झारखंड ग्रामीण विकास विभाग में फैले भ्रष्टाचार, हर तरफ मिल रहा पैसे का अंबार

परत दर परत ईडी के द्वारा खोले जा रहा है फाइल, बढ़ेगी मंत्रियों को मुश्किलें


रांची से अशोक झा: झारखंड ग्रामीण विकास विभाग में फैले भ्रष्टाचार की परत दर परत ईडी के द्वारा खोले जा रहे हैं। वहीं, इस विभाग में भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी मजबूत हैं इसका अंदाजा ईडी की कार्रवाई में नजर आ रहा है।रिमांड के पहले दिन ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के आप्त सचिव रहे संजीव लाल को प्रवर्तन निदेशालय (इडी) के अधिकारी उन्हें लेकर प्रोजेक्ट भवन मंत्रालय पहुंचे. प्रोजेक्ट भवन मंत्रालय के सेकेंड फ्लोर में ग्रामीण विकास मंत्री के आप्त सचिव का चैंबर भी है। ईडी के अधिकारी ग्रामीण विकास विभाग के सभी टेंडरों से जुड़े दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं। संजीव लाल के माध्यम से कराए गए सभी कार्यों और निस्तारित फाइलों की जांच की जा रही है। ग्राम विकास विभाग के सभी कर्मचारियों को बाहर जाने की अनुमति नहीं है. सभी लोग कार्यालय में मौजूद हैं।कार्यालय के बाहर मौजूद lसीआरपीएफ के जवान: वहीं, ग्रामीण विकास विभाग कार्यालय के बाहर सीआरपीएफ के जवान मौजूद हैं। इस दौरान बाहरी लोगों के प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई है। फिलहाल ग्रामीण विकास विभाग पूरी तरह से ईडी के नियंत्रण में है और जांच चल रही है।, सोमवार को हुई छापेमारी में जहां 35 करोड़ 23 लाख रुपए मिले तो मंगलवार को उसी फेहरिस्त को जब ईडी ने आगे बढ़ाया तो फिर 2 करोड़ 14 लाख रुपए ईडी को मिले. साथ ही इस विभाग में फैले भ्रष्टाचार से संबंधित कई अहम दस्तावेज भी ईडी ने बरामद किए हैं जिनमे कई सफेदपोशों के चेहरे आने वाले दिनों में बेनकाब होते नजर आ सकते हैं।वहां ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री कोषांग को पांच घंटे खंगाला। टीम को संजीव के चैंबर से नकद समेत कई दस्तावेज मिले। नेताओं द्वारा लिखे गए दर्जनों पैरवी पत्र भी मिले हैं।
संजीव लाल के चैंबर के ड्रॉवर में रखे थे दो लाख: मंत्री कोषांग में ईडी ने बुधवार को पीएस संजीव लाल के चैंबर की गहन तलाशी ली। इस दौरान ड्रॉवर से 2.03 लाख नकद बरामद किए गए। इसमें 1.75 लाख रुपए पांच-पांच सौ के नोटों की गड्डियों में थे, जबकि 28 हजार रुपए पांच-पांच सौ रुपए के पुराने नोटों की गड्डियों में थे। ईडी को पीएस ने बताया कि ये पैसे गिफ्ट के तौर पर ठेकेदारों से मिले थे। जिसे उसने ड्रॉवर में रख दिया था।
पैरवी वाले लेटर भी मिले: जानकारी के मुताबिक, अधिकतर पैरवी पत्र में सीओ-बीडीओ के तबादले के साथ टेंडर मैनेज को लेकर भी पत्राचार किया गया है। दस्तावेजों की बरामदगी के बाद अब ईडी यह जांच करेगी कि किन-किन पैरवी पत्रों के जरिए विभाग ने तबादले किए। इसमें किन अधिकारियों की संलिप्तता है। सचिवालय में मचा हड़कंप: सचिवालय में ईडी टीम के पहुंचने से हड़कंप मच गया। मुख्य सचिव ने डीजीपी को बुलाया। दोनों अधिकारियों ने कुछ देर बैठक की। इस दौरान रांची एसएसपी, सिटी एसपी भी पहुंच गए। वीरेंद्र राम से जुड़े मनी लाउंड्रिंग में हो रही कार्रवाई टेंडर से मिली