बंगाल में ज्यादातर सीटों पर त्रिकोणीय संघर्ष की आशंका
-माकपा कांग्रेस से मिलकर टीएमसी का बिगाड़ने वाली है खेल
कोलकाता: लोकसभा चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है। पश्चिम बंगाल में चुनावी समीकरण बदल रहे हैं। जब विपक्षी दलों का इंडी गठबंधन बना और राहुल गांधी, ममता बनर्जी और सीताराम येचुरी एक साथ मंच साझा किया तो लगा कि बंगाल में आमने-सामने की लड़ाई इस बार देखने को मिलेगी।बीजेपी, कांग्रेस और टीएमसी में सीधा मुकाबला होगा, लेकिन आसार इसके नहीं हैं। दरअसल, माकपा के राष्ट्रीय महासचिव सीताराम येचुरी ने साफ कह दिया कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस से हाथ नहीं मिलाएंगे। उसके बाद कांग्रेस-टीएमसी में गठबंधन की संभावना बनी। कांग्रेस हाईकमान के रूची दिखाने पर भी बंगाल पार्टी अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी इसके पक्ष में नही थे और विरोध जताया। मुख्यमंत्री व टीएमसी की प्रमुख ममता बनर्जी ने साफ कह दिया कि उनकी पार्टी कांग्रेस के लिए दो से अधिक सीट नहीं छोड़ेगी। ऐसे में दोनों पार्टियों के बीच बात नहीं बनी। सीएम ममता ने अकेले चुनाव लड़ने का एलान कर 10 मार्च को कोलकाता के बिग्रेड परेड ग्राउंड में विशाल रैली कर 42 उम्मीदवारों को एक साथ मंच पर खड़ा कर दिया।उसके बाद कांग्रेस और वाममोर्चा में गठबंधन के आसार बने, लेकिन वाममोर्चा ने 16 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए। हालांक 26 सीटों को लेकर कांग्रेस के लिए दरवाजा खोल कर रखा है। सूत्रों से खबर है कि वाममोर्चा और कांग्रेस में बात बनती दिख रही है। जिससे राज्य में त्रिकोणीय मुकाबला दिखाई दे सकता है। सीपीआई (एम) के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम को मुर्शिदाबाद सीट से मैदान में उतारा गया है. राणाघाट सीट से अलकेश दास को टिकट मिला है. बर्धमान-दुर्गापुर लोकसभा सीट से सुकृति घोष उम्मीदवार होंगी. बोलपुर सीट पर श्यामली प्रधान को उम्मीदवार बनाया गया है।
टीएमसी के कुछ प्रमुख उम्मीदवार: टीएमसी की बात करें तो उसने पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान को बरहामपुर से और कीर्ति आजाद को बर्धमान दुर्गापुर लोकसभा सीट से मैदान में उतारा है. ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी डायमंड हार्बर से चुनाव लड़ेंगे. पिछले साल शीतकालीन सत्र में लोकसभा से निष्कासित महुआ मोइत्रा को कृष्णानगर निर्वाचन क्षेत्र से टिकट दिया गया है. हाल ही में भारतीय जनता पार्टी छोड़ने वाले मुकुट मणि अधिकारी को भी राणाघाट लोकसभा सीट से टिकट दिया गया है. टीएमसी ने कूच बिहार से जगदीश सी बसुनिया, अलीपुरद्वार से प्रकाश चिक बड़ाईक, जलपाईगुड़ी से निर्मल चौधरी रॉय और दार्जिलिंग से गोपाल लामा को मैदान में उतारा है। कृष्ण कल्याणी को रायगंज से मैदान में उतारा गया है, जबकि बिप्लब मित्रा और प्रसून बनर्जी क्रमशः बालुरघाट और मालदा उत्तर से चुनाव लड़ेंगे।पार्टी ने मालदा दक्षिण से शाहनवाज अली रेहान को मैदान में उतारा है। जंगीपुर से खलीलुर्रहमान को टिकट दिया है. अबू ताहिर खान को मुर्शिदाबाद से, विश्वजीत दास को बोंगांव से और पार्थ भौमिक को बैरकपुर से टिकट दिया गया है।
42 सीटों के लिए 7 चरणों में होंगे चुनाव: पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों के लिए सात चरणों में चुनाव होंगे. यहां वोटिंग 19 अप्रैल से शुरू होकर आखिरी चरण 1 जून तक होगी। वोटों की गिनती 4 जून को होगी. 2019 के लोकसभा चुनावों में सत्तारूढ़ टीएमसी ने 22 सीटें हासिल की थीं, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य की 42 संसदीय सीटों में से 18 सीटें जीतीं थीं. तब कांग्रेस के हिस्से में सिर्फ 2 सीटें ही आई थीं। रिपोर्ट अशोक झा