पूरी ताकत लगा कर भी सीबीआई के चंगुल से नहीं बच पा रहा शाहजहां, दिल्ली ले जाने की हो रही तैयारी
कोलकाता: बंगाल सरकार शुरू से ही संदेशखाली के डॉन शाहजहां शेख को बचा रही थी उससे तो यहीं लगता है कि दाल में कुछ काला है।पर जिस तरह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने 43 आपराधिक केस के आरोपी शाहजहां शेख को सीबीआई के हवाले करने से मना कर दिया उससे तो लगता है कि दाल में कुछ काला नहीं है बल्कि पूरी दाल ही काली है।केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नारी शक्ति को केन्द्र में रखकर देश के विकास की बात करते हैं तो दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में राज्य की महिला मुख्यमंत्री के संरक्षण में ही महिलाओं पर अत्याचार हो रहा है।
ईडी और सीएपीएफ कर्मियों पर पांच जनवरी को पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में हुए हमले के आरोपी मास्टरमाइंड शेख शाहजहां की हिरासत मिलने के बाद, सीबीआई के अधिकारी अब निलंबित तृणमूल कांग्रेस नेता को नई दिल्ली स्थानांतिरत करने के विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। केंद्रीय एजेंसी वही रणनीति अपनाने की योजना बना रही है, जो तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता अणुब्रत मंडल के मामले में अपनाई गई थी। मंडल वर्तमान में पश्चिम बंगाल में पशु तस्करी मामले में नई दिल्ली की तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में हैं। संदेशखाली मामले पर बंगाल की ममता सरकार को हाईकोर्ट से झटका लगा है।कलकत्ता हाईकोर्ट ने ईडी टीम पर हमले की जांच सीबीआई को सौंपने के आदेश दिए हैं। साथ ही कोर्ट ने ममता सरकार को आदेश दिया है कि वह मामले में आरोपी शाहजहां शेख को मंगलवार शाम तक सीबीआई की हिरासत में सौंप दें। हाईकोर्ट के इस आदेश को ममता सरकार सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी में थीं पर शायद और भद न पिटे इस कारण पश्चिम बंगाल सरकार ने सरेंडर कर दिया और शाहजहां शेख को सीबीआई को सौंप दिया गया।आखिर इस तरह की जिद क्यों? पहले गुनाह को नहीं माना, एफआईआर तक दर्ज करने से मना किया. जब एफआईआर दर्ज हुई तो गिरफ्तारी से बचाती रहीं. गिरफ्तार हुई तो सीबीआई को सौंपने से मना कर रही थीं.आइए उन कारणों का विश्वेषण करते हैं कि ऐसी क्या वजहें हैं जो ममता बनर्जी इस कदर शाहजहां शेख को संरक्षण दे रही हैं।शाहजहां शेख की गिऱफ्तारी भी हुई तो ईडी की हिरासत से बचाने के लिए ईडी की तरफ से हाईकोर्ट में पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने सोमवार को दलील देते हुए राज्य की पुलिस पर पक्षपाती होने का आरोप लगाया था. उन्होंने कोर्ट को बताया था कि 5 जनवरी को संदेशखाली में लगभग 1,000 लोगों की भीड़ ने ईडी अफसरों पर हमले किए थे. उसके खिलाफ 40 से अधिक मामले दर्ज हैं पर अभी तक इन मामलों में कोई कार्रवाई नहीं की गई. विशेषज्ञों का मानना है कि ममता सरकार ने शाहजहां शेख की गिरफ्तारी भी केवल इसलिए करवाई ताकि ईडी की हिरासत से शाहजहां शेख को बचाया जा सके.
