पुरी जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार 46 साल बाद खोला गया

पुरी जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार 46 साल बाद खोला गया

न्यायमूर्ति विश्वनाथ रथ खजाने में कीमती सामानों की सूची की निगरानी करेंगे।

खजाने में वो चीजें हैं, जो उस दौर के राजाओं और भक्तों ने मंदिर में चढ़ाए थे। 12वीं सदी के बने मंदिर में तब से ये चीजें रखी हुई हैं। भंडारघर के दो हिस्से हैं, एक बाहरी और एक भीतरी भंडार। लेकिन खजाने के आंतरिक हिस्से को कभी नहीं खोला जाता। जबकि बाहरी हिस्से को त्योहार या अन्य किसी भी मौके पर खोलकर गहने निकालकर भगवान को सजाया जाता है।

रत्न भंडार का अंदरूनी चैंबर पिछले 46 साल से बंद था… इससे पहले इसे 1978 में इसे खोला गया था… बाद में 1985 में भी चैंबर को खोला गया, लेकिन खजाने के अंदर क्या है इसको लेकर कुछ नहीं बताया गया था!

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