सफर पर निकल रहें हैं तो सतर्क रहें ऐसे लुटेरे से जो तीन रूपये की गोली खिलाकर करते हैं लूट, इस लुटेरे की पढ़िए कहानी,
फरीदाबाद। नींद की गोली खिलाकर लोगों को लूटने वाले आरोपी ने क्राइम ब्रांच के सामने कई खुलासे किए हैं। अभी तक की जांच में सामने आया आरोपी 50 रुपये में नींद की गोली का एक पत्ता खरीदता था। 100 एमजी की चार गोलियों को पीसकर चाय या शीतल पेय में मिलाकर पिला देता था। एक गोली खरीदने पर तीन रुपये की मिलती थी। आरोपी ने पुलिस को बताया दो पुड़िया हमेशा साथ में रखता है। एक बार में ज्यादा पैसा नहीं मिलने पर तुरंत ही दूसरे शिकार की खोज में जुट जाता था।
आरोपी करीब दस साल पहले गांव से काम की तलाश में दिल्ली आया था। किसी तरह आरोपी ऐसे गिरोह के साथ जुड़ गया जो लोगों को लूटने का काम करते थे। जीआरपी गाजियाबाद ने आरोपी को चार केसों में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। आरोपी दो साल तक जेल में रहा । यहां आरोपी का संपर्क नशा पिलाकर या सुंघाकर लूटपाट करने वालों से हुआ। इसके बाद आरोपी ने अकेले ही वारदात को अंजाम देना शुरू कर दिया। आरोपी ने पुलिस को बताया वह 50 रुपये में 100 एमजी की नींद की गोली का एक पत्ता खरीद लेता है और चार गोलियों को पीसकर एक पुड़िया से एक शिकार करता है।
लूटा एक युवक आज तक घर नही पंहुचा
क्राइम इंचार्ज ब्रह्मप्रकाश ने बताया आरोपी ने करीब 2 महीने पहले सेक्टर 8 निवासी मुकेश नाम के एक युवक के साथ नशीला प्रदार्थ पिलाकर लूट की वारदात को अंजाम दिया था। आरोपी मुकेश को नशे की हालत में ही कहीं फेंक कर चला गया। घटना के दो महीने बाद भी पीडित मुकेश अभी तक घर वापस नहीं लौटा है। पुलिस आज भी उसें ढूंढ रही है। मुकेश के भाई बबलू ने सेक्टर 8 थाने में मुकेश की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। क्राइम ब्रांच की टीम ने जांच के दौरान पाया मुकेश के मोबाइल को आरोपी विजय के गांव में रहने वाला सुभाष नाम का व्यक्ति इस्तेमाल कर रहा है। सुभाष ने पूछताछ में बताया आरोपी विजय को जानता है। विजय से मोबाइल 2000 रुपये में खरीदा था। विजय ने पूछताछ में बताया उसने 2 महीने पहले मुकेश के साथ लूटपाट की थी। वारदात को अंजाम देने के बाद वह उसे नशें की हालत में सडक किनारे फेंक कर फरार हो गया था। उसे अंदेशा है कि उसने गलती से मुकेश को नशे की ओवर डोज दे दी थी। हो सकता है वह नशे से बाहर ही ना आया हो या कोमा में चला गया हो।
आरोपी ने ज्यादातर पुरुषों को ही अपना निशाना बनाता था। वह बस स्टैंड के आसपास गांव जाने वालों पर नजर रखता था। उनसे दोस्ती करने के बाद नशीली चाय पिलाकर लूट लेता था। एक बार में 40 से 50 हजार रुपये, नए कपडे व मोबाइल मिल जाता था। पूर्वांचल की बोली देखकर आराम से बाहरी लोग उसके झांसे में आ जाते थे।
एक निजी अस्पताल से सीनियर डॉ. कुलराज मिश्रा का कहना है सामान्य तौर पर नींद ना आने पर पांच एमजी की गोली लोगों को दी जाती है। 100 एमजी की चार गोली से दमी करीब आठ घंटे कर गहरी नींद में जा सकता है। नींद की गोली की ओवर डोज से आदमी की सांस रूक सकती है। पीड़ित कोमा में जा सकता है, उसकी मौत भी हो सकती है। बिना डॉक्टर की सलाह के पांच एमजी की गोली भी नहीं ली जा सकती। डीसीपी क्राइम मुकेश मल्होत्रा का कहना है लोगों को सार्वजनिक स्थानों पर सचेत रहना चाहिए। अनजान लोगों से कोई भी खाने पीने की चीज नहीं लेनी चाहिए। पुलिस इस बारे में जल्द ही जागरूकता अभियान चलाएगी।