शेख की गिरफ्तारी के बाद राज्य सरकार ने मामले की जांच बशीरहाट पुलिस से लेकर सीआईडी को सौंप दी थी. सॉलिसिटर जनरल का दावा है कि शेख की सीआईडी जांच करवाने की घोषणा भी केवल सीबीआई हिरासत से इनकार करने के लिए किया गया था. शाहजहां और उसके सहयोगियों पर संदेशखाली में प्रवर्तन निदेशालय की टीम पर हमला करने का आरोप है. स्थानीय महिलाएं भी यौन उत्पीड़न के आरोप लगा रही हैं और महीनेभर से आंदोलन कर रही हैं. पुलिस ने शाहजहां पर जिन धाराओं में एफआईआर दर्ज की है, वे बेहद गंभीर हैं और उनमें आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है.
ईडी का कहना है कि पश्चिम बंगाल के राशन वितरण घोटाले में करीब 10 हजार करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार हुआ है. इस मामले में ईडी ने सबसे पहले बंगाल के पूर्व मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक को गिरफ्तार किया था. बाद में टीएमसी नेता शाहजहां शेख और बनगांव नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन शंकर आद्या की भी संलिप्तता भी सामने आई.
आजीवन कारावास तक के मामले हैं जिस शख्स पर हैं दर्ज उसके लिए हमदर्दी क्यों
संदेशखाली के आरोपी शाहजहां शेख पर केवल ईडी अधिकारियों की पिटाई करवाने का ही आरोप नहीं है बल्कि संदेशखाली में जमीन पर कब्जा करने और यौन उत्पीड़न के भी आरोप लगे हैं.शाहजहां शेख पर तीन बीजेपी समर्थकों की हत्या और बिजली विभाग के कर्मचारियों की मारपीट समेत कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. उसे पिछले सप्ताह गुरुवार सुबह गिरफ्तार किया गया था. संदेशखाली और आसपास के इलाकों में 3 मार्च तक धारा 144 लागू की गई है. शाहजहां पर आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 341, 186, 353, 323, 427, 379, 504, 307, 333, 325, 326, 395, 397, 34 के तहत आरोप लगाए गए हैं।
शाहजहां पर 43 केस दर्ज हैं। लेकिन ज्यादातर मामलों में या तो केस की चार्जशीट उपलब्ध नहीं है या फिर शाहजहां के खिलाफ जांच लंबित है। आजतक के पास ऐसे दस्तावेज हैं जो साबित करते हैं कि कैसे कई मामले दर्ज होने के बावजूद प्रशासन ने शाहजहां के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। गुरुवार को सुनवाई के दौरान कलकत्ता हाईकोर्ट ने इन्ही सब मामलों के चलते जमानत याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया। हाईकोर्ट ने वकील से कहा, हम आपके पेश होने का इंतजार कर रहे थे। HC के चीफ जस्टिस टीएस शिवगणनम ने फटकार लगाते हुए कहा कि हमें इस व्यक्ति पर कोई सहानुभूति नहीं है।अगले 10 साल तक कोर्ट आना-जाना पड़ेगा। पेशी होगी। सुनवाई चलेगी। फिर फैसला आएगा। हाईकोर्ट ने कहा, वकील साहब, अगले 10 साल तक आपके पास बहुत-सा काम होगा। आप काफी व्यस्त रहेंगे। सोमवार को अगली सुनवाई के लिए आइए।
सुप्रीम कोर्ट तक गई सरकार ताकि 150 विधानसभा क्षेत्रों में वोट बैंक पुख्ता रहे
