संदेशखाली के ईर्द गिर्द भटक रही सियासी जंग, विशेषाधिकार पैनल के नोटिस पर रोक

 

कोलकाता: बंगाल में संदेशखाली मामले को लेकर सियासी जंग जारी है। बंगाल की पूरी सियासत अभी इस मुद्दे के ईर्द गिर्द भटक रही है। यहां महिलाओं ने जो आरोप लगाए हैं, वो बेहद संगीन और शर्मनाक हैं। संदेशखाली हिंसा को लेकर राज्य सरकार और विपक्ष दल आमने-सामने हैं। विपक्षी पार्टियों ने तृणमूल कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला करते हुए राज्य में कानून व्यवस्था ध्वस्त होने का आरोप लगाया है।मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी भाजपा पर पलटवार करते हुए इलाके में अशांति फैलाने का आरोप लगाया है। सत्ता दल और विपक्ष के इस नोक-झोंक के बीच राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी संदेशखाली हिंसा को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने बताया कि इलाके से तनावपूर्ण खबरें सामने आ रही है। महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कोलकाता एयरपोर्ट पर मीडिया से इस मुद्दे पर बात की। उन्होंने कहा, ‘जैसा कि आप सब जानते हैं, संदेशखाली से बहुत तनावपूर्ण खबरें आईं है। मैं वहां जा रही हूं और मैं चाहती हूं कि उन्हें (महिलाओं) न्याय मिले। मैं डीजी और स्थानीय पुलिस से भी मुलाकात करूंगी। मैं महिलाओं से मिलना चाहती हूं। उन्हें अपने समर्थन का आश्वासन देना चाहती हूं। अलग-अलग जांच बिठाई जा चुकी है, लेकिन आरोपियों का अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है।अब उस मामले को लेकर संदेशखाली सियासी जंग का मैदान बना हुआ है और तीन दिनों से बीजेपी और पुलिस में झड़प जारी है। इस बीच आज संदेशखाली के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान सर्वोच्च अदालत ने कहा कि इस मामले में उन्हें 4 हफ्तों के अंदर जवाब चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा सचिवालय को भी नोटिस जारी किया और कहा कि अगली सुनवाई तक सम्मन और कार्यवाही रुकी रहनी चाहिए। आज राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा संदेशखाली पहुंच रही हैं। उन्होंने कहा कि वह तीन और महिलाओं के साथ संदेशखाली जा रही हैं।
अगर कोई उनसे मुलाकात करना चाहे तो कर सकता है।
पेश नहीं हुए चीफ सेक्रेट्री और पुलिसकर्मी: बता दें कि संदेशखाली मामले पर लोकसभा के विशेषाधिकार पैनल ने चीफ सेक्रेट्री और अन्य शीर्ष पुलिसकर्मियों को पेश होने के लिए कहा था, लेकिन वे आज पेश नहीं हुए। बता दें कि पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव भगवती प्रसाद गोपालिका ने संसदीय विशेषाधिकार समिति के नोटिस को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।पीड़ित महिलाएं मांग रहीं इंसाफ: संदेशखाली में तनाव को लेकर हालात गंभीर हैं। पूरा इलाका सुलग रहा है। पीड़ित महिलाएं इंसाफ मांग रही हैं और पुलिस ने संदेशखाली में पहरा बैठा रहा है। बंगाल के कोने-कोने में बीजेपी सड़क पर उतर रही है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ गुस्सा है। पीड़ितों द्वारा जो आरोप लगाए गए हैं वो बेहद संगीन हैं। भयावह हैं आरोप: यहां की महिलाएं पिछले कुछ दिनों से तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता शाहजहां शेख और उसके सहयोगियों के अत्याचार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं ने खुद अपनी आपबीती सुनाई है। महिलाओं ने शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर अत्याचार करने, यौन उत्पीड़न करने और जमीन कब्जाने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। उत्पीड़न के बाद छोड़ जाते थे घर: आरोप लगाने वाली एक महिला ने बताया कि टीएमसी के लोग गांव में घर-घर जाकर चेक करते हैं और इस दौरान अगर घर में कोई सुंदर महिला या लड़की दिखती है तो टीएमसी नेता शाहजहां शेख के लोग उसे अगवा कर ले जाते थे और फिर उसे पूरी रात अपने साथ पार्टी दफ्तर यहां अन्य जगह पर रखा जाता और अगले दिन यौन उत्पीड़न करने के बाद उसे उसके घर या घर के सामने छोड़ जाते थे। इसके बाद जैसे ही मामला सामने आया तो राज्यपाल ने तुरंत मामले पर संज्ञान लिया और खुद संदेशखाली पहुंच गए और बाद में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि संदेशखाली में जो हुआ वो होश उड़ा देने वाला था। रिपोर्ट अशोक झा

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