बंगाल में विधायक के शपथ पर नाराज हुए राज्यपाल, राष्ट्रपति को लिखा पत्र

कोलकाता : बंगाल में नवनिर्वाचित विधायकों के शपथ ग्रहण का मामला एक बार फिर चर्चा में आ गया है।राज्यपाल ने विधानसभा अध्यक्ष के शपथ शपथ दिलाने पर आपत्ति दर्ज कराते हुए इसे संविधान विरोधी बताया है। राज्यपाल ने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखकर भी इसकी शिकायत की है।बता दें कि पश्चिम बंगाल के विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने 5 जुलाई को तृणमूल कांग्रेस के दो नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई थी।एक दिवसीय विशेष सत्र के दौरान बिमान बनर्जी ने तृणमूल विधायकों रयात हुसैन सरकार और सायंतिका बंदोपाध्याय का शपथ ग्रहण कराया था। दोनों ही विधायक विधानसभा में शपथ ग्रहण कराने की मांग को लेकर धरने पर बैठे हुए थे। हालांकि, इस शपथ ग्रहण पर राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उपसभापति ने किया शपथ दिलाने से इनकार: दरअसल, पहले राज्यपाल ने दोनों विधायकों को राजभवन में शपथ लेने के लिए कहा था। हालांकि, बाद में अपना रुख बदलते हुए राज्यपाल ने विधानसभा में शपथ दिलाने के लिए उपसभापति आशीष बनर्जी को अधिकृत किया था। लेकिन सत्र के दौरान उपसभापति आशीष बनर्जी ने शपथ दिलाने से इनकार कर दिया। उन्होंने इसका कारण बताते हुए कहा कि अध्यक्ष की उपस्थिति में ऐसा करना अनुचित होगा। उपसभापति की अपील के जवाब में स्पीकर बिमान बनर्जी ने विधायकों को सदन में बुलाया और खुद शपथ दिलाई।
राष्ट्रपति को पत्र लिखकर दर्ज की आपत्ति: विधानसभा की कार्रवाई से नाराज राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर अपनी आपत्ति दर्ज की। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के नियुक्त उपसभापति के बजाय अध्यक्ष का शपथ दिलाना संवैधानिक अनुचितता है। राजभवन की ओर से जारी बयान में कहा गया कि यह प्राथमिक ज्ञान है कि संविधान किसी भी विधानसभा नियम से ऊपर है। दो विधायकों को समय किया बर्बाद: राजभवन के एक अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखे अपने पत्र में राज्यपाल ने यह भी कहा है कि स्पीकर की कार्यवाही संविधान का उल्लंघन है। इस बीच आज तक से बात करते हुए विधायक सयंतिका बनर्जी ने कहा कि राज्यपाल ने दो विधायकों का समय बर्बाद किया।
लोगों के लिए काम करना है: बनर्जी
सयंतिका बनर्जी ने कहा,’सिर्फ डेढ़ साल बचे हैं।अगर राज्यपाल चाहते तो यह (शपथ ग्रहण) पहले ही हल हो सकता था। यह बहुत दुखद है। फिर भी हमने शपथ ले ली और अब हमें लोगों के लिए काम करना है। रिपोर्ट अशोक झा

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