ममता सरकार शाहजहां शेख को बचाने के लिए किस हद तक जा सकती है उसकी एक बानगी देखिए. 10000 करोड़ के घोटाले में ईडी शाहजहां शेख से पूछताछ करना चाहती है। सीबीआई जांच करना चाहती है पर ममता सरकार हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक अपील कर रही है। पर दुर्भाग्य से कहीं भी उनके फेवर में फैसला नहीं हो पा रहा है। पश्चिम बंगाल सरकार को सुप्रीम कोर्ट से भी झटका लगा है। कारण, सरकार की तरफ से पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी और गोपाल शंकर नारायणन ने सुप्रीम कोर्ट से तुरंत सुनवाई का आग्रह किया। ममता सरकार द्वारा शाहजहां को बचाने की नाकाम कोशिश का एक और नतीजा ये हुआ कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पूरा मौका मिला। उन्होंने बंगाल जाकर कहा कि ममता को न मां की चिंता है, न माटी की, न मानुष की, उन्हें सिर्फ एक अपराधी की फिक्र है जिसने संदेशखाली की माताओं-बहनों के सम्मान को तार तार किया। मोदी ने संदेशखाली में शेख शाहजहां के जुल्मों की शिकार हुई महिलाओं से मुलाकात की, उनसे बात की, उनकी पीड़ा को सुना और न्याय का पूरा भरोसा दिलाया। बारासात की रैली में मोदी ने बंगाल के लोगों से कहा कि संदेशखाली में जो हुआ, उसके लिए बंगाल की महिलाएं ममता को जरूर सबक सिखाएंगी। संदेशखाली अब पश्चिम बंगाल के चुनावी माहौल का सबसे बड़ा मुद्दा बन गया है। असल में ममता की सरकार ने इसके लिए पूरी ताकत लगाई कि किसी भी सूरत में शाहजहां को सीबीआई के सुपुर्द न करना पड़े। कलकत्ता हाईकोर्ट ने तो मंगलवार को ही बंगाल पुलिस को आदेश दिया था कि शाहजहां को सीबीआई के हवाले करे लेकिन ममता की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की बात कह कर शाहजहां को लेने पहुंची सीबीआई की टीम को वापस लौटा दिया। बुधवार को बंगाल सरकार की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई कि अपील पर जल्द सुनवाई हो, लेकिन कोर्ट ने ये कहकर इंकार कर दिया कि चीफ जस्टिस की बेंच ही तय करेगी कि अर्जी पर कब और कौन सी बेंच सुनवाई करेगी। इसी दौरान कलकत्ता हाईकोर्ट में ED की तरफ से ममता बनर्जी की सरकार के खिलाफ अदालत की अवमानना की अर्जी दायर की गई। हाईकोर्ट को बताया गया कि अदालत के आदेश के बाद भी बंगाल पुलिस ने शेख शाहजहां को सीबीआई के हवाले नहीं किया। इस पर हाईकोर्ट ने सख्त नाराजगी जाहिर की और राज्य के शीर्ष अधिकारियों को अदालत की अवमानना का नोटिस जारी कर दिया। हाईकोर्ट ने बंगाल पुलिस को फिर से आदेश दिया कि वह आरोपी शाहजहां को शाम साढे़ चार बजे तक CBI के हवाले करे और इस मामले की सारी फाइलें CBI को सौंप दे लेकिन हैरानी की बात ये है कि शाम छह बजे तक बंगाल पुलिस ने शाहजहां को सीबीआई के हवाले नहीं किया। लगभग दो घंटे इंतज़ार कराने के बाद पहले बंगाल पुलिस शाहजहां को मेडिकल चेक-अप के लिए अस्पताल ले गई और क़रीब पौने सात बजे CBI के हवाले किया। एजेंसीज के रूख से, सरकार के तेवरों से, कैसे अपराधी का रवैया और उसके हावभाव बदलते हैं, ये भी बुधवार