कमीशन राशि की मनी लाउंड्रिंग करने के आरोप में जेल में बंद ग्रामीण विकास विभाग के निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम से जुड़े मामले में ईडी सोमवार से कार्रवाई कर रही है। पहले दिन मंत्री आलमगीर के ओएसडी संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम, ओएसडी के करीबी ठेकेदार मुन्ना सिंह के यहां छापेमारी कर 35.23 करोड़ रुपये बरामद किए। वहीं मंगलवार सुबह हटिया स्थित मेकॉन वाटिका अपार्टमेंट में ठेकेदार राजीव सिंह के फ्लैट में छापेमारी के दौरान 2.14 करोड़ बरामद किए।चुनाव आयोग को दी कैश मिलने की सूचना: ईडी ने दो दिनों में की गई छापेमारी के दौरान बरामद राशि के बारे में चुनाव आयोग को सूचना दी है। इसमें कहा गया है कि अलग-अलग ठिकानों से 35.23 करोड़ और 2.14 करोड़ रुपए बरामद किए गए हैं। ईडी अधिकारियों के अनुसार, चुनाव आचार संहिता लगी होने के कारण चुनाव आयोग को इस बारे में पूरी जानकारी दी गई है। चुनाव के दौरान इन पैसों का इस्तेमाल किया जाना था या नहीं, इसकी जानकारी नहीं है। बता दें कि सोमवार को ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल और उनके करीबियों के यहां जब ईडी ने दबिश दी तो फिर एक बार नोटों का पहाड़ ईडी को मिला. साथ ही पदाधिकारियों और अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग से संबंधित कई कागजात और जमीन से जुड़े कई दस्तवेज और जेवरात भी ईडी ने बरामद किए. वहीं, ईडी की जांच में कई अहम जानकारियां भी सामने आईं. इन जानकारियों में ये बातें सामने आईं कि संजीव इंजीनियरों की मदद से निविदा (टेंडर) में कमीशन वसूलता था और इन पैसों को एकत्र करने का काम जहांगीर किया करता था। वहीं, ये पैसे सरकार में बैठे उपर के लोगों तक जाते थे. इसे लेकर बाकायदा पूरी मशीनरी संजीव लाल ने बना रखी थी. ईडी ने कोर्ट को ये भी जानकारी दी है की ईडी के द्वारा गिरफ्तार किए गए विरेंद्र राम (पूर्व ग्रामीण विकास विभाग के चीफ इंजीनियर) ने ईडी को पूछताछ में बताया था कि कमीशन के करोड़ों रुपये सितंबर 2022 के महीने में उसने संजीव लाल को सौंप दिए गए थे. वहीं संजीव लाल के घर से 2 गाड़ियां भी बरामद की गई हैं, जिसका इस्तेमाल भले संजीव किया करता था, लेकिन वो गाड़ियां जहांगीर के नाम पर ही थीं. इन बातों की जानकारी ईडी ने पीएमएलए कोर्ट को दी है। वहीं, इसके साथ ही संजीव और जहांगीर से हुई पूछताछ और जानकारी एक आधार पर ईडी ने 5 लोकेशन पर छापेमारी की. मंगलवार को हुई छापेमारी में ईडी को 2 करोड़ 14 लाख रुपए, जेवरात, जमीन से जुड़े दस्तवेज बिल्डर राजीव कुमार सिंह के आवास से मिले हैं. वहीं, इसके साथ ही ग्रामीण विकास विभाग के दो इंजीनियर भी ईडी के राडार पर रहे, जिनके आवास पर ईडी ने दबिश दी. आईटीआई बस स्टैंड के समीप रहने वाले ग्रामीण विकास विभाग के इंजीनियर राजकुमार और कांके इलाके में रहनेवाले ग्रामीण विकास विभाग के इंजीनियर अजय मुंडा के आवास से भी कई अहम दस्तावेज ईडी को मिले हैं. जानकारी के अनुसार, ईडी को कई अहम जानकारियां मिली हैं और बहुत संभव है कि आनेवाले दिनों में कई सफेदपोशों और धनकुबेरों के चेहरे बेनकाब होंगे।

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