ना”पाक” के इरादे को नेश्तनाबूद करे भारतीय सेना, देश की जनता उनके साथ

सिलीगुड़ी: जम्मू-कश्मीर में तीन दिन पहले रियासी जिले में आतंकियों ने श्रद्धालुओं की बस पर हमला कर दिया था​। आतंकियों ने श्रद्धालुओं की बस पर हमला कर दिया​। इसके बाद बस चालक ने बस से नियंत्रण खो दिया और बस घाटी में जा गिरी​। इस घटना में 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि 33 लोग घायल हो गए​। अब जबकि यह घटना ताजा है तो जानकारी सामने आई है कि आतंकियों ने एक और जगह पर हमला किया है​।आज आतंक के खिलाफ आंदोलन कर रहे वीएचपी के युवा शाखा शाखा बजरंग दल को लोगों को पूरा सहयोग और सराहना मिल रहा है। बीएचपी के प्रवक्ता सुशील रामपुरिया ने कहा की पाक के नापाक इरादे को पूरी तरह भारतीय सेना को नेस्तनाबूद करना होगा। राष्ट्रपति से मांग की गई है की 9 जून को वैष्णो देवी कटरा से जम्मू कश्मीर में शिव खोड़ी जाते समय हिंदू तीर्थयात्रियों की एक बस पर क्रूर पाकिस्तान प्रायोजित इस्लामिक जिहादी आतंकवादियों ने कायरतापूर्ण हमला किया जिसमें 10 निर्दोष हिंदू तीर्थयात्रियों की मौत हो गई।इस घटना ने पूरे देशवासियों को झकझोर कर रख दिया है. इस क्रूर कृत्य से पूरा देश आहत और बेहद गुस्से में है। जम्मू कश्मीर लंबे समय से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का दंश झेल रहा है। धारा 370 हटने के बाद उम्मीद की किरण तो जगी है, लेकिन ऐसा लगता है कि उग्रवादियों का मनोबल अभी कम नहीं हुआ है. हिंदुओं की पहचान कर उन्हें मारने की घटनाएं बढ़ी हैं। इन सबके पीछे साफ तौर पर पाकिस्तान का हाथ है। देश की नई सरकार के शपथ ग्रहण के समय ऐसी दुस्साहसिक हरकत कर इस्लामिक आतंकियों ने देश की संप्रभुता को चुनौती दी है।बजरंग दल मारे गए हिंदू तीर्थयात्रियों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है लेकिन इस कायरतापूर्ण कृत्य पर अपना गहरा गुस्सा व्यक्त करता है और आपसे अनुरोध करता है कि ऐसी गतिविधियों पर पूर्ण नियंत्रण पाने के लिए केंद्र सरकार को निर्णायक और सख्त कदम उठाने का निर्देश दिया जाए और केंद्र सरकार से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया जाए ऐसे तत्वों को संरक्षण देने वाले आंतरिक और विदेशी तत्वों से सख्ती से निपटा जाए। बताया की जो सेना और सुरक्षा एजेंसी से जानकारी मिल रही है वह चौकाने वाली है। रियासी हमले के लिए जिम्मेदार आतंकवादी अच्छी तरह से प्रशिक्षित मालुम होते हैं, संभावना यह भी है कि शायद वह दूसरे देश को हो और संभवत: वह पाकिस्तान के विशेष सेवा समूह (SSG) द्वारा प्रशिक्षित किए गए उग्रवादी हों। सूत्र ने कहा, “वे सटीक निशानेबाज हैं और गोला-बारूद का कम से कम इस्तेमाल करते हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने रियासी हमले में बड़ी कार्रवाई की है. रियासी पुलिस ने बस पर आतंकी हमला मामले में शामिल आतंकवादी का स्केच जारी किया है और उसके बारे में कोई भी जानकारी देने पर 20 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है।जम्मू कश्मीर के डोडा जिले में मंगलवार रात सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच एक मुठभेड़ शुरू हो गई थी। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक आनंद जैन ने बताया कि जिले के चतरगला इलाके में 4 राष्ट्रीय राइफल्स और पुलिस की एक संयुक्त चौकी पर आतंकवादियों ने गोलीबारी की। उन्होंने बताया कि सुरक्षाकर्मियों ने जवाबी कार्रवाई की जिसके साथ मुठभेड़ शुरू हो गई। इस घटना में एक आम नागरिक घायल हो गया जबकि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का एक जवान शहीद हो गया।