को साफ नजर आया। सीबीआई की टीम जब शेख शाहजहां को मेडिकल चैकअप के लिए ले जा रही थी, तो उसके चेहरे पर हवाइयां उड़ रही थी, चेहरा उतरा हुआ था। लेकिन ठीक एक हफ्ते पहले जब पश्चिम बंगाल की पुलिस ने शाहजहां को कोर्ट में पेश किया था तो पुलिस उसे एस्कॉर्ट कर रही थी। शेख शाहजहां जेब में हाथ डालकर कोर्टरूम में घुसा। उसने कैमरे देखकर विक्ट्री साइन दिखाई । इसके बाद जब कोर्ट से बाहर निकला, उस वक्त गाड़ी में बैठने से पहले नेताओं की तरह उसने पब्लिक की तरफ हाथ हिलाकर वेव किया। लेकिन जब शाहजहां सीबीआई की गिरफ्त में आया तो उसकी सारी अकड़ खत्म हो चुकी थी। और जो रही सही है, वो अगले दो चार दिनों की खारितरदारी में खत्म हो जाएगी। शाहजहां अब CBI की कस्टडी में है। अब उसे याद आ रहा होगा कि वो अपनी पब्लिक मीटिंग्स में लोगों से कहता था कि CBI और ED उसका बाल भी बांका नहीं कर सकते। वो कहता था कि भगवान से प्रार्थना करो कि उसे गुस्सा ना आए, अगर उसे गुस्सा आया तो वो बीजेपी के वर्कर्स के दांत तोड़ देगा और बीजेपी के नेताओं की खाल खिंचवा देगा।।कोई भी लीडर चाहे कितना भी ताकतवर क्यों न हो, बिना मुख्यमंत्री की शह के, बिना मुख्यमंत्री के संरक्षण के सरेआम इस तरह की बातें नहीं कह सकता। अब तो ममता बनर्जी को भी इस बात का एहसास हो गया होगा कि 56 दिन तक खामख्वाह शाहजहां जैसे अपराधी को बचाने की कोशिश की, उसे पनाह देने की कोशिश की, उसके जुल्मों पर पर्दा डालने की कोशिश की, एक तरफ कोर्ट को नाराज किया, दूसरी तरफ गलत राजनीतिक संदेश भेजा, इन सबका नतीजा ये हुआ कि बीजेपी को बैठे बिठाए ममता के खिलाफ एक बड़ा मुद्दा मिल गया। लोकसभा चुनाव में बीजेपी इसे एक बड़ा मुद्दा बनाएगी। बंगाल की महिलाओं को बार बार याद दिलाएगी कि दीदी ने एक अपराधी को बचाया, महिलाओं पर जुल्म करने वालों का साथ दिया। बारासात में मोदी ने इसका पूरा इस्तेमाल किया। बारासात उत्तरी 24 परगना जिले का एक शहर है और संदेशखाली से 85 किलोमीटर दूर है। कोलकाता से बारासात के रास्ते में लोगों ने मोदी का फूलों से स्वागत किया। मोदी की रैली को नाम दिया गया था, नारी शक्ति वंदन, इसीलिए बड़ी संख्या में महिलाएं इस रैली में शामिल हुईं। खास बात ये थी कि मोदी की रैली में मोदी को सुनने के लिए बड़ी संख्या में संदेशखाली की महिलाएं भी बारासात आई थीं। हालांकि जैसे ही प्रशासन को इस बात की खबर लगी तो संदेशखाली की महिलाओं को रास्ते में रोका गया, उनसे पूछताछ की गई और कुछ ही महिलाओं को मोदी की रैली तक जाने दिया गया। लेकिन ये सारी महिलाएं रैली में उस वक्त पहुंची जब मोदी का भाषण खत्म हो चुका था। रैली खत्म होने के बाद मोदी ने मंच से उतर कर शाहजहां के जुल्मों की शिकार इन महिलाओं से मुलाकात की, उनसे काफी देर बात की, उनकी आपबीती सुनी। मोदी से इन महिलाओं ने कहा कि उन्हें अभी भी धमकियां मिल रही हैं, बंगाल की सरकार और बंगाल की पुलिस पर उन्हें यकीन नहीं हैं, वे अभी भी खौफ के साये में जी रहे हैं। मोदी