बंगाल में दीदी के साथ भाजपा ने कर दिया ‘खेला’, संदेशखाली, मोदी और शुभेंदु अधिकारी होंगे गेम चेंजर

अशोक झा, कोलकोता:सबसे लंबी अवधि वाले चवालीस दिनी आम चुनाव का समापन शनिवार को 57 सीटों पर मतदान के साथ हो गया। झुलसाती गर्मी व तूफान के बावजूद सात चरणों वाले लंबे चुनाव अभियान में मतदाताओं का उत्साह दुनिया को भारतीय लोकतंत्र की ताकत दिखाता है। 4 को नतीजा आने वाला है। इस बार सबसे ज्यादा लोगों की नजर बंगाल पर टिकी हुई है। एग्जिट पोल में पश्चिम बंगाल में बीजेपी का डंका बजता दिख रहा है। इंडिया टुडे एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल में बीजेपी को 26 से 31 सीटें मिल रही हैं तो वहीं टीएमसी को 11 से 14 और INDIA गठबंधन को 0-2 सीटें मिलती दिख रही हैं। अन्य एग्जिट पोल के मुताबिक, बीजेपी बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से 21 से 25 सीटें जीत सकती हैं।अनुमान के अनुसार यहां बीजेपी को 44 फीसदी बहुमत मिलता दिख रहा है। वहीं, टीएमसी को 41 और इंडिया ब्लॉक को 11 फीसदी वोट मिल सकते हैं। 4 फीसदी वोट अन्य के खाते में जाता दिख रहा है। सर्वे के हिसाब से भाजपा यहां 42 सीटों पर सबसे बड़ी पार्टी साबित होगी। वहीं, बीजेपी यहां पिछली बार की 18 सीटों के बजाय 24 सीटों पर जीत दर्ज करती दिख रही है।

