बंगाल में नदी के नीचे दौड़ी मेट्रो, पीएम मोदी उद्घाटन के बाद बच्चों के साथ की सवारी


कोलकाता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पश्चिम बंगाल और बिहार दौरे पर हैं। पश्चिम बंगाल में देश की पहली अंडरवाटर मेट्रो की शुरूआत हो गई है। पश्चिम बंगाल की पहचान हुगली नदी के नीचे से मेट्रो ट्रेन गुजर रही है। 260 किलोमीटर लंबी हुगली गंगा नदी का ही एक हिस्सा है।बुधवार को प्रधानमंत्री ने देश की पहली अंडरवाटर मेट्रो ट्रेन का कोलकाता में उद्घाटन किया। यहां पीएम की एक झलक पाने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी। इस दौरान प्रधानमंत्री ने उनका अभिवादन किया। इस मौके पर मोदी मोदी और जय श्री राम के नारे लगाए गए। इसके बाद उन्होंने अंडरवाटर मेट्रो की बच्चों के साथ सवारी भी की। इस नदी के नीचे से कोलकाता मेट्रो अब दौड़ा करेगी। देश की पहली अंडरवाटर ट्रेन यहां नदी के नीचे से गुजरने वाली है।इसे इंजीनियरिंग चमत्कार के तौर पर देखा जा रहा है। लंदन, पेरिस और अंडर वॉटर मेट्रो ये वो शब्द हैं, जिन्हें सुनने के बाद हिंदुस्तानी बस हैरान हुआ करते थे। लेकिन अब हैरान होने का नहीं दुनिया को हैरान करने का वक्त आ चुका है। लंदन और पेरिस के बीच जो ट्रेन दौड़ी उसका रास्ता पानी के नीचे से होकर जाता था और अब भारत के कोलकाता शहर में पहली बार हुगली नदी के नीचे से मेट्रो दौड़ने जा रही है। क्या है कोलकाता अंडरग्राउंड मेट्रो की खासियत? पहली बार ऐसा होगा जब कोई मेट्रो नदी के नीचे चलेगी. हावड़ा से एस्प्लेनेड स्टेशन के बीच 4.8 किलोमीटर का रास्ता है। इसमें से करीब आधा किलोमीटर यानि 520 मीटर का रास्ता पानी से होकर जाता है। आधे किलोमीटर लंबी सुरंग से गुजरने में एक मिनट से भी कम वक्त लगता है। वर्तमान में, ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर 16.6 किमी तक फैला है, जिसमें 10.8 किमी भूमिगत स्थित है, जिसमें हुगली नदी सुरंग भी शामिल है।
माझेरहाट मेट्रो स्टेशन एक अनोखा ऊंचा मेट्रो स्टेशन है, जिसमें एक नहर भी शामिल होगी। भारत का सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन होने के साथ-साथ, हावड़ा का ईस्ट-वेस्ट मेट्रो स्टेशन भारत का सबसे बड़ा स्टेशन बनने वाला है। पानी के नीचे बनी सुरंग में मेट्रो की रफ्तार 80 किलोमीटर प्रति घंटे की होगी. पानी के नीचे होने के बावजूद सुरंग को इस तरह से तैयार किया गया है कि एक बूंद पानी भी सुरंग के भीतर नहीं घुस पाएगा।किन चुनौतियों के बाद तैयार हुई मेट्रो सुरंग?हुगली नदी के नीचे हावड़ा ब्रिज है। इस पुल के ठीक नीचे ही दो सुरंग बनाई गई हैं और इन सुरंगों को ईस्ट वेस्ट मेट्रो का नाम दिया गया है। नदी के भीतर 520 मीटर लंबी सुरंग बनाना कितनी बड़ी चुनौती थी, उसे समझना भी जरूरी है। यहां पर हावड़ा रेलवे स्टेशन है, जो सबसे व्यस्त स्टेशनों में से एक है। हावड़ा रेलवे स्टेशन के सामने ही हुगली नदी बहती है और हावड़ा मेट्रो के लिए जो सुरंग बनाई गई है। उसका एक हिस्सा हावड़ा स्टेशन की जमीन के नीचे से होकर गुजरता है। चुनौती ये थी कि करीब सौ साल पुराने रेलवे स्टेशन के नीचे से सुरंग निर्माण का काम कैसे शुरू किया जाए. हावड़ा मैदान के बाद से मेट्रो के रास्ते में ऐसे कई इमारतें थीं, जो 100 साल जितनी पुरानी थीं। सबसे बड़ी मुश्किल का सैंपल लेना था।
नदी का पानी कैसे नहीं रुकेगा?