ने इन महिलाओं को यकीन दिलाया कि केन्द्र सरकार उनके साथ खड़ी हैं, उन्हें न्याय दिलाने के लिए हर संभव कोशिश की जाएगी, इसलिए अब उन्हें किसी से डरने की जरूरत नहीं हैं। इस बीच ममता बनर्जी ने महिलाओं को लुभाने के लिए बुधवार को ऐलान किया कि ASHA वर्कर्स, ICDS हेल्पर और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की सैलरी बढ़ाई जाएगी। ममता बनर्जी ने अपना एक रिकॉर्डेड बयान जारी किया जिसमें उन्होंने कहा कि बीजेपी बंगाल की शान्ति को भंग करने की कोशिश कर रही है, चुनाव के मौके पर बंगाल को बदनाम करने की साजिश कर रही हैं और तृणमूल कांग्रेस इस कोशिश को कभी कामयाब नहीं होने देगी। ममता 10 मार्च को कोलकाता में जनगर्जना रैली करेंगी। ममता बनर्जी भले ही बीजेपी पर माहौल को खराब करने का इल्जाम लगाएं, संदेशखाली को बीजेपी की साजिश बताएं, लेकिन ये तो पूरे देश ने देखा है कि अगर शाहजहां और उसके गुंडे ED की टीम पर हमला न करते, और अगर ममता बनर्जी उसी दिन शेख शाहजहां को गिरफ्तार करवा देती, तो हो सकता है कि संदेशखाली की महिलाओं के साथ हुए जुल्म और जमीनों पर कब्जे के मामले कभी सामने ही न आते। इसलिए पहली गलती तो ममता ने शाहजहां को गिरफ्तार करने के बजाय, उसे छुपा कर की। इसके बाद जब संदेशखाली में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती हुई, बीजेपी के नेताओं के दौरे शुरू हुए तो वहां के लोगों को हिम्मत मिली, संदेशखाली की महिलाओं ने खुद कैमरे के सामने के सामने आकर रो-रोकर अपनी दास्तां कही लेकिन ममता ने विधानसभा में खड़े होकर महिलाओं के आंसूओं को एक्टिंग बता दिया, आरोपों को झूठा करार दिया, महिलाओं के बयानों को बीजेपी की स्क्रिप्ट बता दिया। ये ममता की दूसरी गलती थी।
इसके बाद संदेशखाली की महिलाओं के एफीडेविट कोर्ट में जमा हुए। कोर्ट के दबाव में पुलिस को FIR दर्ज करनी पड़ी। फिर हाईकोर्ट के आदेश के बाद बंगाल की पुलिस ने शाहजहां को गिरफ्तार किया और उसे सीबीआई से बचाने के लिए ममता बनर्जी ने ED पर हमले के केस की जांच CID को सौंप दी और शाहजहां को CID की कस्टडी में भेज दिया। ये ममता की तीसरी गलती थी। इसके बाद जब हाईकोर्ट ने ED पर हमले का केस सीबीआई को ट्रांसफर करने और शेख शाहजहां को सीबीआई के हवाले करने का आदेश दिया, तो पुलिस ने कोर्ट का आदेश नहीं माना। ये ममता सरकार की चौथी गलती थी और इसके बाद ममता ने सुप्रीम कोर्ट में कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील की। ये ममता की पांचवीं गलती थी। चूंकि ममता लगातार शेख शाहजहां को बचाने की कोशिश कर रही हैं, इसलिए उनके खिलाफ महिलाओं में गुस्सा पनप रहा है। अगर ममता ने पहले ही दिन शाहजहां को गिरफ्तार कर लिया होता, उसे जेल भेजा होता, तो शायद ये मामला इतना न बढ़ता लेकिन ममता ने लगातार गलतियां की, उससे उनके खिलाफ जो माहौल बना, उसका फायदा अगर बीजेपी उठा रही हैं, तो इसमें गलत क्या है? चुनाव सामने है – मौका भी है और दस्तूर भी। रिपोर्ट अशोक झा