रामीणों से टीमों से बात करने का अनुरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि जब भी हमें उनसे लिखित शिकायत मिलेगी हम कड़ी कानूनी कार्रवाई करेंगे।’
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने ममता सरकार पर लगाए थे गंभीर आरोप
बता दें, नई दिल्ली में मीडिया कर्मियों को संबोधित करते केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने सोमवार को कहा था कि संदेशखाली में निचली जातियों, मछुआरों और कृषक समुदायों की ‘हिंदू’ महिलाओं ने स्थानीय पत्रकारों को बताया कि टीएमसी कार्यकर्ताओं द्वारा उनके साथ हर रोज बलात्कार किया जाता है। ईरानी ने कहा था कि संदेशखाली से महिलाओं ने कहा है कि टीएमसी के लोग उनके घरों में यह जांचने आते हैं कि कौन सी महिला सुंदर और युवा है। संदेशखाली की महिलाओं और उनके पतियों ने पत्रकारों को बताया है कि स्थानीय टीएमसी के लोग दावा करते हैं कि हिंदू महिलाओं के पति केवल नाम के लिए पति होंगे, लेकिन उन्हें (अपनी पत्नियों पर) कोई अधिकार नहीं होगा… संदेशखाली की महिलाएं मदद की गुहार लगा रही हैं।’
इस बीच, पश्चिम बंगाल महिला आयोग की एक टीम ने संदेशखाली का दौरा किया और महिला निवासियों से बातचीत की। आयोग की अध्यक्ष लीना गंगोपाध्याय ने कहा, ‘हमें महिलाओं से शिकायतें मिली हैं… अब तक, हमें यौन उत्पीड़न की कोई शिकायत नहीं मिली है। उन्होंने कहा है कि उन्हें बिना सोचे-समझे और यहां तक कि रात में भी पार्टी की बैठकों में भाग लेने के लिए कहा गया था। उन्होंने यह भी शिकायत की कि पुलिस ने उनकी शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया। हम निश्चित रूप से इस पर गौर करेंगे।’ रिपोर्ट अशोक झा

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