हालांकि, हर चुनौती को पार करते हुए बिना किसी इमारत को चोट पहुंचाए नदी के नीचे 500 मीटर लंबी सुरंग का काम पूरा किया गया। फिर देश में सबसे गहरा यानि जमीन से 30 मीटर नीचे खुदाई करके हावड़ा मेट्रो स्टेशन तैयार किया गया। हावड़ा रेलवे स्टेशन के ठीक पीछे बने हावड़ा मेट्रो स्टेशन के लिए 33 मीटर जमीन में खुदाई की गई जो देश में किसी भी मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए हुई सबसे गहरी खुदाई है। खुदाई कितनी गहरी हुई उसे इस बात से समझिए कि हुगली नदी से करीब 100 फीट नीचे सुरंग बनाई गई. दस मंजिला इमारत जितनी ऊंची होती है करीब करीब उतनी ही गहराई में सुरंग बनाई गई थी। मेट्रो स्टेशन के लिए रास्ता बनाने के लिए नदी के नीचे खुदाई की गई है, इसलिए पानी ऊपर से आसानी से बहता रहेगा। देश के इंजीनियरों के लिए पानी के नीचे सुरंग की खुदाई करना कितना बड़ा चैलेंज था उसे इस बात से समझिए कि किसी भी वक्त पानी का खतरा मंडरा रहा था। इसलिए टनल की खुदाई के लिए जो बोरिंग मशीन मंगवाई गई उसे इस तरह से डिजायन किया गया था अगर नदी के भीतर किसी भी तरह की इमरजेंसी सिचुएशन होती है तो मशीन सबमरीन की तरह जिंदगियों की रक्षा करती।
चार अंडरग्राउंड स्टेशन बनाए गए
दरअसल पहले की तस्वीर कुछ ऐसी थी कि बीच में नदी होने की वजह से सियालदाह से स्प्लेनेड तक ही मेट्रो आती थी। लेकिन अब नदी के नीचे टनल तैयार होने से चार अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन बन गए हैं। कमाल की बात ये है कि हर रोज जिन यात्रियों को हावड़ा स्टेशन तक पहुंचने में एक घंटा लगता था वो सिर्फ चंद मिनटों में सीधे प्लेटफॉर्म तक पहुंच जाएंगे। कोलकाता घनी आबादी के बोझ से दबा वो शहर है जहां सड़कों की भी सांस फूलने लगती है। हावड़ा और सियालदाह के बीच सड़क से दूरी तय करने में एक घंटे से 45 मिनट तक लग जाते हैं लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने उनके इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया। इसके बाद वो बारासात में रैली करने के लिए रवाना हुए। माना जा रहा है कि बारासात में उनके मंच पर संदेशखाली की पीड़िताओं को जगह मिल सकती है। पीएम मोदी नारी शक्ति वंदन अभिनंदन कार्यक्रम के तहत बारासात पहुंचेगे। बारासात में रैली : दोपहर बाद वह एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करने के लिए बारासात जाएंगे. प्रधानमंत्री की रैली अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से दो दिन पहले होगी। वहां पीएम मोदी संदेशखाली की घटना को लेकर ममता सरकार को घेर सकते हैं। पश्चिम बंगाल राज्य बीजेपी के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि संदेशखली की कई प्रताड़ित महिलाएं, जो टीएमसी नेताओं द्वारा महिलाओं के यौन शोषण के आरोपों पर विरोध प्रदर्शन कर रही हैं, रैली स्थल पर मौजूद रहेंगी। हालांकि उन्होंने कहा था कि अभी यह साफ नहीं है कि संदेशखाली के पीड़ितों उनकी मुलाकात होगी या नहीं। पिछले हफ्ते, बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा था कि अगर संदेशखाली की पीड़िताएं प्रधान मंत्री से मिलने की इच्छा व्यक्त करती हैं, तो पार्टी मुलाकात की व्यवस्था करेगी. गौरतलब है कि इससे पहले की बंगाल रैली में भी मोदी संदेशखाली में हुए महिला अत्याचार को लेकर आगामी लोकसभा चुनावों में TMC को सबक सिखाने का आह्वान कर चुके हैं।पीएम मोदी का बिहार दौरा:पीएम मोदी बेतिया में दोपहर पौने तीन बजे से विकसित भारत-विकसित बिहार कार्यक्रम में शामिल होंगे. पीएम मोदी अन्य परियोजनाओं के अलावा कवि सुभाष-हेमंत मुखोपाध्याय और तारातला-माजेरहाट मेट्रो खंड का भी उद्घाटन करेंगे. इसके बाद पीएम मोदी बिहार रवाना होंगे. पीएम मोदी 5 दिन के भीतर आज दूसरी बार बिहार आ रहे हैं. आज वो बुधवार को पश्चिमी चंपारण के बेतिया में रहेंगे. इस दौरान प्रधानमंत्री 8700 करोड़ से अधिक की रेल, सड़क और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस से संबंधित विभिन्न बुनियादी ढांचा संबंधी परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे। रिपोर्ट अशोक झा

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