वहीं, टीएमसी को इस बार 17 सीटें मिल सकती हैं, यानी 5 सीटों का लॉस हो सकता है। पिछली बार टीएमसी ने 22 सीटों पर जीत दर्ज की थी। उधर, इंडिया ब्लॉक को सिर्फ एक सीट से संतोष करना पड़ सकता है। अगर सर्वे के आंकड़े रिजल्ट में बदले, तो यह एनडीए के विरोधियों के लिए तगड़ा झटका होगा। सर्वे के हिसाब से बंगाल में इस बार पासा पलटा दिख रहा है। सर्वे में टीएमसी और कांग्रेस के लिए चिंताजनक आंकड़े सामने आए हैं। अगर सर्वे के आंकड़े नतीजों में बदल गए, तो यह बीजेपी का अब तक का सबसे शानदार प्रदर्शन होगा। 2019 में पश्चिम बंगाल में बीजेपी ने जो प्रदर्शन किया था उसको सबने गजब करार दिया। उसने राज्य की 42 में से 18 सीटें जीतीं। 5 साल बाद एग्जिट पोल्स ने भविष्यवाणी की है कि पार्टी इस बार और भी बेहतर प्रदर्शन करने के लिए तैयार है. राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के लिए इससे भी बड़ा झटका क्या हो सकता है क्योंकि अधिकांश एग्जिट पोल में कहा गया है कि लोकसभा सीटों के मामले में बीजेपी अब बंगाल में सबसे बड़ी पार्टी होगी. पोल ऑफ पोल्स में बीजेपी के लिए 23 और तृणमूल कांग्रेस के लिए 18 सीटों की भविष्यवाणी की गई है।इसमें लगातार तीसरी बार बीजेपी की अगुआई में NDA की सरकार बनती दिख रही है। एग्जिट पोल के नतीजों को मानें तो बीजेपी अपने दम पर भी सरकार बनाने में सक्षम हो जाएगी।इस बार के लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल सबसे ज्‍यादा चर्चा में रहा। भाजपा के दिग्‍गज नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा आद‍ि ने तूफानी दौरा कर चुनाव प्रचार किया था। वहीं, बंगाल भाजपा के वरिष्‍ठ नेता सुवेंदु अधिकारी ने हर लोकसभा क्षेत्र में जाकर चुनाव प्रचार किया। दूसरी तरफ, संदेशखाली की घटना पर भी जमकर राजनीति हुई। एग्जिट पोल के नतीजों में इन सबका असर पड़ता दिख रहा है। बीजेपी की सीटें इस बार जहां बढ़ने की संभावना है तो मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी साल 2019 के चुनाव के मुकाबले सिमट सकती है। पश्चिम बंगाल में लोकसभा की 42 सीटें हैं।सुवेंदु अधिकारी की मेहनत रंग लाती दिख रही है।विभिन्‍न मीडिया संगठनों की ओर से जारी एग्जिट पोल के नतीजों से फिलहाल यही लग रहा है। औसतन हर एग्जिट पोल में बीजेपी पश्चिम बंगाल में गेन करती दिख रही है। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा को 18 सीटें मिली थीं, जबकि ममता बनर्जी की TMC के खाते में 22 सीटें गई थीं।वहीं, कांग्रेस 2 सीट जीत पाई थी। एग्जिट पोल के रिजल्‍ट्स के अनुसार, इस बार बीजेपी अपनी 18 की टैली को बढ़ाकर 26 तक पहुंचा सकती है, वहीं TMC 17 से 21 सीटों पर जीत हासिल कर सकती है।ऐसे में इस बार ममता के मां-माटी-मानुष को झटका लग सकता है। हालांकि, TMC ने एग्जिट पोल के आंकड़ों को खारिज करते हुए कहा कि उसे चुनाव और परिणाम पर भरोसा है।इंडिया टुडे एक्सिस माई इंडिया 26 से 31 11 से 14,जन की बात 21 से 26 16 से 18,रिपब्लिक भारत मैट्रिज 21 से 25 16 से 21,न्‍यूज24 चाणक्‍या 24 17
सुवेंदु अधिकारी और संदेशखाली: पश्चिम बंगाल में इस बार दो चीजें छाई रहीं- भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी और संदेशखाली।संदेशखाली में तृणमूल नेता (अब निष्‍कासित) द्वारा महिलाओं के शोषण और जमीन हड़पने के आरोपों से जुड़े मुद्दे ने प्रदेश के साथ ही पूरे देश में सुर्खियां बटोरीं। भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने इस मुद्दे को हाथ से जाने नहीं दिया। उन्‍होंने इसको लेकर लगातार ममता सरकार पर हमलावर रहे। आखिरकार इसे राष्‍ट्रीय मुद्दा बना दिया. स्थिति यह हो गई कि ममता बनर्जी की सरकार को मजबूरन अपने नेता के खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ी। संदेशखाली और सुवेंदु अधिकारी के आक्रामक रवैये ने ममता सरकार को बैकफुट पर ला दिया। एग्जिट पोल के नतीजों में इसका असर पड़ता दिख रहा है। संदेशखाली के मुद्दे ने ममता बनर्जी के मां-माटी-मानुष के नारे को काफी हद तक तोड़ने में सफलता हासिल की है।अभिषेक बनर्जी का क्‍या होगा?
मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी एक बार फिर से लोकसभा चुनाव मैदान में हैं। वह डायमंड हार्बर सीट से तृणमूल कांग्रेस के प्रत्‍याशी हैं। उनका मुकाबला भाजपा के अभिजित दास से है। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में अभिषेक बनर्जी ने इस सीट पर जीत हासिल की थी। उन्‍होंने भाजपा के नीलांजन रॉय को मात दी थी। बता दें कि बीजेपी प्रत्‍याशी को यहां तकरीबन पौने पांच लाख मत हासिल हुआ था। बीजेपी ने इस बार यहां से अपना प्रत्‍याशी बदला है। ऐसे में यह देखना दिलचस्‍प होगा कि इस बार भाइपो यानी कि अभिषेक बनर्जी इस बार डायमंड हार्बर सीट को बचा पाते हैं या नहीं।

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