इनके पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद बरामद किए गए. यही नहीं आतंकियों के पास से पाकिस्तान में बनी चॉकलेट, पाकिस्तान में बनी दवाएं और दर्द निवारक इंजेक्शन भी मिले हैं. इनके पास से पुलिस ने सूखा छेना और रोटियां भी बरामद की। पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि ये आतंकवादी हीरानगर सेक्टर में कूटा मोड के पास सैदा सुखल गांव में छिपे हुए थे। ।आतंकियों के पास से मिली ये चीजें: कठुआ पुलिस ने बताया कि मारे गए आतंकियों के पास से 3 मैगजीन जिसमें 30 राउंड थे, 1 मैगजीन जिसमें 24 राउंड थे, अलग-अलग पॉलीथीन में 75 राउंड, 3 जिंदा ग्रेनेड, 1 लाख रुपये की करेंसी (500 रुपये के 200 नोट), खाने-पीने की चीजें (पाकिस्तान में बनी चॉकलेट, सूखे चने और रोटियां), पाकिस्तान में बनी दवाइयां और इंजेक्शन (दर्द निवारक), 1 सिरिंज, A4 बैटरी के 2 पैक, एंटीना वाले टेप में लिपटा 1 हैंडसेट और इस हैंडसेट से लटके 2 तार, 1 M4 कार्बाइन और 1 एके 47 बरामद हुई। बड़ी आतंकी घटना टली: हमले के वक्त मौजूद गांव में रहने वाले सुरिंदर ने कहा, ”मैंने गांव में आतंकवादियों के होने की सूचना फैला दी, जिस कारण एक बड़ी घटना टल गई. कई बच्चे खेल रहे थे और लोग बाहर घूम रहे थे. वे (आतंकवादी) आसानी से 15 से 20 लोगों को मार सकते थे, जिनमें ज्यादातर बच्चे थे। लोग शाम को सत्संग के लिए जा रहे थे. यह भयानक हो सकता था। अपनी मोटरसाइकिल से गांव लौट रहे सुरिंदर का सामना हथियारबंद आतंकियों से हुआ था. आतंकियों ने सुरंदिर से पानी मांगा, जिसके बाद उसे उनके व्यवहार पर शक हुआ। इसके बाद उसने गांव वालों को सचेत कर दिया। सुरिंदर ने कहा, ” शाम के करीब साढ़े सात या पौने आठ बजे थे. मैं अपनी बाइक पर था कि तभी एक बच्चे ने मुझे गांव में दो हथियारबंद युवकों के बारे में बताया. मैंने उन्हें काले कपड़े पहने और एके राइफलों के साथ देखा। वे मुझे अपने पास बुला रहे थे. मुझे संदेह हुआ कि वे आतंकवादी हैं और मैंने गांव वालों को इसके बारे में बताया, जिसके बाद वे तुरंत अपने-अपने घर भाग गए. दुकानें बंद हो गईं और वाहनों की आवाजाही बंद हो गई। उन्होंने कहा, ”मेरे सचेत करने के कुछ ही पलों बाद आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी. उन्होंने कई गोलियां चलाईं, जिससे एक स्थानीय व्यक्ति के कंधे में चोट लग गई और उसके बाद एक धमाका हुआ। सुरिंदर ने कहा, ”अगर आतंकवादी दिन में आते तो स्थिति और भी खराब हो सकती थी क्योंकि सुबह के वक्त भीड़भाड़ होती है. देर रात तीन बजे फिर से गोलीबारी हुई, जिसमें सीआरपीएफ का एक अधिकारी शहीद हो गया। गांव में डर का माहौल: इस आतंकी हमले से गांव वालों में डर का माहौल है। उनका मानना ​​है कि आतंकवादियों ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के सुरक्षा बाड़ को पार कर सुरंग के जरिए घुसपैठ की होगी. गांव में रहने वाले त्रिलोक चंद ने कहा, ”अब घुसपैठ का डर है. इस इलाके में लंबे समय से ऐसी घटनाएं नहीं हुई हैं. यह अंतरराष्ट्रीय सीमा के करीब है. सरकार को पुख्ता सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। रिपोर्ट अशोक झा

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